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फिर मौत के मुंह से मरीज को निकाल लाई ये महिला डॉक्टर, नाहन मेडिकल कॉलेज का एक और "चमत्कार" - NAHAN MEDICAL COLLEGE ACHIEVEMENT

नाहन मेडिकल कॉलेज इन दिनों डॉक्टर अनिकेता शर्मा के काम के कारण चर्चा में है. डिटेल में पढ़ें खबर...

ब्रेन स्ट्रोक से कोमा में गई महिला होश में आई
ब्रेन स्ट्रोक से कोमा में गई महिला होश में आई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 16, 2025, 12:58 PM IST

Updated : Jan 16, 2025, 1:12 PM IST

सिरमौर: डॉक्टर को धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है और जब डॉक्टर किसी मरीज को अपनी जांच करने के बाद ये कह दे "अब मरीज को घर ले जाओ और इसकी सेवा-पानी करो" तो हर कोई परिजन ये मान लेता है कि अब मरीज के पास ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. कुछ ऐसा ही मामला हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से सामने आया है.

यहां एक बुजुर्ग महिला ब्रेन स्ट्रोक के बाद कोमा में चली गई थी जिसे परिजन बड़ा अस्पताल जानकर इलाज के लिए नाहन मेडिकल कॉलेज से पीजीआई चंडीगढ़ ले गए थे. बुजुर्ग महिला के बेटे ने बताया "वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद सलाह दी कि हम आपको भरोसा नहीं दे सकते कि मरीज ठीक हो सकता है. ऐसे में ये आपकी मर्जी है कि आप मरीज को यहां रख सकते हैं या घर ले जाकर इनकी सेवा कर सकते हैं" ऐसे में परिजन बुजुर्ग महिला को दोबारा नाहन मेडिकल कॉलेज ले आए जहां करीब 10 दिनों का इलाज मिलने के बाद बुजुर्ग महिला कोमा से बाहर आ गईं.

कोमा में गई महिला 10 दिन के इलाज के बाद कोमा से आई बाहर (ETV Bharat)

बुजुर्ग के बेटे ने जताया आभार

महिला के बेटे ने बताया "नाहन मेडिकल कॉलेज से अपनी मां को जिद्द कर चंडीगढ़ पीजीआई ले जाने के बावजूद भी डॉ. अनिकेता शर्मा ने नाहन मेडिकल कॉलेज में उनकी मां का उपचार शुरू किया. कुछ दिनों के बाद उनकी मां को होश आया और शारीरिक तौर पर काफी सुधार हुआ. बीते साल 25 दिसंबर को उन्हें नाहन मेडिकल कॉलेज से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया था." अब उनकी मां की हालत में निरंतर सुधार आ रहा है. वह पुनः रूटीन चेकअप के लिए बीते बुधवार को अपनी मां को लेकर नाहन अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने इसके लिए डॉ. अनिकेता शर्मा व उनकी टीम का आभार व्यक्त किया.

बीपी बढ़ने के कारण हुआ ब्रेन स्ट्रोक

मेडिकल कॉलेज नाहन के मेडिसिन विभाग में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनिकेता शर्मा ने बताया मरीज का नाम नाजरो देवी है जो 75 साल की हैं. "बुजुर्ग महिला बीपी की दवाइयां लेती थी, जिसे वह बीच-बीच में छोड़ भी देती थी. इसी बीच एकाएक बीपी काफी अधिक बढ़ जाने के कारण मरीज को ब्रेन स्ट्रोक हो गया. मल्टीपल ब्लॉकेट्स होने के कारण महिला मरीज कोमा में चली गईं. गर्दन से नीचे शरीर का पूरा हिस्सा टोटली पैरालिसिस हो चुका था. परिजनों को समझाया गया था कि जो ट्रीटमेंट पीजीआई में दिया जाएगा, वहीं उन्हें यहां भी दिया जाएगा, लेकिन अपनी संतुष्टि के लिए परिजन महिला को चंडीगढ़ पीजीआई ले गए. इसके अगले दिन परिजन दोबारा महिला को चंडीगढ़ से यहां ले आए."

