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बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, राज्य सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर पटना हाई कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है. जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने दायर याचिकायों पर सुनवाई की.

Patna High Court On Bihar Teachers
पटना हाईकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

पटना: पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापना पर तत्काल रोक लगाई है. वहीं राज्य सरकार को तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने इस संबंध में दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई की और ये फैसला लिया.

राज्य सरकार ने दिया था शिक्षकों को निर्देश: वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षकों को निर्देश दिया था कि वे 22 नवंबर, 2024 तक वे अपने स्थानांतरण और पदस्थापन के लिए विकल्प दे दें. राज्य सरकार ने कहा कि यदि शिक्षक इस तारीक तक विकल्प नहीं देंगे, तो राज्य सरकार अपने स्तर पर स्थानांतरण और पदस्थापन का निर्णय ले लेगी. वहीं वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने आगे बताया कि विभाग ने पुरुष शिक्षकों को दस सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को दस पंचायतों का विकल्प दिया था.

"विभाग ने स्थानांतरण और पदस्थापना के लिए पुरुष शिक्षकों को दस सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को दस पंचायतों का विकल्प दिया था. राज्य सरकार ने शिक्षकों को निर्देश दिया था कि वे 22 नवंबर, 2024 तक वे अपने स्थानांतरण और पदस्थापन के लिए विकल्प दे दें. अगर उन्होंने विकल्प नहीं दिया तो सरकार अपने स्तर पर स्थानांतरण और पदस्थापन का निर्णय ले लेगी. इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने तत्काल रोक लगाई है."-ललित किशोर, वरीय अधिवक्ता

कब होगी मामलें पर अगली सुनवाई: कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा मनमाने ढंग से विकल्प देने की बात कही गयी है. वरीय अधिवक्ता बताया कि 2023 के नियमों के अनुसार पुरुष और महिला शिक्षकों को तीन जिलों का विकल्प दिया गया था. जबकि इस नये नियम में पुरुष शिक्षकों को दस सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को दस पंचायतों का विकल्प दिया गया है. जो पूर्व के नियम के विरुद्ध है. इस मामलें पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद की जाएगी.

पढ़ें-BSEB ने HC के सामने मानी गलती, शिक्षक के खिलाफ केस को किया निरस्त

पटना: पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापना पर तत्काल रोक लगाई है. वहीं राज्य सरकार को तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने इस संबंध में दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई की और ये फैसला लिया.

राज्य सरकार ने दिया था शिक्षकों को निर्देश: वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षकों को निर्देश दिया था कि वे 22 नवंबर, 2024 तक वे अपने स्थानांतरण और पदस्थापन के लिए विकल्प दे दें. राज्य सरकार ने कहा कि यदि शिक्षक इस तारीक तक विकल्प नहीं देंगे, तो राज्य सरकार अपने स्तर पर स्थानांतरण और पदस्थापन का निर्णय ले लेगी. वहीं वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने आगे बताया कि विभाग ने पुरुष शिक्षकों को दस सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को दस पंचायतों का विकल्प दिया था.

"विभाग ने स्थानांतरण और पदस्थापना के लिए पुरुष शिक्षकों को दस सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को दस पंचायतों का विकल्प दिया था. राज्य सरकार ने शिक्षकों को निर्देश दिया था कि वे 22 नवंबर, 2024 तक वे अपने स्थानांतरण और पदस्थापन के लिए विकल्प दे दें. अगर उन्होंने विकल्प नहीं दिया तो सरकार अपने स्तर पर स्थानांतरण और पदस्थापन का निर्णय ले लेगी. इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने तत्काल रोक लगाई है."-ललित किशोर, वरीय अधिवक्ता

कब होगी मामलें पर अगली सुनवाई: कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा मनमाने ढंग से विकल्प देने की बात कही गयी है. वरीय अधिवक्ता बताया कि 2023 के नियमों के अनुसार पुरुष और महिला शिक्षकों को तीन जिलों का विकल्प दिया गया था. जबकि इस नये नियम में पुरुष शिक्षकों को दस सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को दस पंचायतों का विकल्प दिया गया है. जो पूर्व के नियम के विरुद्ध है. इस मामलें पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद की जाएगी.

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