जबलपुर: जबलपुर में एक जमीन के फर्जीवाड़े के आरोप में चारगांव पुलिस ने एक पटवारी को तहसील ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया. पटवारी पर आरोप है कि उसने एक शख्स को मृत बताकर उसकी 14 एकड़ जमीन गांव के चार लोगों को बांट दी. इस मामले में पुलिस ने जांच करके आरोपी पटवारी को गिरफ्तार कर लिया है. इसके विरोध में पटवारी ने हड़ताल कर दी है. जबलपुर में पुलिस और पटवारी आमने-सामने आ गए हैं. कलेक्टर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
चारगांव ब्लॉक के बेनी सिंह पिपरिया गांव की घटना
जबलपुर के चारगांव ब्लॉक के बेनी सिंह पिपरिया गांव में एक आदिवासी महिला शांतिबाई अपनी बेटी कृष्णा के साथ अपनी जमीन पर पहुंची. जब उन्होंने जमीन पर खेती करने की कोशिश की तो मुख्तियार सिंह, रामप्रसाद और हाकम सिंह गौड़ सहित गांव के चार लोगों ने उन्हें रोका. उन्होंने कृष्णा से कहा यह जमीन आपके पिताजी(हल्के) हमारे नाम कर गए थे. उन्होंने मां-बेटी को जमीन से भगा दिया गया.
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शांति बाई और कृष्णा बाई ने इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की. पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि हल्के की मृत्यु मई 2012 में हुई जबकि कागजातों में मृत्यु प्रमाण पत्र फरवरी 2012 का लगा हुआ है. इसी दस्तावेज के आधार पर तत्कालीन पटवारी राजेंद्र कुंजे ने हल्के की पत्नी की जगह अन्य लोगों को बांट दी. पुलिस ने पूरे मामले की जांच की और पटवारी राजेंद्र कुजे को चारगांव तहसील से गिरफ्तार कर लिया.
पटवारी संघ ने कहा, पटवारी की रिहाई तक जारी रहेगी हड़ताल
जैसे ही यह बात पटवारी संघ को पता लगी तो पटवारी संघ ने कलेक्ट्रेट में हड़ताल शुरू कर दी. उन्होंने प्रदर्शन करते हुए कहा कि पटवारी 3 दिन तक कलमबंद हड़ताल पर हैं. पटवारी के नेता राहिल नायक ने कहा "जब तक पटवारी राजेंद्र कुंजी को छोड़ा नहीं जाता तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी."
इस बारे में जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने पटवारी की गिरफ्तारी पर कहा "पुलिस को सरकारी कर्मचारी को किसी मामले में आरोपी बनाने से पहले संबंधित विभाग के अधिकारियों से बातचीत करना चाहिए. इस मामले की जांच एसडीएम कर रहे हैं. जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि पटवारी की कितनी गलती थी."