पटनाः बिहार में 4 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव के आधार पर अगर NDA में इन 4 सीटों के लिए बंटवारा होता है तो बेला सीट पर जेडीयू और इमामगंज सीट पर HAM की दावेदारी बनती है वहीं रामगढ़ और तरारी विधानसभा सीट पर बीजेपी का हक बनता है. लेकिन आरएलजेपी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने तरारी सीट पर दावा ठोक कर NDA को मुश्किल में डाल दिया है.
तरारी पर तकरारः 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान तरारी सीट पर NDA की ओर से बीजेपी कैंडिडेट ने चुनाव लड़ा था, जबकि बाहुबली सुनील पांडेय ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमाई थी. नतीजे आए तो जीत हुई सीपीआईएमल के सुदामा प्रसाद की और सुनील पांडेय करीब 11 हजार वोट से मात खा गये. वहीं बीजेपी कैंडिडेट कौशल विद्यार्थी के खाते में सिर्फ 13833 वोट आए और वे तीसरे नंबर पर रहे.
रुपौली के नतीजे से उत्साहित हैं सुनील पांडेयः अभी हाल ही में संपन्न रुपौली विधानसभा उपचुनाव के नतीजे से बाहुबली नेताओं का उत्साह बढ़ गया है. रुपौली सीट पर बाहुबली शंकर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ही चुनाल लड़कर NDA और महागठबंधन के प्रत्याशियों को धूल चटा दी. इस नतीजे से उत्साहित बाहुबली सुनील पांडेय भी अब तरारी विधानसभा उपचुनाव में दो-दो हाथ करने को तैयार हैं.
आरएलजेपी ने सुनील पांडेय के लिए ठोका दावाः कभी नीतीश के खासमखास माने जानेवाले सुनील पांडेय फिलहाल आरएलजेपी में हैं. ऐसे में पशुपति कुमार पारस तरारी विधानसभा सीट पर सुनील पांडेय के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. इस दावे के पीछे आरएलजेपी का तर्क भी दमदार है और वो ये कि सुनील पांडेय पीरो से 2 बार और फिर परिसीमन के बाद बने तरारी विधानसभा स सीट से एक बार विधायक रह चुके हैं. यानी इस इलाके में सुनील पांडेय की अपनी खुद की बड़ी पहचान है और इसी के आधार पर आरएलजेपी उनके नाम पर दावा ठोक रहा है.
"बिहार में होनेवाले 4 विधानसभा सीट के उपचुनाव में हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारसजी ने एक सीट को लेकर दावा किया है. हमलोग तरारी विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. हमारी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक सुनील पांडेय तरारी सीट से मजबूत दावेदार हैं.उन्हें पार्टी ने मैदान में उतारने का मन बनाया है.हम हर हाल में तरारी सीट पर लड़ने जा रहे हैं."-उपेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष, आरएलजेपी(यूथ)
दो नावों पर सवार सुनील पांडेयः इधर तरारी के पूर्व विधायक बाहुबली सुनील पांडेय खुद भी तरारी सीट से दो-दो हाथ करने को तैयार है. इसको लेकर वो पारस के जरिये अपनी दावेदारी पेश तो कर ही रहे हैं, सीएम नीतीश कुमार के संपर्क में भी हैं. दरअसल सुनील पांडेय जेडीयू के टिकट पर तरारी से विधायक रह चुके हैं और एक जमाना था जब सीएम नीतीश के काफी करीब थे.
जेडीयू के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनावः सुनील पांडेय की दावेदारी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि जेडीयू सुनील पांडेय के लिए बीजेपी से तरारी सीट की मांग करे और तब सुनील पांडेय आरएलजेपी की जगह जेडीयू के टिकट से चुनाव लड़ें, हालांकि इन सब के बीच बीजेपी का रुख भी मायने रखता है.
"सवाल ये है कि सुनील पांडेय क्या पशुपति पारस की पार्टी से चुनाव लड़ेंगे या फिर जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे ? 2020 के विधानसभा चुनाव में तरारी सीट पर बीजेपी का काफी कम वोट मिले थे. ऐसे में जेडीयू इस सीट को लेकर सुनील पांडेय को टिकट देकर चुनाव लड़ने का दावा कर सकता है."- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक
'बीजेपी का स्वाभाविक दावा': 4 विधानसभा सीट पर होनेवाले उपचुनाव को लेकर सबसे बड़ी टेंशन बीजेपी के लिए है. इस बारे में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक कहना है कि अभी विधानसभा उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है, हालांकि बीजेपी हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहती है और इस बार भी पूरी तरह तैयार है.
"जिन चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उन सीटों में 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रामगढ़ और तरारी सीट पर चुनाव लड़ा था. इस तरह से इन दो सीटों पर तो हमारा स्वाभाविक दावा बनता है. बाकी चीजे पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा"- संतोष पाठक, प्रदेश उपाध्यक्ष, बीजेपी
'हर हाल में लड़ेंगे चुनाव': वहीं तरारी सीट को लेकर जब ईटीवी भारत ने सुनील पांडेय से बात की तो सुनील पांडेय ने साफ तौर पर कहा कि वो हर हाल में तरारी विधानसभा सीट के उपचुनावी जंग में उतरेंगे. यानी सुनील पांडेय तरारी से एक बार फिर दो-दो हाथ के लिए तैयार हैं. बस देखना ये है कि उन्हें टिकट किस पार्टी से मिलता है ?
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