पटनाः 2025 में होनेवाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे सियासी दल उन मुद्दों की तलाश में हैं जिससे चुनावी नैया पार लग सके और तभी तेजस्वी के हाथ लगा फ्री बिजली वाला फंडा जो आजकल पूरे देश की सियासत में खूब चल रहा है. तेजस्वी ने एलान कर डाला कि अगर उनकी सरकार आई तो वे 200 यूनिट तक बिजली फ्री कर देंगे. तेजस्वी के इस बयान पर जेडीयू हमलावर और कह रहा है कि जितना लालू-राबड़ी के शासन में बिजली विभाग का बजट होता था उससे ज्यादा तो बिहार सरकार बिजली बिल पर अनुदान दे रही है.
कई राज्यों में मिल रही है फ्री बिजलीः देश के कई राज्यों में लोगों को 200 यूनिट से 300 यूनिट तक फ्री बिजली दी जा रही है . अरविंद केजरीवाल ने फ्री बिजली की बदौलत ही दिल्ली में और पंजाब में AAP की सरकार बनाई है. झारखंड में भी पहले सवा सौ यूनिट फ्री बिजली दी जा रही थी उसे बढ़ाकर अब 200 यूनिट कर दिया गया है.इसके अलावा राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में भी लोगों को फ्री बिजली मुहैया कराई जा रही है और अब बिहार में भी फ्री बिजली की पॉलिटिक्स शुरू हो गयी है.
बिहार में 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा अनुदानः बिहार में बिजली बिल को लेकर बात की जाए तो बिहार सरकार बिजली बिल पर 15343 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव के अनुसार सरकार को अभी अनुदान देने में 15000 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ रही है यदि 200 यूनिट फ्री बिजली दी गई इस राशि में काफी इजाफा हो जाएगा.
"अभी पता कर लीजिए ! बिहार सरकार ने इस साल बिजली उपभोक्ता को बिजली बिल पर सब्सिडी के लिए 15 हजार करोड़ रुपये ज्यादा खर्च किया है."- बिजेंद्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार
नीरज कुमार का तेजस्वी पर हमलाः जहां मंत्रीजी सब्सिडी का तर्क दे रहे हैं तो जेडीयू फ्री बिजली वाले एलान को लेकर तेजस्वी पर पूरी तरह से हमलावर है. जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि दिल्ली में फ्री बिजली देने वाले शराब भी बेच रहे थे और आज जेल की हवा भी खा रहे हैं. तेजस्वी यादव तो फ्री में नौकरी दिए नहीं अब फ्री बिजली की बात कर रहे हैं. देंगे तब न जब सरकार बनेगी ?
"न नौ मन घी होगा, न राधा नाचेगी. लोकसभा में तो 4 सीट ही आईं और 173 विधानसभा सीट पर तो हम ही आगे रहे हैं तो दूर-दूर तक कोई संभावना है नहीं."- नीरज कुमार, प्रवक्ता, जेडीयू
प्री-पेड मीटर से परेशान बिजली उपभोक्ताः एक तरफ नीतीश सरकार लगातार कहती रही है कि हम देश में सबसी महंगी बिजली खरीदने के बावजूद कई राज्यों से सस्ती बिजली देते हैं, दूसरी तरफ बिहार की जनता प्री-पेड मीटर से परेशान है.आम लोगों की शिकायत है कि प्री-पेड मीटर जब से लगा है तब से बिजली बिल डबल हो गया है.
"बहुत ज्यादा बिजली बिल आ रहा है. पहले 100 रुपये आता था जो आज मानकर चलिए कि 1000 आ रहा है. कोई सब्सिडी नहीं है. लूट हो रही है, लूट हो रही है. पहले जो मीटर था वही होना चाहिए "-खुर्शीद आलम, निवासी, सब्जीबाग, पटना
"बहुत समस्या है. आप 5 यूनिट उठाए हैं कि 10 यूनिट क्या पता ? पहले 500 या 1000 जिसका बिजली बिल आता था आज उससे ठीक दोगुना आ रहा है. क्या कारण है ?" -प्रदीप मेहता, अध्यक्ष, जन संघर्ष मोर्चा
क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?: बिहार में बिजली फ्री करने के मुद्दे पर ए एन सिन्हा इंस्टीच्यूट के पूर्व प्रोफेसर और अर्थशास्त्री अजय झा का कहना है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के कारण शराब से मिलने वाला राजस्व पहले से ही बंद है. ऐसे में यदि बिजली फ्री कर दी गयी तो राज्य सरकार के लिए वित्तीय संकट पैदा हो सकता है.
"नीतीश सरकार बिजली पर अभी सब्सिडी तो दे ही रही है और वह भी कम नहीं है. पूरे देश में फ्री बिजली की एक परंपरा चल पड़ी है और सभी दलों के लिए यह मजबूरी होती जा रही है, लेकिन इससे एक वित्तीय संकट भी पैदा होने का खतरा बढ़ गया है."- प्रोफेसर अजय झा, अर्थशास्त्री.
