पटना: पटना हाईकोर्ट ने जाली नोट के अवैध धंधे में संलिप्त सजायाफ्ता मुन्ना सिंह को जमानत दी. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस जी अनुपमा चक्रवर्ती ने जेल में करीब साढ़े सात साल से बंद मुन्ना सिह को जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया. सजायाफ्ता मुन्ना सिंह की ओर से पटना कोर्ट को बताया कि पटना के एनआईए कोर्ट ने बांग्लादेश देश से 2015 में अवैध जाली नोट के धंधे में इसे दस साल की सजा दी थी.
सजायाफ्ता मुन्ना सिंह को कोर्ट ने दी जमानत: एनआईए ने मुन्ना सिंह को राष्ट्रद्रोह के आरोप में दोषी ठहराया था. उनका कहना था कि नब्बे हजार रुपया पांच सौ के व तीन लाख रुपये के जाली नोट के लिए भुगतान करने का आरोप लगाया गया है. अन्य अभियुक्तों के साथ मुन्ना सिंह को भी सीमा पार से अवैध जाली नोट मंगाने के आरोप मे सजा दी गई. उनका कहना था कि अन्य अभियुक्त को इसी आरोप मे केवल पांच वर्ष की सजा दी गई, जबकि मुन्ना सिंह को दस वर्ष का सजा दी गई. कोर्ट ने दी गई सजा को निलंबित करते हुए जमानत दे दी.
65 फीसदी आरक्षण मामले पर होगी सुनवाई: वहीं पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा एससी,एसटी,ओबीसी,ई बीसी श्रेणियों की आरक्षण सीमा पचास फीसदी से बढ़ा कर 65 फीसदी आरक्षण देने पर सुनवाई कल चौथे दिन 7 मार्च 2024 को जारी रहेगी. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ गौरव कुमार व अन्य की जनहित याचिकायों पर सुनवाई कर रही है.
याचिका पर लगाई थी रोक: पिछली सुनवाई में पटना हाईकोर्ट ने इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. साथ ही पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार का इस मामले पर जवाब भी देने का निर्देश दिया था. 9 नवंबर 2023 को राज्य सरकार ने एक कानून ला कर आरक्षण की सीमा बढ़ा दी थी. इन मामलों पर पुनः कल सुनवाई जारी रहेगी.
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