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अस्पतालों में उल्टी-दस्त और डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी, इन चीजों से करें परहेज - Lucknow news - LUCKNOW NEWS

लखनऊ के बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु अस्पताल और भाऊराव देवरस अस्पताल में शनिवार को बीते 24 घंटों में उल्टी-दस्त, डायरिया, डिहाइड्रेशन और पेट दर्द के 100 से ज्यादा मरीज भर्ती हुए.

अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती हो रहें मरीज
अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती हो रहें मरीज (PHOTO Credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 26, 2024, 10:04 PM IST

लखनऊ: राजधानी के बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु अस्पताल और भाऊराव देवरस अस्पताल में शनिवार को बीते 24 घंटों में उल्टी-दस्त, डायरिया, डिहाइड्रेशन और पेट दर्द के 100 से ज्यादा मरीज भर्ती हुए. इलाज के दौरान ज्यादातर मरीजों ने बताया कि उन्होंने सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य सामग्री खाई. किसी ने कबाब-पराठा, पूड़ी-सब्जी, तो किसी ने गोलगप्पे खाए. कुछ ने लस्सी पीने के साथ ही कटे फल खाने के बाद बीमार पड़ने की बात कही.

बलरामपुर अस्पताल के फिजिशियन डॉ. विष्णु कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में डायरिया, उल्टी-दस्त और पेट दर्द के मरीज काफी बढ़े हैं. इनमें से ज्यादातर की तबीयत बाहर खाने के बाद बिगड़ी है. गंदगी में बने खाने के साथ दूषित पानी भी संक्रमण की बड़ी वजह है. वहीं, सिविल में भर्ती कई मरीजों ने कबाब-पराठा, पूड़ी- सब्जी या छोले-भटूरे खाने के बाद तबीयत खराब होने की बात कही.

इमरजेंसी में बढ़े मरीज
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान इमरजेंसी में पेट के इंफेक्शन से परेशान 25 से अधिक मरीज भर्ती हुए हैं. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार के अनुसार 24 घंटों के दौरान इमरजेंसी में कुल 64 मरीज भर्ती हुए हैं. इनमें से आधे पेट में इंफेक्शन से पीड़ित हैं. लोकबंधु और ठाकुरगंज अस्पताल में मिलाकर 25 मरीज भर्ती हुए हैं. बीआरडी अस्पताल के सीएमएस डॉ. रंजीत दीक्षित ने पांच मरीज भर्ती होने की बात कही है.

15 दिन में 100 सैंपल, रिपोर्ट का इंतजार
खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थ सुरक्षित हैं या नहीं, साफ- सफाई के पुख्ता इंतजाम हैं या नहीं, इसकी जांच का जिम्मा एफएसडीए का है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर महीनों तक कोई सैंपलिंग नहीं होती. वहीं, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी सिंह का दावा है कि शहर में पिछले 15 दिनों में खुली जगहों पर बिक रहे खाद्य पदार्थों के 100 नमूने जांच के जिए भेजे जा चुके हैं. रिपोर्ट के आधार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

गर्मी में रखें ध्यान

  • अधिक से अधिक पानी का सेवन.
  • एक साथ की जगह थोड़ा-थोड़ा खाएं.
  • शिकंजी, नींबू-पानी, छांछ और लस्सी पिएं.
  • खरबूजा, तरबूज सहित अन्य फल घर पर ही खाएं.
  • उबला या बंद बोतल का पानी ही पिए.
  • मौसमीय फलों व सब्जियों का ही सेवन करें.
  • योगा और व्यायाम करें.

    इन चीजों को करें नजरअंदाज
  • बासी खाने से बचें.
  • खुले में बिकने वाले कटे फलों खाने से बचें.
  • अधिक चिकनाई और मसाले वाला खाने से बचें.
  • बाहर के तले-भुने खाद्य पदार्थों से दूर रहें.
  • बाहर से आकर तुरंत ठंडा पानी न पिएं.
  • बाहर निकलते समय अच्छे से सिर ढक कर निकलें.
  • दिक्कत होने पर चिकित्सकीय परामर्श लें.

लखनऊ: राजधानी के बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु अस्पताल और भाऊराव देवरस अस्पताल में शनिवार को बीते 24 घंटों में उल्टी-दस्त, डायरिया, डिहाइड्रेशन और पेट दर्द के 100 से ज्यादा मरीज भर्ती हुए. इलाज के दौरान ज्यादातर मरीजों ने बताया कि उन्होंने सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य सामग्री खाई. किसी ने कबाब-पराठा, पूड़ी-सब्जी, तो किसी ने गोलगप्पे खाए. कुछ ने लस्सी पीने के साथ ही कटे फल खाने के बाद बीमार पड़ने की बात कही.

बलरामपुर अस्पताल के फिजिशियन डॉ. विष्णु कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में डायरिया, उल्टी-दस्त और पेट दर्द के मरीज काफी बढ़े हैं. इनमें से ज्यादातर की तबीयत बाहर खाने के बाद बिगड़ी है. गंदगी में बने खाने के साथ दूषित पानी भी संक्रमण की बड़ी वजह है. वहीं, सिविल में भर्ती कई मरीजों ने कबाब-पराठा, पूड़ी- सब्जी या छोले-भटूरे खाने के बाद तबीयत खराब होने की बात कही.

इमरजेंसी में बढ़े मरीज
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान इमरजेंसी में पेट के इंफेक्शन से परेशान 25 से अधिक मरीज भर्ती हुए हैं. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार के अनुसार 24 घंटों के दौरान इमरजेंसी में कुल 64 मरीज भर्ती हुए हैं. इनमें से आधे पेट में इंफेक्शन से पीड़ित हैं. लोकबंधु और ठाकुरगंज अस्पताल में मिलाकर 25 मरीज भर्ती हुए हैं. बीआरडी अस्पताल के सीएमएस डॉ. रंजीत दीक्षित ने पांच मरीज भर्ती होने की बात कही है.

15 दिन में 100 सैंपल, रिपोर्ट का इंतजार
खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थ सुरक्षित हैं या नहीं, साफ- सफाई के पुख्ता इंतजाम हैं या नहीं, इसकी जांच का जिम्मा एफएसडीए का है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर महीनों तक कोई सैंपलिंग नहीं होती. वहीं, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी सिंह का दावा है कि शहर में पिछले 15 दिनों में खुली जगहों पर बिक रहे खाद्य पदार्थों के 100 नमूने जांच के जिए भेजे जा चुके हैं. रिपोर्ट के आधार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

गर्मी में रखें ध्यान

  • अधिक से अधिक पानी का सेवन.
  • एक साथ की जगह थोड़ा-थोड़ा खाएं.
  • शिकंजी, नींबू-पानी, छांछ और लस्सी पिएं.
  • खरबूजा, तरबूज सहित अन्य फल घर पर ही खाएं.
  • उबला या बंद बोतल का पानी ही पिए.
  • मौसमीय फलों व सब्जियों का ही सेवन करें.
  • योगा और व्यायाम करें.

    इन चीजों को करें नजरअंदाज
  • बासी खाने से बचें.
  • खुले में बिकने वाले कटे फलों खाने से बचें.
  • अधिक चिकनाई और मसाले वाला खाने से बचें.
  • बाहर के तले-भुने खाद्य पदार्थों से दूर रहें.
  • बाहर से आकर तुरंत ठंडा पानी न पिएं.
  • बाहर निकलते समय अच्छे से सिर ढक कर निकलें.
  • दिक्कत होने पर चिकित्सकीय परामर्श लें.

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