ETV Bharat / state

डिजिटल पैथोलॉजी व डिजिटल स्लाइड स्कैनर को शामिल करेगा SGPGI, ये होगा फायदा - MEDICAL NEWS

संजय गांधी पीजीआई के पैथोलॉजी विभाग द्वारा शुक्रवार (Pathology department in SGPGI) को पल्मोनरी पैथोलॉजी पर चिकित्सा शिक्षा के साथ अपना दूसरा स्थापना दिवस मनाया गया. इस दौरान संस्थान के निदेशक डाॅ आरके धीमान मौजूद रहे.

स्थापना दिवस के मौके पर चिकित्सक
स्थापना दिवस के मौके पर चिकित्सक (Photo credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 3, 2024, 8:30 AM IST

लखनऊ : संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में पैथोलॉजी विभाग द्वारा शुक्रवार को पल्मोनरी पैथोलॉजी पर चिकित्सा शिक्षा के साथ अपने दूसरे स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान संस्थान के निदेशक डाॅ आरके धीमान मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि पीजीआई डिजिटल पैथोलॉजी और डिजिटल स्लाइड स्कैनर को शामिल करे, ताकि प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों की जांच में मदद की जा सके.



एसजीपीजीआई के पल्मोनरी पैथोलॉजी के दूसरे स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए निदेशक डॉ. आरके धीमन ने कहा कि जांच इलाज की दिशा तय करता है. लिहाजा जांच सटीक होनी चाहिए. पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी समेत दूसरे विभाग के डॉक्टरों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है. मौजूदा समय में मॉलीक्यूलर, जीन, साइटोलॉजी समेत सूक्ष्म जांचों को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक को शामिल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डिजिटल स्लाइड स्कैनर और डिजिटल पैथोलॉजी को शामिल कर विभाग को नई ऊंचाईयों पर ले जाया जा सकता है. साथ ही प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों के मरीजों को आधुनिक जांच की सुविधा मुहैया कराई जा सकती है.


चंडीगढ़ पीजीआई के पल्मोनरी पैथोलाजिस्ट डॉ. अमनजीत बाल ने कहा कि फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए कई चिकित्सीय विकल्प सामने आ रहे हैं. अब खून की जांच से फेफड़े के कैंसर का पता लगाया जा सकता है. पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. आलोक नाथ ने कहा कि छोटे और सटीक फेफड़ों के नमूने लेकर जांच की जा सकती है. डॉ. राम नवल राव, डीन डॉ. शालीन कुमार मौजूद रहे. साथ ही रिटायर कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया.

लखनऊ : संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में पैथोलॉजी विभाग द्वारा शुक्रवार को पल्मोनरी पैथोलॉजी पर चिकित्सा शिक्षा के साथ अपने दूसरे स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान संस्थान के निदेशक डाॅ आरके धीमान मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि पीजीआई डिजिटल पैथोलॉजी और डिजिटल स्लाइड स्कैनर को शामिल करे, ताकि प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों की जांच में मदद की जा सके.



एसजीपीजीआई के पल्मोनरी पैथोलॉजी के दूसरे स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए निदेशक डॉ. आरके धीमन ने कहा कि जांच इलाज की दिशा तय करता है. लिहाजा जांच सटीक होनी चाहिए. पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी समेत दूसरे विभाग के डॉक्टरों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है. मौजूदा समय में मॉलीक्यूलर, जीन, साइटोलॉजी समेत सूक्ष्म जांचों को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक को शामिल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डिजिटल स्लाइड स्कैनर और डिजिटल पैथोलॉजी को शामिल कर विभाग को नई ऊंचाईयों पर ले जाया जा सकता है. साथ ही प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों के मरीजों को आधुनिक जांच की सुविधा मुहैया कराई जा सकती है.


चंडीगढ़ पीजीआई के पल्मोनरी पैथोलाजिस्ट डॉ. अमनजीत बाल ने कहा कि फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए कई चिकित्सीय विकल्प सामने आ रहे हैं. अब खून की जांच से फेफड़े के कैंसर का पता लगाया जा सकता है. पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. आलोक नाथ ने कहा कि छोटे और सटीक फेफड़ों के नमूने लेकर जांच की जा सकती है. डॉ. राम नवल राव, डीन डॉ. शालीन कुमार मौजूद रहे. साथ ही रिटायर कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया.

यह भी पढ़ें : SGPGI में टीबी के मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज, अगले माह शुरू होगी BSL- 3 लैब, सटीक जांच में मिलेगी मदद - TB treatment in SGPGI Hospital

यह भी पढ़ें : एसजीपीजीआई में जल्द शुरू होगा ऑर्थोपेडिक्स विभाग, इमरजेंसी के अलावा विभाग में दिखा सकेंगे मरीज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.