पटनाः बिहार की राजधानी पटना का चिड़ियाघर अब पूरे 51 साल का हो गया है. चिड़ियाघर के 51 साल पूरे होने पर वन-पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने चिड़ियाघर के निदेशक और कर्मचारियों के साथ मिलकर केक काटा.इसके साथ ही चिड़ियाघर में 16 लाख 60 हजार रुपये की लागत से बने आधुनिक पोस्टमॉर्टम कक्ष का भी उद्घाटन किया.
अररिया में चिड़ियाघर बनाने का एलानः पटना चिड़ियाघर के 51 साल पूरे होने पर मंत्री प्रेम कुमार ने एक बड़ी घोषणा की. उन्होंने अररिया जिले में 300 एकड़ में चिड़ियाघर बनाने की सरकार की योजना का एलान किया. उन्होंने बताया कि इसकी रूपरेखा विभाग की ओर से तैयार की जा रही है. रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा और कैबिनेट से अप्रूवल मिलने के बाद जू बनाने का काम शुरू किया जाएगा.
'जानवरों को मिलेगा बेहतर इलाज': इस मौके पर वन एवं पर्यावरण मंत्री ने 16 लाख 60 हजार रुपये की लागत से तैयार आधुनिक पोस्टमॉर्टम कक्ष का भी उद्घाटन किया. मंत्री ने कहा कि "पोस्टमॉर्टम कक्ष में जानवरों के इलाज और अंत्यपरीक्षण की सभी आधुनिक सुविधाए उपलब्ध कराई गयी हैं."
'जू के विकास पर खर्च होंगे 600 करोड़': इसके साथ मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि "जू में 10 सालों से बंद पड़ी टॉय ट्रेन भी शुरू की जाएगी, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी. इसके लिए 12 करोड़ की राशि रखी गई है. जू के गेट नंबर 2 पर फूड कोर्ट भी बनाया जाएगा. जू में पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए वाई-फाई, पेयजल, शौचालय,आराम कुर्सी और मनोरंजन की सुविधाओं पर 3 करोड़ की रुपए राशि खर्च की जाएगी."
"जू में रहने वाले वन प्राणियों के लिए जो कक्ष है उसका जीर्णोद्धार कर बड़ा किया जाएगा. इसपर 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. पशु-पक्षियों के लिए भी अलग से बड़ा घेरा तैयार किया जाएगा. इसके लिए 5 वर्षीय योजना तैयार की गई है. इस योजना के माध्यम से हमारा उद्देश्य है कि पटना जू अंतरराष्ट्रीय स्तर यह पहले पायदान पर पहुंचे." प्रेम कुमार, वन एवं पर्यावरण मंत्री
1973 में हुई थी स्थापनाः 153 एकड़ में फैले पटना चिड़ियाघर की स्थापना 1973 में हुई थी. फिलहाल इस चिड़ियाघर में करीब 91 प्रजातियों के 1100 से ज्यादा जानवर हैं. पटना चिड़ियाघर गैंडा संरक्षण और प्रजनन भारत में पहले और पूरी दुनिया में दूसरे स्थान पर है.