पटना: बिहार के पटना में गंगा खतरे की निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है, जिसके कारण विगत एक सप्ताह से अधिक समय से कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न है. खास कर दियारा क्षेत्र की बात करें तो यहां बाढ़ का सबसे अधिक असर देखने को मिल रहा है. ऐसे में बाढ़ के हालात को देखते हुए पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने जिले के 76 स्कूलों को 26 सितंबर तक के लिए बंद करने का निर्देश दिया है.
जिले के 76 स्कूल बंद: इससे पहले इन विद्यालयों को 17 सितंबर को बंद करने का निर्देश दिया था और 21 सितंबर तक बंद किया गया था. लेकिन बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं होने पर विद्यालय की छुट्टी को 26 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है. पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि अभी के समय गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. इसके अलावा नदी की धारा काफी तेज होने के कारण स्कूल के बच्चों और शिक्षकों के जीवन एवं स्वास्थ्य पर खतरा को देखते हुए जिले के आठ प्रखंड के 76 विद्यालयों को 26 सितंबर तक के लिए बंद किया गया है.
"गंगा के जलस्तर में कमी आई तो विद्यालय खुलेंगे. दोबारा से जब इन क्षेत्रों के विद्यालय खुलेंगे तो घाट पर विभाग द्वारा निर्देशित सुरक्षा के सभी प्रबंध किए जाएंगे. जब विद्यालय खुलेंगे तो इन विद्यालयों में अर्धवार्षिक परीक्षा आयोजित किए जाएंगे."- डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह,पटना डीएम
8 प्रखंडों के 20 पंचायत के स्कूल बंद: आठ प्रखंड के बीस पंचायत के स्कूलों को बंद कर दिया गया है. इनमें अथमलगोला प्रखंड के रामनगर दियारा के स्कूल, बाढ़ के इब्राहिमपुर,बख्तियारपुर के अकिलपुर, गंगहारा, हेतनपुर, माधवपुर, कासिमचक, मानस, पानापुर, पतलापुर, हैवसपुर, दानापुर के अकिलपुर, गंगहारा, हेतनपुर, माधवपुर, कासिमचक, मानस, पानापुर, पतलापुर, हैवसपुर के स्कूल बंद करने की घोषणा की गई है. वहीं फतुहा के मोमिन्दपुर, मनेर के गंगहरा, पतलापुर, मोकामा के शिवनार और पटना सदर के नकटा टोला दियारा में स्कूल बंद किए गए हैं.
क्या है शिक्षा विभाग के निर्देश: बिहार के शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिला पदाधिकारी को यह निर्देशित किया गया है कि वह अपने जिले में ऐसे घाट को चिह्नित करें, जहां से नाव पकड़के बच्चे और शिक्षक विद्यालय आते जाते हैं. इन जगहों पर सरकारी स्तर से नाव की व्यवस्था की जाए और नाव पर पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट उपलब्ध हो. इसके अलावा इन जगहों पर एसडीआरएफ की तैनाती हो, साथ ही साथ प्रशिक्षित गोताखोरों की भी तैनाती नाव पर की जाए.
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