पटनाः 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने जब बिहार के लिए स्पेशल पैकेज का एलान किया था तो उसमें पूर्णिया में एयरपोर्ट के निर्माण भी शामिल था, लेकिन 9 साल के बाद भी पूर्णिया में एयरपोर्ट का काम शुरू नहीं हुआ. वही हाल बिहटा का है जहां 2018 में एयरपोर्ट का निर्माण शुरू होना था और उसे 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन जमीन के कारण बिहटा में भी एयरपोर्ट का निर्माण शुरू तक नहीं हो पाया. हालांकि केंद्र की उड़ान योजना से एक बार फिर बिहटा और पूर्णिया के साथ-साथ कई दूसरे शहरों में भी एयरपोर्ट के निर्माण की उम्मीदें बढ़ गयी हैं.
'सिर्फ एलान से नहीं होगी उड़ान': जनसंख्या के लिहाज बड़ा प्रदेश बिहार एयरपोर्ट के मामलों में कई राज्यों से काफी पीछे हैं. ऐसे में बिहार में एयरपोर्ट के निर्माण में रूचि दिखाते हुए केंद्र सरकार ने अपनी उड़ान योजना में प्रदेश के करीब 24 शहरों को चिह्नित किया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना को जमीन पर उतारना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी. बिहटा और पूर्णिया का उदाहरण तो सामने ही है, जहां सालों पहले हुई घोषणा के बावजूद अभी तक काम नहीं नहीं शुरू हो पाया है.
"एयरपोर्ट का निर्माण जरूरी है लेकिन सिर्फ घोषणा से काम नहीं चलेगा उसको जमीन पर भी उतारना होगा. पूर्णिया, बिहटा, दरभंगा इसका उदाहरण है. लंबे समय तक इस पर सियासत होती रही. पूर्णिया और बिहटा में तो अब तक काम भी शुरू नहीं हुआ है. दरभंगा में भी सीमित संख्या में उड़ान हो रही है.इससे लोगों को बहुत फायदा होने वाला नहीं है. रेगुलर उड़ान होना जरूरी है और इसलिए तय समय में एयरपोर्ट का निर्माण पूरा हो तभी लोगों को फायदा पहुंचेगा."- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विश्लेषक
केंद्र की उड़ान योजना के तहत 24 शहर चिह्नितः बिहार में एयरपोर्ट की सुविधा छोटे-छोटे शहरों तक पहुंचाने के लिए केंद्र ने उड़ान योजना के तहत बिहार के 24 शहरों को चिह्नित किया है. जिनमें पहले चरण के दौरान 10 शहरों को शामिल किया गया है. उनमें से भागलपुर और रक्सौल एयरपोर्ट के लिए जगह का भी निरीक्षण किया गया है. इसके अलावा कई शहरों में एयरपोर्ट के लिए आवंटित जमीन पर बाउंड्री वॉल तक तैयार हो गयी है, लेकिन कई शहरों में भी अभी जमीन की व्यवस्था करनी होगी. जमीन की व्यवस्था नहीं होने के कारण ही अभी तक पूर्णिया और बिहटा में निर्माण कार्य नहीं शुरू हो पाया है.
'बिहार सरकार उपलब्ध कराए जमीन'-केंद्र: डबल इंजन की सरकार में बिहार के कई शहरों में नये एयरपोर्ट की उम्मीद जगी है.वीरपुर, सहरसा, भागलपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मीकिनगर, मोतिहारी, रक्सौल, मधुबनी और छपरा में हवाई सेवा शुरू करने की घोषणा की गई है. केंद्र सरकार ने बिहार सरकार से इन शहरों में हवाई अड्डों के विकास और विस्तार के लिए ज़मीन उपलब्ध कराने को कहा है.
'विकास के लिए अनुकूल हैं राजनीतिक परिस्थितियां': इस मामले पर आर्थिक विशेषज्ञ एनके चौधरी का कहना है यह सकारात्मक पहल है. विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होना जरूरी है और कनेक्टिविटी उसके लिए सबसे जरूरी है. एयरपोर्ट की घोषणा हुई है और अभी परिस्थितियां भी बिहार के अनुकूल हैं.
" केंद्र में जेडीयू के समर्थन से सरकार चल रही है. ऐसे में केंद्र सरकार पर भी दबाव है और आनेवाले दिनों में बिहार में विधानसभा चुनाव भी है. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि राजनीतिक परिस्थितियां ही विकास का रास्ता तैयार करती हैं. ऐसे में केंद्र और बिहार की वर्तमान सियासी परिस्थितियां विकास के लिए पूरी तरह अनुकूल हैं." प्रोफेसर एनके चौधरी, आर्थिक विशेषज्ञ
'पूर्णिया में जल्द शुरू होगा एयरपोर्ट का निर्माण': वहीं पूर्व मंत्री और सहरसा के बीजेपी विधायक आलोक रंजन का कहना है कि बिहार में विकास के दरवाजे खुले हैं. दरभंगा में उड़ान शुरू हो चुकी है. पूर्णिया और बिहटा में जमीन के कारण जरूर विवाद रहा है लेकिन उस पर भी काम जल्द शुरू होगा. इसके साथ ही जिन नए एयरपोर्ट की घोषणा हुई है उस पर भी तेजी से काम होगा.
एयरपोर्ट के मामले में काफी पीछे है बिहारः बड़ी जनसंख्या वाला प्रदेश होने के बावजूद एयरपोर्ट के मामलों में कई राज्यों से पिछड़ा हुआ है. यूपी में जहां सबसे अधिक 15 एयरपोर्ट हैं तो गुजरात में 10, कर्नाटक में 9 और महाराष्ट्र में 9 एयरपोर्ट है. वहीं पश्चिम बंगाल में 8 तो बिहार में एयरपोर्ट की संख्या सिर्फ 3 ही है.
2017 में शुरू हुई थी उड़ान योजनाः बता दें कि केंद्र सरकार ने दूरदराज के इलाकों को हवाई मार्ग से जोड़ने और छोटे शहरों में कनेक्टिविटी बेहतर करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 2017 में उड़ान योजना शुरू की थी. हालांकि उड़ान योजना के लिए चुने गए एयरपोर्ट व एयरस्ट्रिप का आशा के अनुरूप विकास नहीं हो पाया.
बिहटा में एयरपोर्ट निर्माण मामला: जमीन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच 4 साल से फंसा है पेंच