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'डीएम सिवान हाजिर हों..', पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में किया तलब, दो हफ्ते बाद सुनवाई - Patna High Court

पटना हाईकोर्ट ने सिवान में कॉलेज की जमीन पर शराब नष्ट किए जाेन के मामले में सिवान डीएम को अगली सुनवाई में डिजिटली उपस्थित होने का निर्देश दिया है. मामला इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय सिवान का है.. पढ़ें पूरी खबर-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 13, 2024, 9:43 PM IST

पटना : बिहार की पटना हाईकोर्ट ने कॉलेज की भूमि पर प्रशासन द्वारा शराब नष्ट करने के मामले पर सिवान के डीएम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. जस्टिस पीबी बजनथ्री एवं जस्टिस आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय, सिवान की याचिका पर सुनवाई की.

'डीएम सिवान हाजिर हों..' : कोर्ट ने सिवान के डीएम को दो सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा देने के लिए भी कहा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुमित कुमार झा ने कोर्ट को बताया कि सन् 1986 में इस कॉलेज का निर्माण अधिवक्ता शशि भूषण तिवारी ने करवाया था. बिहार इंटरमीडिएट कौंसिल ने कॉलेज को 05.03.1990 को संबद्धता प्रदान की थी, लेकिन दिनांक 30.07.2004 को बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल की शर्त पूरी न करने पर इस कॉलेज की संबद्धता वापस ले ली गई थी.

अगले दो हफ्ते बाद सुनवाई : शशि भूषण तिवारी के पुत्र ने जब 13.11.2021 को कॉलेज का निरीक्षण किया, तो पाया कि कॉलेज की जमीन को खोद कर शराब नष्ट करने के उपयोग में लाया गया है. जब उन्होंने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास किया, तो पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया गया. इससे मजबूर होकर उन्हें हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी. इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

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पटना : बिहार की पटना हाईकोर्ट ने कॉलेज की भूमि पर प्रशासन द्वारा शराब नष्ट करने के मामले पर सिवान के डीएम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. जस्टिस पीबी बजनथ्री एवं जस्टिस आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय, सिवान की याचिका पर सुनवाई की.

'डीएम सिवान हाजिर हों..' : कोर्ट ने सिवान के डीएम को दो सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा देने के लिए भी कहा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुमित कुमार झा ने कोर्ट को बताया कि सन् 1986 में इस कॉलेज का निर्माण अधिवक्ता शशि भूषण तिवारी ने करवाया था. बिहार इंटरमीडिएट कौंसिल ने कॉलेज को 05.03.1990 को संबद्धता प्रदान की थी, लेकिन दिनांक 30.07.2004 को बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल की शर्त पूरी न करने पर इस कॉलेज की संबद्धता वापस ले ली गई थी.

अगले दो हफ्ते बाद सुनवाई : शशि भूषण तिवारी के पुत्र ने जब 13.11.2021 को कॉलेज का निरीक्षण किया, तो पाया कि कॉलेज की जमीन को खोद कर शराब नष्ट करने के उपयोग में लाया गया है. जब उन्होंने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास किया, तो पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया गया. इससे मजबूर होकर उन्हें हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी. इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

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