नाजरो देवी, बुजुर्ग महिला मरीज
नाजरो देवी, बुजुर्ग महिला मरीज (ETV Bharat)

मरीज का 21 दिनों तक चला इलाज

डॉ. अनिकेता शर्मा ने बताया "शुरुआती पांच दिन मरीज ने कोई रिस्पोंड नहीं किया. लिहाजा एक कोमा के मरीज को जिस तरह की नर्सिंग केयर मिलती है मरीज को हमने वैसे ही नर्सिंग केयर दी. 10-11 दिनों के बाद मरीज रिस्पोंड करने लगा. इसके साथ ही मरीज को हमने मल्टीपल ब्लॉकेट्स का ट्रीटमेंट दिया. शुरुआत में मरीज ने अपनी आंखें खोल दाएं-बाएं देखना शुरू किया. साथ ही अपने हाथों और बाजुओं को भी हिलाना शुरू कर दिया. फिर मरीज की फिजियोथेरेपी शुरू की गई. साथ ही मरीज के अटेंडेंट ने भी उन कमांडस को अच्छे से फॉलो किया, जो उन्हें बताई गई थी जिसके बाद 21 दिनों के बाद मरीज को इलाज देने के बाद घर भेज दिया गया."

डॉक्टर अनिकेता शर्मा,  असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिसिन विभाग नाहन मेडिकल कॉलेज
डॉक्टर अनिकेता शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिसिन विभाग नाहन मेडिकल कॉलेज (ETV Bharat)

मरीज की सांस चलने तक ना हारें भरोसा

डॉ. अनिकेता शर्मा ने बताया जब तक मरीज की सांसें चल रहीं हैं. हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. ये संभव है कि मरीज को किसी भी हालत से वापस स्वस्थ किया जा सकता है. अक्सर ऐसे चमत्कार होते हैं. ऐसे में डॉक्टर होने के नाते हमें मरीज को सामान्य करने लिए हर स्थिति में अपना प्रयास करना चाहिए. मरीज किसी भी स्टेज से वापस आ सकता है. हमें बहुत खुशी होती है जब इस तरह के मरीज ठीक होकर अपने घर चले जाते हैं.

नाहन मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ अमिताभ जैन ने कहा "मेडिकल कॉलेज में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, इसके लिए सरकार और प्रबंधन प्रयासरत है. इसी के तहत दुगाना निवासी बुजुर्ग महिला नाजरो देवी को भी मेडिसिन विभाग की टीम ने बेहतर उपचार देने का प्रयास किया. अब मरीज की हालत में काफी सुधार है.

ये भी पढ़ें: कोमा में था मरीज, PGI से डॉक्टरों ने भेज दिया था घर, नाहन मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर ने 'फूंक दी जान

सिरमौर: डॉक्टर को धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है और जब डॉक्टर किसी मरीज को अपनी जांच करने के बाद ये कह दे "अब मरीज को घर ले जाओ और इसकी सेवा-पानी करो" तो हर कोई परिजन ये मान लेता है कि अब मरीज के पास ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. कुछ ऐसा ही मामला हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से सामने आया है.

यहां एक बुजुर्ग महिला ब्रेन स्ट्रोक के बाद कोमा में चली गई थी जिसे परिजन बड़ा अस्पताल जानकर इलाज के लिए नाहन मेडिकल कॉलेज से पीजीआई चंडीगढ़ ले गए थे. बुजुर्ग महिला के बेटे ने बताया "वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद सलाह दी कि हम आपको भरोसा नहीं दे सकते कि मरीज ठीक हो सकता है. ऐसे में ये आपकी मर्जी है कि आप मरीज को यहां रख सकते हैं या घर ले जाकर इनकी सेवा कर सकते हैं" ऐसे में परिजन बुजुर्ग महिला को दोबारा नाहन मेडिकल कॉलेज ले आए जहां करीब 10 दिनों का इलाज मिलने के बाद बुजुर्ग महिला कोमा से बाहर आ गईं.

कोमा में गई महिला 10 दिन के इलाज के बाद कोमा से आई बाहर (ETV Bharat)

बुजुर्ग के बेटे ने जताया आभार

महिला के बेटे ने बताया "नाहन मेडिकल कॉलेज से अपनी मां को जिद्द कर चंडीगढ़ पीजीआई ले जाने के बावजूद भी डॉ. अनिकेता शर्मा ने नाहन मेडिकल कॉलेज में उनकी मां का उपचार शुरू किया. कुछ दिनों के बाद उनकी मां को होश आया और शारीरिक तौर पर काफी सुधार हुआ. बीते साल 25 दिसंबर को उन्हें नाहन मेडिकल कॉलेज से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया था." अब उनकी मां की हालत में निरंतर सुधार आ रहा है. वह पुनः रूटीन चेकअप के लिए बीते बुधवार को अपनी मां को लेकर नाहन अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने इसके लिए डॉ. अनिकेता शर्मा व उनकी टीम का आभार व्यक्त किया.