कई राज्यों में हिट फ्री बिजली का फंडाः देश के कई राज्यों में फ्री बिजली का फंडा हिट साबित हुआ है.दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने फ्री बिजली-पानी के वादे के सहारे सरकार बनाई तो पंजाब में भी फ्री बिजली का फंडा खूब चला और वहां भी AAP की सरकार बिजली उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली फ्री दे रही है.
राजस्थान-झारखंड में भी फ्री बिजलीः बीजेपी शासित राजस्थान में 300 यूनिट फ्री बिजली मुहैया कराई जा रही है तो बिहार के पड़ोसी झारखंड में पहले 100 यूनिट बिजली फ्री दी जाती थी जिसे बढ़ाकर सवा सौ यूनिट किया गया और अब झारखंड में होने वाले चुनाव को देखते हुए हेमंत सरकार 200 यूनिट फ्री बिजली दे रही है. वहीं उत्तर प्रदेश में किसानों को फ्री बिजली दी जा रही है
कई राज्यों से सस्ती है बिहार में बिजलीः बिजली के दर की बात करें तो बिहार सरकार बिजली बिल पर जबरदस्त अनुदान दे रही है जिसके कारण महंगी होने के बावजूद दूसरे कई राज्यों से बिहार में बिजली सस्ती मिल रही है. अनुदान के बाद बिहार के शहरी उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर 5.67 रुपये/ यूनिट है तो वहीं झारखंड में झारखंड 6.30 रुपये/ यूनिट, यूपी में 7.00 रुपये/ यूनिट, पश्चिम बंगाल में 8.99 रुपये/ यूनिट, मध्य प्रदेश में 6.65 रुपये/ यूनिट, राजस्थान में 8.00 रुपये/ यूनिट और महाराष्ट्र में 11.82 रुपये/ यूनिट है. इसके अलावा बिहार में किसानों को सिर्फ 55 पैसे यूनिट की दर से ही बिजली बिल देना होता है.
20 सालों में बढ़ी 11 गुना खपतः पिछले 20 सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो बिहार में बिजली की खपत 11 गुना बढ़ गयी है. 2005 में जहां पूरे राज्य में 700 मेगावाट बिजली की खपत होती थी वहीं अब ये 8000 मेगावाट पर पहुंच गयी है. इसके साथ ही सरकार की ओर से दी जानेवाली अनुदान की राशि भी बढ़ती जा रही है.
साल दर साल बढ़ता अनुदानः बिहार सरकार बिजली उपभोक्ताओं को हर साल हजारों करोड़ का अनुदान देती है. 2013-14 में सरकार की ओर से 2656 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया था जो अब 15343 करोड़ पर पहुंच गया है. बिहार सरकार ने 2018-19 में 5070 करोड़ का अनुदान दिया तो 2019-20 में 5193 करोड़, 2021-22 में 6578 करोड़ और 2022-23 में 7801 करोड़ का अनुदान दिया. 2023 -24 में अनुदान बढ़कर 13114 करोड़ पर पहुंच गया जबकि 2024-25 में सरकार ने 15343 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है.
सबसे महंगी बिजली खरीदता है बिहारः नीतीश सरकार लगातार वन नेशन, वन टैरिफ की मांग करती रही है क्योंकि केंद्र से जो बिजली बिहार खरीद रहा है उसके लिए उसे दूसरे राज्यों की अपेक्षा ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है. केंद्र से मध्य प्रदेश को 3.49 रुपए / यूनिट तो गुजरात को 3.74 रुपए / यूनिट बिजली मिलती है. वहीं महाराष्ट्र को 4.32 रुपए / यूनिट और राजस्थान को 4.46 रुपए / यूनिट बिजली केंद्र से मिलती है जबकि बिहार को वही बिजली 5.82 रुपए / यूनिट की दर से मिलती है.
माननीयों के लिए बिजली फ्रीः बिहार सरकार जहां आम उपभोक्ताओं को बिजली पर अनुदान देती है तो मंत्रियों-विधायकों को बड़े पैमाने पर फ्री बिजली देती है. बिहार में माननीय को एक साल में 30000 यूनिट फ्री बिजली दी जा रही है यानी हर महीने एक विधायक को सरकार 2500 यूनिट फ्री बिजली दे रही है.
प्री-पेड मीटर से बढ़ा बिजली कंपनियों का मुनाफाः बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 2 करोड़ से अधिक हो गई है और प्री-पेड स्मार्ट मीटर आने के बाद बिहार की बिजली कंपनियां लाभ भी अर्जित करने लगी हैं. 2023- 24 में वितरण कंपनियों को 1852 करोड़ का मुनाफा हुआ है. बिहार में स्मार्ट मीटर का अध्ययन करने अब दूसरे राज्यों की टीम भी आ रही हैं. केरल, गुजरात, मध्य प्रदेश से टीम आकर अध्ययन कर चुकी है कई अन्य राज्यों की टीम भी अध्ययन करना चाहती है.
विधानसभा चुनाव में फ्री बिजली बनेगा बड़ा मुद्दाः प्री-पेड स्मार्ट मीटर आने से बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल जमा करने में राहत को मिली है लेकिन कई लोगों की शिकायत है कि इसके कारण बिल पहले से ज्यादा आता है. फिलहाल तेजस्वी यादव के फ्री बिजली वाले एलान ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक नया फंडा जरूर दे दिया है.
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