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मृत को जिंदा बता परिजनों ने मचाया हंगामा, कोडरमा सदर अस्पताल में की तोड़फोड़ - patient relatives created ruckus

Koderma Sadar Hospital. कोडरमा सदर अस्पताल में मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजन मृत घोषित किए जाने के बाद फिर से मरीज को चेक करने की मांग कर रहे थे.

patient relatives created ruckus in Koderma Sadar Hospital
कोडरमा सदर अस्पताल (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 8, 2024, 9:09 AM IST

Updated : Jul 8, 2024, 9:17 AM IST

कोडरमा: जिले के सदर अस्पताल में लोगों ने जमकर हंगामा किया. लोगों ने इस दौरान तोड़फोड़ भी की. मरीज के मृत घोषित किए जाने के बाद दोबारा जांच की मांग को लेकर लोगों ने हंगामा किया. बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

जानकारी देते सदर अस्पताल के डॉक्टर (ईटीवी भारत)

दरअसल करियाबर के रहने वाले प्रकाश राम के 30 वर्षीय बेटे रंजीत राम ने खुदकुशी की थी. जिसके बाद उसके परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां ड्यूटी पर तैनात डॉ धर्मेंद्र कुमार ने जांच में उसे मृत घोषित कर दिया. सदर अस्पताल में ऑन ड्यूटी तैनात डॉक्टर ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. थोड़ी देर बाद मरीज के परिजनों ने मरीज की सांस चलने और मृतक के द्वारा पानी पीने की बात कही गई और फिर से जांच करने की मांग की.

इस दौरान चिकित्सक शौच के लिए चले गए. केबिन में चिकित्सक के नहीं रहने पर गुस्साए परिजनों ने केबिन को तोड़ दिया. एमरजेंसी में बैठे डॉ धर्मेंद्र ने दोबारा जांच भी की मगर वह मर चुका था. डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि मरीज को मृत घोषित करने के बाद वह शौच के लिए एमरजेंसी वार्ड के शौचालय में ही थे, तभी लोग हंगामा करने लगे और देखा कि मरीज के परिजनों के द्वारा केबिन को क्षतिग्रस्त किया गया है. उन्होंने बताया कि घटना के बाद कोडरमा पुलिस के द्वारा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

कोडरमा: जिले के सदर अस्पताल में लोगों ने जमकर हंगामा किया. लोगों ने इस दौरान तोड़फोड़ भी की. मरीज के मृत घोषित किए जाने के बाद दोबारा जांच की मांग को लेकर लोगों ने हंगामा किया. बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

जानकारी देते सदर अस्पताल के डॉक्टर (ईटीवी भारत)

दरअसल करियाबर के रहने वाले प्रकाश राम के 30 वर्षीय बेटे रंजीत राम ने खुदकुशी की थी. जिसके बाद उसके परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां ड्यूटी पर तैनात डॉ धर्मेंद्र कुमार ने जांच में उसे मृत घोषित कर दिया. सदर अस्पताल में ऑन ड्यूटी तैनात डॉक्टर ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. थोड़ी देर बाद मरीज के परिजनों ने मरीज की सांस चलने और मृतक के द्वारा पानी पीने की बात कही गई और फिर से जांच करने की मांग की.

इस दौरान चिकित्सक शौच के लिए चले गए. केबिन में चिकित्सक के नहीं रहने पर गुस्साए परिजनों ने केबिन को तोड़ दिया. एमरजेंसी में बैठे डॉ धर्मेंद्र ने दोबारा जांच भी की मगर वह मर चुका था. डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि मरीज को मृत घोषित करने के बाद वह शौच के लिए एमरजेंसी वार्ड के शौचालय में ही थे, तभी लोग हंगामा करने लगे और देखा कि मरीज के परिजनों के द्वारा केबिन को क्षतिग्रस्त किया गया है. उन्होंने बताया कि घटना के बाद कोडरमा पुलिस के द्वारा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

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Last Updated : Jul 8, 2024, 9:17 AM IST
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