पटनाः मॉनसून के दस्तक देते ही गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बिहार में मॉनसून के आने के बाद से अब तक 12 पुल गिर चुके हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है. पटना के जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने गुरुवार को बाढ़ पूर्व तैयारियों का जायजा लिया. जिलाधिकारी ने शहर के विभिन्न सम्प हाउस, नालों एवं पटना सुरक्षा बांध का निरीक्षण किया.
"शहर में जल-निकासी की व्यवस्था चेक की जा रही है. अतिवृष्टि की स्थिति में आम जनता को कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी. स्लुइस गेट ठीक तरीके से काम कर रहा है. गंगा में पानी बढ़ने की स्थिति में स्लुइस गेट बंद कर पानी को रोका जा सकता है. सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में प्रभावी तरीके से निपटा जा सके."- डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी
गंगा के जलस्तर में वृद्धिः अत्यधिक वर्षा होने के कारण पठारी और पहाड़ी इलाकों में पानी गंगा में समाहित हो जाता है. हर छोटी बड़ी नदियां का पानी गंगा में समाहित होने लगता है जिसके कारण गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने लगती है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा के जलस्तर में प्रति घंटे 4 से 5 सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है. बुधवार को गंगा का जलस्तर 43.40 था जो आज बृहस्पतिवार को 43.85 हो गया.
अधिकारियों को दिये निर्देशः डीएम ने आज मॉनसून-पूर्व तैयारियों के क्रम में सबसे पहले दीघा लॉक का भ्रमण किया. उन्होंने वहां गंगा के जलस्तर, स्लूईस गेट की क्रियाशीलता, डीपीएस संचालन आदि का जायजा लिया. जिलाधिकारी द्वारा पटना शहर सुरक्षा दीवाल का निरीक्षण किया गया. उन्होंने एलसीटी घाट स्लूईस गेट, राजापुर पुल नाला एवं ड्रेनेज पम्पिंग प्लांट, आनन्दपुरी नाला, मंदिरी नाला एवं ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशन का निरीक्षण किया. गंगा में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए.
प्रशासन सजग हैः डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार गंगा नदी का वर्तमान जलस्तर उच्चतम जलस्तर से काफी कम है. डेंजर लेवल से यह लगभग 6 मीटर कम है. दीघा घाट में आज सवेरे 06.00 बजे नदी का जलस्तर 43.67 मीटर था, जबकि उच्चतम जलस्तर 52.52 मीटर. मौसम विभाग द्वारा दी गई सूचना के अनुसार अच्छी बारिश की संभावना है. अतिवृष्टि भी हो सकती है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग है.
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