पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक मामले में ये निर्देश दिया कि राज्य के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों सह पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारियों की बैठक बुलाये. जस्टिस राजीव राय ने इस मामले में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि उन्हें बिहार राज्य पंचायती अधिनियम 2006 और अधिनियम से सम्बन्धित हाईकोर्ट के पारित निर्णयों के सम्बन्ध में जागरूक किया जाये.
HC ने सरकार को दिया आदेश : ये मामला पंचायत समिति दीघल बैंक किशनगंज से सम्बन्धित है. कोर्ट ने पंचायत समिति के प्रमुख व उपप्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव हेतु बैठक नहीं बुलाने के बीडीओ की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की. इस बैठक को बुलाने के लिए एक तिहाई सदस्य सहमत थे. कोर्ट ने सभी बीडीओ को दिशानिर्देशों के अनुसार कार्रवाई किये जाने की चेतावनी दी. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
जल्द से जल्द बुलाई जाए बैठक : कोर्ट ने इस आदेश की प्रति अतिरिक्त मुख्य सचिव /प्रधान सचिव, पंचायती राज विभाग बिहार सरकार को भेजने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि चूंकि बीडीओ न केवल अधिनियम, बल्कि विभाग के दिशानिर्देशों और कोर्ट के निर्णयों से अनभिज्ञ हैं. वे स्वतंत्र रूप से तथा स्थानीय स्तर पर सत्ता में बैठे लोगों की मिलीभगत से काम कर रहे हैं. इसलिए राज्य हित में ये आवश्यक है कि राज्य भर के पंचायत समितियों का काम बेहतर और प्रभावी तरीके से करने के लिए ऐसी बैठक शीघ्र बुलाई जाये.
क्या था मामला : कोर्ट ने धर्मशीला कुमारी बनाम हेमंत कुमार व अन्य के मामले पर इंगित करते हुए कहा कि कोई भी प्रस्ताव, जिस पर मतदान नहीं हुआ है, उसमें अधिनियम की धारा के तहत निर्धारित अविश्वास प्रस्ताव का नया प्रस्ताव लाने पर कोई कानूनी बाधा नहीं है. कहा गया कि इस मामले पर बीडीओ ने एक तिहाई सदस्यों की सहमति के बाद भी बैठक बुलाने से मना कर दिया. अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही के लिए आवश्यक कोरम पूरा नहीं होने के कारण समाप्त हो गया. इसलिए प्रमुख व उपप्रमुख के विरुद्ध कोई नया प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है.
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