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बिहार के नियोजित शिक्षकों को HC से बड़ी राहत, सक्षमता परीक्षा में फेल होने पर नहीं जाएगी नौकरी - bihar niyojit shikshak

Bihar Niyojit Shikshak: बिहार शिक्षा विभाग को पटना हाईकोर्ट से झटका लगा है. नियोजित शिक्षकों के मामले में HC ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सक्षमता परीक्षा में फेल होने या शामिल नहीं होने वाले नियोजित शिक्षक पद पर बने रहेंगे और उनकी नौकरी नहीं जाएगी.

बिहार के नियोजित शिक्षकों को HC से बड़ी राहत, सक्षमता परीक्षा में फेल होने पर नहीं जाएगी नौकरी
बिहार के नियोजित शिक्षकों को HC से बड़ी राहत, सक्षमता परीक्षा में फेल होने पर नहीं जाएगी नौकरी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 2, 2024, 1:43 PM IST

Updated : Apr 2, 2024, 1:59 PM IST

पटना: हाईकोर्ट पटना में सक्षमता परीक्षा से संबंधित मामले की सुनवाई हुई, जिसमें माननीय न्यायालय ने रूल 4 के प्रोविजन को समाप्त करते हुए यह आदेश दिया है कि अगर शिक्षक सक्षमता परीक्षा में नहीं बैठते है या फेल होते हैं तो उन्हें हटाया नहीं जाएगा. इस फैसले को लेकर शिक्षकों ने खुशी जाहिर की है.

नियोजित शिक्षकों को HC से बड़ी राहत: दरअसल पटना हाईकोर्ट ने राज्य के नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए कहा कि सक्षमता परीक्षा नहीं पास करने वालों शिक्षक अपने पद पर बने रहेंगे. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई 15 मार्च,2024 को सुरक्षित रखा, जिसे आज सुनाया गया.

नियोजित शिक्षकों ने जाहिर की खुशी: इस फैसले पर नियोजित शिक्षकों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि "आज जो फैसला आया है, इससे हम लोगों में खुशी है. हमारी मांग थी कि बार-बार सरकार कभी दक्षता परीक्षा के नाम पर तो कभी सक्षमता के नाम पर जो छटनी प्रक्रिया कर रही थी. उसमें आज शिक्षकों की जीत हुई है."

नियम 4 के सेकेंड पैरा में हटाने के नियम पर रोक: हाईकोर्ट में नियम 4 के सेकेंड पैरा में हटाने का जो नियम है उसे फिलहाल रोक दिया है. यानी शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा. दूसरी नियमावली 12, जो प्राधिकार को खत्म करने का, सेवा निरंतरता, ऐच्छिक स्थानांतरण सभी मुद्दों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगी.

क्या है पूरा मामला?: बता दें कि बिहार में शिक्षकों की बड़ी संख्या में भर्ती के बाद राज्य के साढ़े तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों ने उनकी सेवा को स्थायी करते हुए BPSC पास शिक्षकों की तरह ही राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की थी. इसके बाद राज्य सरकार ने तय किया था कि नियोजित शिक्षकों को सरकार राज्यकर्मी का दर्जा देगी, लेकिन उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सक्षमता परीक्षा को पास करना होगा.

नियोजित शिक्षकों ने हाईकोर्ट से लगायी थी गुहार: राज्य सरकार के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया.शिक्षा विभाग की तरफ से नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के माध्यम से पहले तीन बार मौका देने का निर्णय हुआ, लेकिन इसका विरोध शुरू हो गया. विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों को राहत देते हुए सक्षमता परीक्षा को 5 अटैम्पट में कर दिया. सरकार के इस फैसले के खिलाफ नियोजित शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

