पटनाः लोकसभा चुनाव में उम्मीदों के मुताबिक नतीजे नहीं आने के बाद अब तेजस्वी यादव विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. यही कारण है कि जीत-हार में सबसे अहम भूमिका निभानेवाले कार्यकर्ताओं का मन टटोलने तेजस्वी यादव कार्यकर्ता संवाद यात्रा पर निकल चुके हैं. जाहिर है तेजस्वी की इस कवायद पर सियासत भी हो रही है और NDA उनकी यात्रा पर सवाल खड़े कर रहा है.
'आरजेडी को कैडर की पार्टी बनाना है': कार्यकर्ता संवाद यात्रा के पहले चरण के तहत तेजस्वी यादव 4 जिलों के विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. यात्रा पर रवाना होने से पहले तेजस्वी ने पटना में कहा कि कार्यकर्ता पार्टी के बैकबोन होते हैं, रीढ़ की हड्डी होते हैं. उनसे नेता का डायरेक्ट इंटरेक्शन होना बहुत जरूरी है ताकि कार्यकर्ताओं का प्रॉपर फीडबैक पता चल सके.
"हम लोग भी चाहते हैं कि संगठन को और मजबूत किया जाए. आने वाले समय को लेकर मास पार्टी के साथ-साथ कैडर की भी पार्टी हो राष्ट्रीय जनता दल इस काम में हम लोग लगे हुए हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा जो कार्यक्रम है पूरे बिहार में जो हम लोग घूमेंगे यह एक कार्यकर्ता संवाद होगा. नवंबर एवं दिसंबर में संगठन को मजबूत करने के लिए एक बार फिर से घूमेंगे."- तेजस्वी यादव, आरजेडी नेता
समस्तीपुर से शुरू की यात्राः तेजस्वी यादव ने मंगलवार को अपनी यात्रा की शुरुआत समस्तीपुर से की और समस्तीपुर के टाउन हॉल में पांच विधानसभा क्षेत्र मोरवा, सरायरंजन, मोइनुद्दीन नगर, उजियारपुर और विभूतिपुर के कार्यकर्ताओं से संवाद किया. वहीं 11 सितंबर को भी तेजस्वी समस्तीपुर में ही रहेंगे और वो समस्तीपुर, रोसड़ा, कल्याणपुर, वारिसनगर और हसनपुर के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे.
12-13 तारीख को दरभंगा में रहेंगे तेजस्वीः 12 तारीख को तेजस्वी यादव दरभंगा जिले के बहादुरपुर, दरभंगा, हायाघाट, केवटी, और जाले विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. 13 तारीख को तेजस्वी यादव दरभंगा ग्रामीण, गौराबौराम, बेनीपुर, अलीनगर एवं कुशेश्वरस्थान के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे.
14-15 सितंबर को मधुबनी में लेंगे फीडबैकः 14 सितंबर को तेजस्वी यादव मधुबनी, राजनगर, बेनीपट्टी, बिस्फी और हरलाखी के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. तेजस्वी यादव मधुबनी में ही रात्रि विश्राम करेंगे और 15 सितंबर को मधुबनी जिले के फुलपरास, झंझारपुर, और खजौली विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे.
16-17 सितंबर को मुजफ्फरपुरः16 सितंबर को तेजस्वी यादव मुजफ्फरपुर में गायघाट, औराई,मीनापुर, बोचहा, सकरा एवं कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. रात्रि विश्राम मुजफ्फरपुर में ही होगा और उसके अगले दिन 17 सितंबर को मुजफ्फरपुर जिले के मुजफ्फरपुर, कांटी, बारूराज, पारू और साहिबगंज के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे.
कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने की कोशिशः दरअसल तेजस्वी यादव इस यात्रा के जरिये विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं की फीडबैक लेने निकले हैं. मसलन प्रत्याशियों के चयन को लेकर कार्यकर्ताओं की क्या राय है ? स्थानीय समस्याओं को किस तरीके से घोषणा पत्र में जगह दी जानी चाहिए. इसके अलावा जाति आधारित गणना और आरक्षण का मुद्दा अपने कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचाना ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में लोगों के बीच असरदार तरीके से इन मुद्दों को उठाया जा सके.
जेडीयू ने की माफी की मांगः तेजस्वी ने अपनी संवाद यात्रा की शुरुआत के लिए बिहार की सियासत में जननायक के नाम से मशहूर कर्पूरी ठाकुर की जन्मस्थली समस्तीपुर से की है. तेजस्वी की इस यात्रा पर जेडीयू ने तंज कसा है. जेडीयू के के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव जी को यात्रा करने का अधिकार है, शानदार सड़कें, पुल सब कुछ मिलेगा.
"जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की धरती पर नमन करने जा रहे हैं तो हमारी उम्मीद है कि गुनहनामा भी जरूर कबूल करेंगे कि आदरणीय लालू प्रसाद जी केंद्र सरकार में मंत्री थे, किंग मेकर भी रहे लेकिन जननायक को भारतरत्न नहीं दिल सके. माननीय नीतीश कुमार जी के अनुरोध पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारतरत्न दिया और साथ ही साथ इस बात को जरूर कबूल करें कि लोकसभा चुनाव में 23 में सिर्फ 2 अति पिछड़ा समुदाय को टिकट दिया."- नीरज कुमार, प्रवक्ता, जेडीयू
बाहुबली के मुद्दे पर भी तेजस्वी से सवालः मुख्यमंत्री नीतीश और बाहुबली नेता अनंत सिंह की मुलाकात को लेकर तेजस्वी के वार पर भी नीरज कुमार ने पलटवार किया. नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव से सवाल पूछा कि हम यह जानना चाहते हैं तेजस्वी यादव जी अपने पिताजी से पूछ लीजिए कि दिलीप सिंह को क्यों मंत्री बना रखा था.
"दिलीप सिंह अनंत सिंह के बड़े भाई थे. तेजस्वी के पिताजी लालू प्रसाद उनको मंत्री बनाकर रखे हुए थे तो उस समय क्या वे साधु थे ? सुविधा के अनुसार तेजस्वी यादव तर्क ना दें. माननीय नीतीश कुमार जी ने अपराध में दल, जाति और धर्म नहीं देखा है.जो गुनाह करेगा उसे जेल भेज देंगे."-नीरज कुमार, प्रवक्ता, जेडीयू
'पिकनिक यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी': तेजस्वी यादव की यात्रा पर बीजेपी ने भी निशाना साधा है.बीजेपी प्रवक्ता मनीष पांडेय का कहना है कि जब सदन चल रहा होता है तो सदन में उपस्थित नहीं रहते. जनता के हितों की बात और सरकार को उसकी गलतियों पर घेरने के समय तेजस्वी विदेश में रहते हैं.
"बिहार में जब भी संकट होता है, बाढ़ आती है या कोई बीमारी फैलती है तो तेजस्वी यादव हमेशा बिहार से बाहर देखे जाते हैं, लेकिन अब वह यात्रा पर निकले हैं. सच्चाई यह है कि ये लोग जनता के लिए नहीं राजनीतिक पिकनिक मनाने के लिए यात्रा करते हैं. कुछ ऐसे राजनीतिक घरानों दत्तक के पुत्र हैं जिनको पिकनिक मनाने के लिए यात्रा करनी पड़ती है."- मनीष पांडेय, प्रवक्ता, बीजेपी
'NDA और प्रशांत किशोर से कड़ी चुनौती': तेजस्वी की कार्यकर्ता संवाद यात्रा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का कहना है कि अगले साल विधानसभा का चुनाव है और मेरी निजी राय में तेजस्वी ने देर से कदम उठाया है. लोकसभा चुनाव के बाद जो मोमेंटम बना था उस मोमेंटम को अपने पक्ष में करने के लिए तेजस्वी को तुरंत यात्रा पर निकलना चाहिए था.
"2025 का बिहार विधानसभा चुनाव सामान्य तौर पर तेजस्वी बनाम बीजेपी या NDA का होगा. सभी जानते हैं कि तेजस्वी यादव संभावित मुख्यमंत्री का चेहरा हैं और लालू अपने जीते जी यह चाहते हैं कि बिहार की सत्ता तेजस्वी के हाथ में आए, लेकिन ये सहज नहीं है. NDA का प्रभाव तो है ही, प्रशांत किशोर एक नयी ताकत बनकर उभर रहे हैं और सीधे आरजेडी को चुनौती दे रहे हैं. आरजेडी इसे समझ रहा है और यही कारण है कि कुछ दिनों पहले पार्टी ने कार्यकर्ताओं को एक पत्र भी जारी किया था."- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
विधानसभा चुनाव में नहीं चूकना चाहते हैं तेजस्वीः 2024 के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव बिहार में महागठबंधन के सबसे बड़े चेहरे के रूप में उभर कर सामने आए. उन्होंने लगातार चुनावी दौरे कर महागठबंधन के पक्ष में माहौल बनाने की भी भरपूर कोशिश की, लेकिन नतीजे उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे. ऐसे में तेजस्वी यादव अभी से ही विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गये हैं और ये संवाद यात्रा उन्हीं गंभीर तैयारियों की एक कड़ी है.