ETV Bharat / state

बिहार में फर्जी डिग्री पर नियुक्त शिक्षकों को लेकर सरकार ने क्या की है कार्रवाई, HC ने मांगी रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में एक लाख से अधिक फर्जी डिग्री धारी शिक्षक मौजूद हैं. इन शिक्षकों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की है. इसको लेकर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Patna High Court Etv Bharat
Patna High Court Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 23, 2024, 3:35 PM IST

पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की बहाली मामले पर सुनवाई की. रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और राज्य निगरानी विभाग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का और मोहलत दिया है.

बिहार में फर्जी डिग्री पर नियुक्त शिक्षक : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि अभी भी 72 हजार शिक्षकों के फोल्डर नहीं प्राप्त हुए हैं. ये मामला काफी दिनों से चल रहा है, लेकिन जांच की रफ्तार काफी धीमी है. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह एक समय सीमा निर्धारित करे, जिसके तहत सभी सम्बंधित शिक्षक अपना डिग्री व अन्य कागजात प्रस्तुत करें.

फर्जी शिक्षकों को दिया गया था मौका : कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि निर्धारित समय के भीतर कागजात व रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि बड़ी संख्या में जाली डिग्रियों के आधार पर शिक्षक राज्य में काम कर रहे हैं. साथ ही वे वेतन उठा रहे हैं. इससे पूर्व कोर्ट ने 2014 के एक आदेश में कहा था कि जो इस तरह की जाली डिग्री के आधार पर राज्य सरकार के तहत शिक्षक हैं, उन्हें ये अवसर दिया जाता है कि वे खुद अपना इस्तीफा दे दें, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी.

एक लाख से अधिक शिक्षकों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं : कोर्ट ने मामले को निगरानी विभाग को जांच के लिए सौंपा था. उन्हें इस तरह के शिक्षकों को ढूंढ निकालने का निर्देश दिया था. 31जनवरी 2020 के सुनवाई दौरान निगरानी विभाग ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि राज्य सरकार द्वारा इनके सम्बंधित रिकॉर्ड की जांच कर रही है, लेकिन अभी भी एक लाख दस हजार से अधिक शिक्षकों के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. इस मामले पर अगली सुनवाई 13 मार्च 2024 को होगी.

पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की बहाली मामले पर सुनवाई की. रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और राज्य निगरानी विभाग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का और मोहलत दिया है.

बिहार में फर्जी डिग्री पर नियुक्त शिक्षक : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि अभी भी 72 हजार शिक्षकों के फोल्डर नहीं प्राप्त हुए हैं. ये मामला काफी दिनों से चल रहा है, लेकिन जांच की रफ्तार काफी धीमी है. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह एक समय सीमा निर्धारित करे, जिसके तहत सभी सम्बंधित शिक्षक अपना डिग्री व अन्य कागजात प्रस्तुत करें.

फर्जी शिक्षकों को दिया गया था मौका : कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि निर्धारित समय के भीतर कागजात व रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि बड़ी संख्या में जाली डिग्रियों के आधार पर शिक्षक राज्य में काम कर रहे हैं. साथ ही वे वेतन उठा रहे हैं. इससे पूर्व कोर्ट ने 2014 के एक आदेश में कहा था कि जो इस तरह की जाली डिग्री के आधार पर राज्य सरकार के तहत शिक्षक हैं, उन्हें ये अवसर दिया जाता है कि वे खुद अपना इस्तीफा दे दें, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी.

एक लाख से अधिक शिक्षकों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं : कोर्ट ने मामले को निगरानी विभाग को जांच के लिए सौंपा था. उन्हें इस तरह के शिक्षकों को ढूंढ निकालने का निर्देश दिया था. 31जनवरी 2020 के सुनवाई दौरान निगरानी विभाग ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि राज्य सरकार द्वारा इनके सम्बंधित रिकॉर्ड की जांच कर रही है, लेकिन अभी भी एक लाख दस हजार से अधिक शिक्षकों के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. इस मामले पर अगली सुनवाई 13 मार्च 2024 को होगी.

ये भी पढ़ें :-

फर्जी डिग्री इस्तेमाल कर 1 लाख से अधिक लोग बने सरकारी शिक्षक, HC ने सरकार से मांगा जवाब

सीतामढ़ी में फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षक हुआ गिरफ्तार, बायोमेट्रिक के दौरान खुला राज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.