पटना : पटना हाईकोर्ट ने गोलारोड स्थित कोचिंग इंस्टिट्यूट से कोचिंग कर घर लौटते हुए नाबालिग छात्रा के अपहरण/लापता होने के मामले को काफी गंभीरता से लिया. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए पटना एसएसपी को तीन दिनों के भीतर आवेदक के साथ बैठकर व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध वीडियो क्लिपिंग देखने का निर्देश दिया.
'लापता लड़की की तलाश करें SSP' : कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि वीडियो क्लिपिंग व अन्य उपलब्ध सामग्रियों के आधार पर रणनीति बनाकर अपहृत/लापता लड़की का पता लगाया जाये. साथ ही दोषियों का पता लगा कर गिरफ्तार कर दंड दिया जाये.
'मानव तस्करी विरोधी इकाई को भेजा जाए मामला' : आवेदक की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को दिशानिर्देश जारी किया था. इसके अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने के चार माह के बाद भी लापता/अपहृत बच्चे की बरामदगी नहीं होने पर राज्य के मानव तस्करी विरोधी इकाई को भेजा जाना चाहिए. ताकि बच्चे की बरामदगी के अत्यधिक गहन जांच हो सके.
''आस पास के क्षेत्रों में लगे कैमरे के निष्क्रिय होने के कारण जांच और कार्रवाई में बाधा उत्पन्न हुई है. इस मामले में कई महीने पहले रूपसपुर थाना में कांड संख्या 815/23 दर्ज कर ली गयी, लेकिन अब तक पुलिस द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण उस नाबालिग लड़की की बरामदगी नहीं हो पायी.''- आवेदक के वकील
पुलिस ने नहीं की ठोस कार्रवाई : कोर्ट को बताया गया कि आवेदक की नाबालिग लड़की के अपहरण/लापता होने के सम्बन्ध में कई महीने पूर्व दर्ज प्राथमिकी पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. कोर्ट को बताया गया कि पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने के कारण अब तक अपहृत लड़की की बरामदगी नहीं हो पायी है.
ये भी पढ़ें :-
पटना हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस, हेल्थ एंड एजुकेशन सेस की धनराशि पर मांगा जवाब
पटना हाईकोर्ट ने दरभंगा आयुर्वेदिक कालेज से अतिक्रमण नहीं हटाने पर जताई नाराजगी, 15 को होगी सुनवाई