शिक्षा विभाग को कोर्ट से बड़ा झटका: इसी बीच बिहार शिक्षा विभाग की ओर से नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित की गई, जिसके परिणाम भी सामने आ चुके हैं. बड़ी संख्या में इस परीक्षा में नियोजित शिक्षक पास हुए तो हजारों शिक्षक फेल भी हुए हैं. मंगलवार को पटना हाईकोर्ट में नियोजित शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई हुई और कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है. कोर्ट का यह फैसला बिहार सरकार और शिक्षा विभाग के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- 'चुनाव में नीतीश की लेंगे सक्षमता परीक्षा', एग्जाम में कठिन प्रशन पत्र आने पर बोले नाराज नियोजित शिक्षक

पटना: हाईकोर्ट पटना में सक्षमता परीक्षा से संबंधित मामले की सुनवाई हुई, जिसमें माननीय न्यायालय ने रूल 4 के प्रोविजन को समाप्त करते हुए यह आदेश दिया है कि अगर शिक्षक सक्षमता परीक्षा में नहीं बैठते है या फेल होते हैं तो उन्हें हटाया नहीं जाएगा. इस फैसले को लेकर शिक्षकों ने खुशी जाहिर की है.

नियोजित शिक्षकों को HC से बड़ी राहत: दरअसल पटना हाईकोर्ट ने राज्य के नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए कहा कि सक्षमता परीक्षा नहीं पास करने वालों शिक्षक अपने पद पर बने रहेंगे. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई 15 मार्च,2024 को सुरक्षित रखा, जिसे आज सुनाया गया.

नियोजित शिक्षकों ने जाहिर की खुशी: इस फैसले पर नियोजित शिक्षकों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि "आज जो फैसला आया है, इससे हम लोगों में खुशी है. हमारी मांग थी कि बार-बार सरकार कभी दक्षता परीक्षा के नाम पर तो कभी सक्षमता के नाम पर जो छटनी प्रक्रिया कर रही थी. उसमें आज शिक्षकों की जीत हुई है."

नियम 4 के सेकेंड पैरा में हटाने के नियम पर रोक: हाईकोर्ट में नियम 4 के सेकेंड पैरा में हटाने का जो नियम है उसे फिलहाल रोक दिया है. यानी शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा. दूसरी नियमावली 12, जो प्राधिकार को खत्म करने का, सेवा निरंतरता, ऐच्छिक स्थानांतरण सभी मुद्दों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगी.

क्या है पूरा मामला?: बता दें कि बिहार में शिक्षकों की बड़ी संख्या में भर्ती के बाद राज्य के साढ़े तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों ने उनकी सेवा को स्थायी करते हुए BPSC पास शिक्षकों की तरह ही राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की थी. इसके बाद राज्य सरकार ने तय किया था कि नियोजित शिक्षकों को सरकार राज्यकर्मी का दर्जा देगी, लेकिन उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सक्षमता परीक्षा को पास करना होगा.

नियोजित शिक्षकों ने हाईकोर्ट से लगायी थी गुहार: राज्य सरकार के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया.शिक्षा विभाग की तरफ से नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के माध्यम से पहले तीन बार मौका देने का निर्णय हुआ, लेकिन इसका विरोध शुरू हो गया. विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों को राहत देते हुए सक्षमता परीक्षा को 5 अटैम्पट में कर दिया. सरकार के इस फैसले के खिलाफ नियोजित शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

शिक्षा विभाग को कोर्ट से बड़ा झटका: इसी बीच बिहार शिक्षा विभाग की ओर से नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित की गई, जिसके परिणाम भी सामने आ चुके हैं. बड़ी संख्या में इस परीक्षा में नियोजित शिक्षक पास हुए तो हजारों शिक्षक फेल भी हुए हैं. मंगलवार को पटना हाईकोर्ट में नियोजित शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई हुई और कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है. कोर्ट का यह फैसला बिहार सरकार और शिक्षा विभाग के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- 'चुनाव में नीतीश की लेंगे सक्षमता परीक्षा', एग्जाम में कठिन प्रशन पत्र आने पर बोले नाराज नियोजित शिक्षक

Last Updated : Apr 2, 2024, 1:59 PM IST
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