पटनाः कोरोना के बाद अब पूरी दुनिया पर मंकीपॉक्स का खतरा मंडराने लगा है. भारत में भी मंकीपॉक्स के करीब 9 मामले सामने आए हैं. वहीं मंकी पॉक्स को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह अलर्ट है. ये बीमारी राज्य में पैर न पसारे इसको लेकर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पटना एयरपोर्ट पर एक हेल्थ डेस्क बनाया है जहां विदेश से आनेवाले लोगों की जांच की जा रही है.
21 दिनों की हेल्थ हिस्ट्रीः इस हेल्थ डेस्क पर विदेश से आनेवाले यात्रियों की 21 दिनों की हेल्थ हिस्ट्री ली जा रही है. इस दौरान किसी भी यात्री के शरीर में मंकीपॉक्स के किसी भी प्रकार के कोई लक्षण पाए जाते हैं तो उसे पटना के एनएमसीएच रेफर किया जाएगा. एयरपोर्ट पर बनाए गये हेल्थ डेस्क पर अभी तक दुबई से आए दो यात्रियों की 21 दिनों की हेल्थ हिस्ट्री के बारे में पूछताछ की गयी है.
"यहां विदेश से यात्रा कर जो लोग आ रहे हैं, उनके स्वास्थ्य से संबंधित 21 दिनों की हिस्ट्री ले रहे हैं. वो कहां से आ रहे हैं, यहां कहां ठहरेंगे.अगर उनमें कुछ लक्षण दिखता है, जैसे-फीवर, रैशेज तो उन्हें हम एनएमसीएच रेफर करेंगे. उनकी 21 दिनों की हेल्थ हिस्ट्री के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म दे रहे हैं. अभी तक दुबई से आए दो लोगों से सेल्फ डिक्लेरेशन लिया गया है."- प्रियंका कुमारी, एएनएम
पटना और गया में खास अलर्टः देश के कई हिस्सों में मंकीपॉक्स के केस सामने आने के बाद बिहार का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से आईडीएसपी के राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डॉ रंजीत कुमार ने इस संबंध में पटना और गया जिले के सिविल सर्जन समेत जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को एडवाइजरी लेटर जारी किया गया है. इसमें मंकीपॉक्स के प्रसार एवं इससे बचाव की जानकारी भी दी गयी है.
एडवाइजरी में क्या है ?: एडवाइजरी में बताया गया है कि मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जिसे मुख्यतः मध्य एवं पश्चिमी अफ्रीका से रिपोर्ट किया गया है. अब इसके दूसरे देशों में भी फैलने की खबरें आ रही है. मार्च 2024 में केरल से भी इसके एक केस मिलने की सूचना मिली थी. 14 अगस्त 2024 को WHO ने द्वारा मंकी पॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न घोषित किया है. ऐसे में पटना और गया जैसे जिले जहां अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आते हैं वहां विशेष अलर्ट रहने की जरूरत है.
मंकी पॉक्स के लक्षणः मंकीपॉक्स के लक्षणों की बात करें तो इसके मुख्य लक्षण शरीर पर रैशेज, बुखार एवं लसिका तंत्रिकाओं में सूजन होता है. इसका संक्रमण संक्रमित जानवरों के काटने/नोचने, शरीर के तरल पदार्थ, घाव सामग्री और जंगल में पके मांस के सीधे अथवा परोक्ष संपर्क में आने से होता है.यह बीमारी ड्रॉपलेट, त्वचा से त्वचा का संपर्क, मुंह से मुंह के मिलने और एवं मुंह का त्वचा के संपर्क में आने से होता है.
मंकी पॉक्स से बचाव: एडवाइजरी में बताया गया है कि मंकीपॉक्स से प्रभावित जगहों पर यात्रा करने वाले लोगों को संक्रमित व्यक्ति एवं जानवर के संपर्क में आने से बचना चाहिए और ग्लोव्स, मास्क आदि का उपयोग करना चाहिए. बीमार लोगों की देखभाल अथवा जानवरों को संभालने के बाद नियमित हाथ धोना चाहिए.
प्रसार को रोकने के लिए इंतजाम: एडवाइजरी में ये भी कहा गया है कि पटना और गया एअरपोर्ट पर हेल्थ डेस्क की स्थापना के साथ-साथ पटना के गायघाट में आनेवाले विदेशी यात्रियों की अंतर्देशीय नेविगेशन प्राधिकरण की ओर से निगरानी सुनिश्चित की जाये. आईडीएच पटना, एनएमसीएच पटना और एएनएमएमसीएच गया में आइसोलेशन वार्ड बनाया जाये. जिसमे पांच बेड संदिग्ध और पांच बेड कनफर्म्ड मरीजों के लिए रखा जाए.
ये भी पढ़ेंःबिहार में मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी, पटना और गया पर स्वस्थ्य विभाग रख रही नजर - monkey pox in Bihar