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पौड़ी में भूमि खरीद का दाखिल खारिज चढ़ाने में गड़बड़ी, डीएम ने दिए जांच के आदेश

प्रकरण के सामने आने पर सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्रशासन से सूचना मांगी गई, प्रशासन को प्रकरण की जांच के आदेश दिए.

PAURI DM ORDERED
पौड़ी जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

श्रीनगर: तहसील पौड़ी के राजस्व उप निरीक्षक व रजिस्ट्रार कानूनगो के भूमि खरीद का दाखा (दाखिल-खारिज) चढ़ाने को लेकर विरोधा-भाषी रिपोर्ट दिए जाने के प्रकरण की जांच के आदेश हो गए हैं. यह तहसील पौड़ी के गाड़ का मरगांव में भूमि खरीद के बाद दाखा चढ़ाने का मामला है. सूचना के अधिकार में राजस्व उप निरीक्षक ने दाखा आर-6 में चढ़ाए जाने और रजिस्ट्रार कानूनगो ने दर्ज नहीं होने की सूचना दी है. सूचना आयोग के आदेश पर डीएम पौड़ी डॉक्टर आशीष चौहान ने प्रकरण की जांच एसडीएम सदर को सौंप जल्द रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं.

जानकारी के मुताबिक तहसील पौड़ी के मरगांव निवासी विकास चंद्र जोशी की गांव में पुश्तैनी भूमि है, जो श्रीनगर-पौड़ी-कोटद्वार हाईवे के चौड़ीकरण के तहत भूमि अधिग्रहण में आ गई है. उन्होंने बताया कि भूमि का मुआवजा चिन्हीकरण को लेकर खतौनी की नकल लेने पर सामने आया कि उनकी पुश्तैनी भूमि-विक्रय से अधिक क्रेता के नाम दर्ज दिखाई गई है.

बताया कि परिजनों ने वर्ष 1977 में 28 मुट्ठी भूमि किसी व्यक्ति को बेची थी. क्रेता पक्ष ने जनवरी 2023 को दाखा चढ़ाने के लिए आवेदन किया था. एक जनवरी 2023 को राजस्व उप निरीक्षक ने रिपोर्ट दी. कानूनगो ने उसी तिथि को अनुमोदित की. इसके बाद 6 जनवरी 2023 को तहसीलदार ने रजिस्ट्रार कानूनगो को प्रकरण भेजा और उन्होंने उसी दिन दाखा चढ़ा दिया. दाखा में 0.062 भूमि चढ़ी है, जो 3 नाली 1 मुठ्ठी है, जो विक्रय से अधिक क्रेता के नाम चढ़ाई गई है. जबकि 14 फरवरी 2022 से 9 सितंबर 2023 के बीच पौड़ी तहसील में स्थायी तहसीलदार सेवारत ही नहीं था. कहा कि यह सब तहसील प्रशासन की लापरवाही से हुआ है.

उन्होंने बताया कि प्ररकण के सामने आने पर सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत तहसील पौड़ी प्रशासन से सूचना मांगी गई, जिसमें राजस्व उप निरीक्षक द्वारा बताया गया कि उक्त भूमि का दाखा आर-6 में दर्ज है. जबकि रजिस्ट्रार कानूनगो ने बताया कि उक्त दाखा आर-6 में दर्ज नहीं है. विकास चंद्र जोशी ने बताया कि प्रकरण को लेकर राज्य सूचना आयोग में अपील की गई, जहां आयोग ने बीती 30 सितंबर को जिला प्रशासन पौड़ी को प्रकरण की जांच का आदेश जारी किया था.

क्या है आर-6: आर-6 भू-राजस्व अधिनियम 1991 के तहत राजस्व न्यायालयों द्वारा पारित विभिन्न आदेशों को अंकित किए जाने का अभिलेख होता है.

पढ़ें--

श्रीनगर: तहसील पौड़ी के राजस्व उप निरीक्षक व रजिस्ट्रार कानूनगो के भूमि खरीद का दाखा (दाखिल-खारिज) चढ़ाने को लेकर विरोधा-भाषी रिपोर्ट दिए जाने के प्रकरण की जांच के आदेश हो गए हैं. यह तहसील पौड़ी के गाड़ का मरगांव में भूमि खरीद के बाद दाखा चढ़ाने का मामला है. सूचना के अधिकार में राजस्व उप निरीक्षक ने दाखा आर-6 में चढ़ाए जाने और रजिस्ट्रार कानूनगो ने दर्ज नहीं होने की सूचना दी है. सूचना आयोग के आदेश पर डीएम पौड़ी डॉक्टर आशीष चौहान ने प्रकरण की जांच एसडीएम सदर को सौंप जल्द रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं.

जानकारी के मुताबिक तहसील पौड़ी के मरगांव निवासी विकास चंद्र जोशी की गांव में पुश्तैनी भूमि है, जो श्रीनगर-पौड़ी-कोटद्वार हाईवे के चौड़ीकरण के तहत भूमि अधिग्रहण में आ गई है. उन्होंने बताया कि भूमि का मुआवजा चिन्हीकरण को लेकर खतौनी की नकल लेने पर सामने आया कि उनकी पुश्तैनी भूमि-विक्रय से अधिक क्रेता के नाम दर्ज दिखाई गई है.

बताया कि परिजनों ने वर्ष 1977 में 28 मुट्ठी भूमि किसी व्यक्ति को बेची थी. क्रेता पक्ष ने जनवरी 2023 को दाखा चढ़ाने के लिए आवेदन किया था. एक जनवरी 2023 को राजस्व उप निरीक्षक ने रिपोर्ट दी. कानूनगो ने उसी तिथि को अनुमोदित की. इसके बाद 6 जनवरी 2023 को तहसीलदार ने रजिस्ट्रार कानूनगो को प्रकरण भेजा और उन्होंने उसी दिन दाखा चढ़ा दिया. दाखा में 0.062 भूमि चढ़ी है, जो 3 नाली 1 मुठ्ठी है, जो विक्रय से अधिक क्रेता के नाम चढ़ाई गई है. जबकि 14 फरवरी 2022 से 9 सितंबर 2023 के बीच पौड़ी तहसील में स्थायी तहसीलदार सेवारत ही नहीं था. कहा कि यह सब तहसील प्रशासन की लापरवाही से हुआ है.

उन्होंने बताया कि प्ररकण के सामने आने पर सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत तहसील पौड़ी प्रशासन से सूचना मांगी गई, जिसमें राजस्व उप निरीक्षक द्वारा बताया गया कि उक्त भूमि का दाखा आर-6 में दर्ज है. जबकि रजिस्ट्रार कानूनगो ने बताया कि उक्त दाखा आर-6 में दर्ज नहीं है. विकास चंद्र जोशी ने बताया कि प्रकरण को लेकर राज्य सूचना आयोग में अपील की गई, जहां आयोग ने बीती 30 सितंबर को जिला प्रशासन पौड़ी को प्रकरण की जांच का आदेश जारी किया था.

क्या है आर-6: आर-6 भू-राजस्व अधिनियम 1991 के तहत राजस्व न्यायालयों द्वारा पारित विभिन्न आदेशों को अंकित किए जाने का अभिलेख होता है.

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