बीपी बढ़ने के कारण हुआ ब्रेन स्ट्रोक

मेडिकल कॉलेज नाहन के मेडिसिन विभाग में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनिकेता शर्मा ने बताया मरीज का नाम नाजरो देवी है जो 75 साल की हैं. "बुजुर्ग महिला बीपी की दवाइयां लेती थी, जिसे वह बीच-बीच में छोड़ भी देती थी. इसी बीच एकाएक बीपी काफी अधिक बढ़ जाने के कारण मरीज को ब्रेन स्ट्रोक हो गया. मल्टीपल ब्लॉकेट्स होने के कारण महिला मरीज कोमा में चली गईं. गर्दन से नीचे शरीर का पूरा हिस्सा टोटली पैरालिसिस हो चुका था. परिजनों को समझाया गया था कि जो ट्रीटमेंट पीजीआई में दिया जाएगा, वहीं उन्हें यहां भी दिया जाएगा, लेकिन अपनी संतुष्टि के लिए परिजन महिला को चंडीगढ़ पीजीआई ले गए. इसके अगले दिन परिजन दोबारा महिला को चंडीगढ़ से यहां ले आए."

नाजरो देवी, बुजुर्ग महिला मरीज
नाजरो देवी, बुजुर्ग महिला मरीज (ETV Bharat)

मरीज का 21 दिनों तक चला इलाज

डॉ. अनिकेता शर्मा ने बताया "शुरुआती पांच दिन मरीज ने कोई रिस्पोंड नहीं किया. लिहाजा एक कोमा के मरीज को जिस तरह की नर्सिंग केयर मिलती है मरीज को हमने वैसे ही नर्सिंग केयर दी. 10-11 दिनों के बाद मरीज रिस्पोंड करने लगा. इसके साथ ही मरीज को हमने मल्टीपल ब्लॉकेट्स का ट्रीटमेंट दिया. शुरुआत में मरीज ने अपनी आंखें खोल दाएं-बाएं देखना शुरू किया. साथ ही अपने हाथों और बाजुओं को भी हिलाना शुरू कर दिया. फिर मरीज की फिजियोथेरेपी शुरू की गई. साथ ही मरीज के अटेंडेंट ने भी उन कमांडस को अच्छे से फॉलो किया, जो उन्हें बताई गई थी जिसके बाद 21 दिनों के बाद मरीज को इलाज देने के बाद घर भेज दिया गया."

डॉक्टर अनिकेता शर्मा,  असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिसिन विभाग नाहन मेडिकल कॉलेज
डॉक्टर अनिकेता शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिसिन विभाग नाहन मेडिकल कॉलेज (ETV Bharat)

मरीज की सांस चलने तक ना हारें भरोसा

डॉ. अनिकेता शर्मा ने बताया जब तक मरीज की सांसें चल रहीं हैं. हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. ये संभव है कि मरीज को किसी भी हालत से वापस स्वस्थ किया जा सकता है. अक्सर ऐसे चमत्कार होते हैं. ऐसे में डॉक्टर होने के नाते हमें मरीज को सामान्य करने लिए हर स्थिति में अपना प्रयास करना चाहिए. मरीज किसी भी स्टेज से वापस आ सकता है. हमें बहुत खुशी होती है जब इस तरह के मरीज ठीक होकर अपने घर चले जाते हैं.

नाहन मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ अमिताभ जैन ने कहा "मेडिकल कॉलेज में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, इसके लिए सरकार और प्रबंधन प्रयासरत है. इसी के तहत दुगाना निवासी बुजुर्ग महिला नाजरो देवी को भी मेडिसिन विभाग की टीम ने बेहतर उपचार देने का प्रयास किया. अब मरीज की हालत में काफी सुधार है.

ये भी पढ़ें: कोमा में था मरीज, PGI से डॉक्टरों ने भेज दिया था घर, नाहन मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर ने 'फूंक दी जान

Last Updated : Jan 16, 2025, 1:12 PM IST
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