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पौड़ी में रेफर-रेफर के खेल में अमित रावत ने गंवाई थी जान, PHC धुमाकोट के 'गायब' डॉक्टर को नोटिस - Pauri Amit Rawat Death Case

Pauri Amit Rawat Death Case पौड़ी में बदहाल स्वास्थ्य सुविधा के भेंट चढ़े अमित रावत की मौत का मामला सुर्खियों में है. डॉक्टरों ने अमित को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल फिर दूसरे अस्पताल से तीसरे अस्पताल रेफर किया. यहां भी इलाज नहीं मिला तो उसे चौथे अस्पताल भेजा गया. वहां से भी दिल्ली रेफर कर दिया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. इस प्रकरण पर अब जांच शुरू हो गई है. सबसे पहले जिस अस्पताल में अमित को ले जाया गया था, वहां का डॉक्टर लंबे समय से गायब चल रहा था. जिस पर अब जांच बैठा दी गई है.

PAURI AMIT RAWAT DEATH CASE
अमित रावत ((फोटो- परिजन))
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 26, 2024, 9:53 AM IST

श्रीनगर: नैनीडांडा के लचर स्वास्थ्य सुविधा की भेंट चढ़े अमित रावत मौत मामले में जांच शुरू हो गई है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट में सेवारत बॉन्ड धारी डॉक्टर के एक महीने से ज्यादा समय से गायब होने पर पौड़ी सीएमओ ने नोटिस जारी किया है. गायब डॉक्टर को जल्द पदभार संभालने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को पत्र भेजकर मामले की जानकारी दी गई है. सीएमओ ने प्रकरण की विस्तृत जांच एएसीओ को सौंपकर एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है. साथ ही प्रकरण से जुड़ी रिपोर्ट उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक को भेज दी गई है.

क्या था मामला? दरअसल, पौड़ी जिले नैनीडांडा विकासखंड के देवलधर गांव निवासी गिरधर रावत का बेटा अमित रावत (उम्र 24 वर्ष) कुछ दिनों पहले गांव में पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गांव आया था. वो दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था. बीते 22 मई की रात को गांव में ही अमित की अचानक तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद परिजन उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट ले गए, लेकिन धुमाकोट में डॉक्टर न होने पर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा ले जाया गया.

हद तो तब हो गई, जब यहां भी अमित को इलाज नहीं मिला. सीएचसी नैनीडांडा से डॉक्टर ने अमित को रामनगर अस्पताल रेफर कर दिया. रामनगर में सीटी स्कैन कराने के बाद डॉक्टरों ने अमित को राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया. यहां के डॉक्टरों ने भी इलाज से हाथ खड़े कर दिए और उसे दिल्ली के लिए रेफर कर दिया. ऐसे में परिजन अमित को लेकर दिल्ली की ओर निकले, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई.

एक के बाद एक चार अस्पतालों ने रेफर किए जाने के बाद भी अमित रावत को इलाज नहीं मिला और उसे अपनी जान गंवानी पड़ी. हैरानी की बात ये है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट में तैनात डॉक्टर करीब एक महीने से ज्यादा समय से गायब चल रहा है. जिस पर पौड़ी के प्रभारी सीएमओ डॉ. पारुल गोयल का कहना है कि पीएचसी धुमाकोट में बॉन्ड धारी डॉक्टर फरमान तैनात थे, लेकिन वो बिना बताए 19 अप्रैल से अनुपस्थित चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि ड्यूटी से नदारद डॉक्टर को नोटिस जारी कर जल्द तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग करने के निर्देश दिए गए हैं.

उधर, अमित के परिजनों ने पौड़ी डीएम आशीष चौहान और सीएमओ से मामले में कार्रवाई की मांग की है. वहीं, उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशक विनीता शाह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही पौड़ी सीएमओ से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही लापरवाही करने वाले को किसी भी सूरत न बख्शने की बात कही है. वहीं, बताया जा रहा है कि न्यूरो के डॉक्टर न होने से उसे रेफर किया गया है.

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क्या था मामला? दरअसल, पौड़ी जिले नैनीडांडा विकासखंड के देवलधर गांव निवासी गिरधर रावत का बेटा अमित रावत (उम्र 24 वर्ष) कुछ दिनों पहले गांव में पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गांव आया था. वो दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था. बीते 22 मई की रात को गांव में ही अमित की अचानक तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद परिजन उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट ले गए, लेकिन धुमाकोट में डॉक्टर न होने पर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा ले जाया गया.

हद तो तब हो गई, जब यहां भी अमित को इलाज नहीं मिला. सीएचसी नैनीडांडा से डॉक्टर ने अमित को रामनगर अस्पताल रेफर कर दिया. रामनगर में सीटी स्कैन कराने के बाद डॉक्टरों ने अमित को राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया. यहां के डॉक्टरों ने भी इलाज से हाथ खड़े कर दिए और उसे दिल्ली के लिए रेफर कर दिया. ऐसे में परिजन अमित को लेकर दिल्ली की ओर निकले, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई.

एक के बाद एक चार अस्पतालों ने रेफर किए जाने के बाद भी अमित रावत को इलाज नहीं मिला और उसे अपनी जान गंवानी पड़ी. हैरानी की बात ये है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट में तैनात डॉक्टर करीब एक महीने से ज्यादा समय से गायब चल रहा है. जिस पर पौड़ी के प्रभारी सीएमओ डॉ. पारुल गोयल का कहना है कि पीएचसी धुमाकोट में बॉन्ड धारी डॉक्टर फरमान तैनात थे, लेकिन वो बिना बताए 19 अप्रैल से अनुपस्थित चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि ड्यूटी से नदारद डॉक्टर को नोटिस जारी कर जल्द तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग करने के निर्देश दिए गए हैं.

उधर, अमित के परिजनों ने पौड़ी डीएम आशीष चौहान और सीएमओ से मामले में कार्रवाई की मांग की है. वहीं, उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशक विनीता शाह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही पौड़ी सीएमओ से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही लापरवाही करने वाले को किसी भी सूरत न बख्शने की बात कही है. वहीं, बताया जा रहा है कि न्यूरो के डॉक्टर न होने से उसे रेफर किया गया है.

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