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JDU MLC राधाचरण सेठ के बेटे कन्हैया प्रसाद को नियमित जमानत देकर रिहा करने का आदेश, पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला - Patna High Court

Kanhaiya Kumar Bail: पटना हाईकोर्ट ने जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ के बेटे कन्हैया कुमार को नियमित जमानत पर रिहा करने का आदिश दिया है. बालू के अवैध कारोबार मामले में ईडी ने कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया था. पढ़ें पूरी खबर.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 6, 2024, 11:06 PM IST

पटनाः पटना हाइकोर्ट ने बालू का अवैध कारोबार और उसके सिंडिकेट में अभियुक्त बनाए गए जेडीयू एमएलसी राधाचरण सेठ के पुत्र कन्हैया प्रसाद को नियमित जमानत पर रिहा करने का निर्देश ईडी के विशेष न्यायालय को दिया है. कन्हैया प्रसाद पिछले 9 माह से इस मामले में जेल में बंद हैं. जस्टिस डॉक्टर अंशुमान ने कन्हैया प्रसाद द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद यह निर्देश दिया.

9 माह से जेल में बंदः कोर्ट ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता पिछले 9 माह से जेल में बंद है. इस मामले में जांच एजेंसी ने जांच के बाद आरोप पत्र भी समर्पित कर दिया है. आरोप पत्र में कुल 56 गवाह है जिनकी गवाही में काफी समय लग सकता है. जबकि इस मामले में अधिकतम सात वर्ष की सजा हो सकती है. ऐसी स्थिति में अभियुक्त को नियमित जमानत पर रिहा किया जा रहा है.

ईडी ने किया था गिरफ्तारः गौरतलब है कि कन्हैया प्रसाद के पिता राधा चरण सेठ जनता दल यूनाइटेड के विधान पार्षद हैं. कन्हैया प्रसाद पर बालू के अवैध सिंडिकेट में आदित्य मल्टी कॉम प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के साथ कारोबार करने का आरोप है. जिसमें इनकी भी हिस्सेदारी है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अन्य लोगों के अलावा कन्हैया प्रसाद, इनके पिता और भाई पर भी प्राथमिक दर्ज कर पूछताछ की थी. पूछताछ में संतोष जनक जवाब नहीं मिलने पर इन लोगों को जेल भेजा गया था.

एमएलसी राधाचरण सेठ भी जेल मेंः बता दें कि बालू के अवैध कारोबार के मामले में जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ को भी ईडी गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी करीब 26 करोड़ रुपए की संपती अटैच कर चुकी है. इससे पहले कई दिनों तक ईडी ने कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.

नियमित जमानत क्या है? नियमित जमानत कोर्ट के द्वारा दिया गया एक आदेश है. पहले से गिरफ्तार और पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपी को रिहा करने के लिए दिया जाता है. इसके लिए कोर्ट में याचिका दिया जाता है. सीआरपीसी की धारा 437 तथा 439 के तहत आवेदन करना होता है.

दोबारा गिरफ्तार हो सकता है: हालांकि संगीन अपराध में इसका प्रावधन नहीं है. या अगर किसी व्यक्ति को पहले आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है. वैसे को नियमित जमानत नहीं दिया जा सकता है. नियमित जमानत के लिए आरोपी को कोर्ट में बांड देना होता है. यह सुनिश्चित करना होता है कि समय समय पर कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा. अगर ऐसा नहीं करता है तो कोर्ट दोबारा गिरफ्तार वारंट जारी कर सकता है.

यह भी पढ़ेंः JDU के कद्दावर नेता पर ED का शिकंजा, 26.19 करोड़ की दो संपत्ति अटैच, जलेबी बेचने से सफर हुआ था शुरू

पटनाः पटना हाइकोर्ट ने बालू का अवैध कारोबार और उसके सिंडिकेट में अभियुक्त बनाए गए जेडीयू एमएलसी राधाचरण सेठ के पुत्र कन्हैया प्रसाद को नियमित जमानत पर रिहा करने का निर्देश ईडी के विशेष न्यायालय को दिया है. कन्हैया प्रसाद पिछले 9 माह से इस मामले में जेल में बंद हैं. जस्टिस डॉक्टर अंशुमान ने कन्हैया प्रसाद द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद यह निर्देश दिया.

9 माह से जेल में बंदः कोर्ट ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता पिछले 9 माह से जेल में बंद है. इस मामले में जांच एजेंसी ने जांच के बाद आरोप पत्र भी समर्पित कर दिया है. आरोप पत्र में कुल 56 गवाह है जिनकी गवाही में काफी समय लग सकता है. जबकि इस मामले में अधिकतम सात वर्ष की सजा हो सकती है. ऐसी स्थिति में अभियुक्त को नियमित जमानत पर रिहा किया जा रहा है.

ईडी ने किया था गिरफ्तारः गौरतलब है कि कन्हैया प्रसाद के पिता राधा चरण सेठ जनता दल यूनाइटेड के विधान पार्षद हैं. कन्हैया प्रसाद पर बालू के अवैध सिंडिकेट में आदित्य मल्टी कॉम प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के साथ कारोबार करने का आरोप है. जिसमें इनकी भी हिस्सेदारी है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अन्य लोगों के अलावा कन्हैया प्रसाद, इनके पिता और भाई पर भी प्राथमिक दर्ज कर पूछताछ की थी. पूछताछ में संतोष जनक जवाब नहीं मिलने पर इन लोगों को जेल भेजा गया था.

एमएलसी राधाचरण सेठ भी जेल मेंः बता दें कि बालू के अवैध कारोबार के मामले में जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ को भी ईडी गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी करीब 26 करोड़ रुपए की संपती अटैच कर चुकी है. इससे पहले कई दिनों तक ईडी ने कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.

नियमित जमानत क्या है? नियमित जमानत कोर्ट के द्वारा दिया गया एक आदेश है. पहले से गिरफ्तार और पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपी को रिहा करने के लिए दिया जाता है. इसके लिए कोर्ट में याचिका दिया जाता है. सीआरपीसी की धारा 437 तथा 439 के तहत आवेदन करना होता है.

दोबारा गिरफ्तार हो सकता है: हालांकि संगीन अपराध में इसका प्रावधन नहीं है. या अगर किसी व्यक्ति को पहले आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है. वैसे को नियमित जमानत नहीं दिया जा सकता है. नियमित जमानत के लिए आरोपी को कोर्ट में बांड देना होता है. यह सुनिश्चित करना होता है कि समय समय पर कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा. अगर ऐसा नहीं करता है तो कोर्ट दोबारा गिरफ्तार वारंट जारी कर सकता है.

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