बिलासपुर: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के डीआरएम ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में दाखिल अपने शपथ पत्र में इस बात की जानकारी दी कि पैसेंजर, मेमू लोकल ट्रेनों को 1 जनवरी 2025 से सामान्य ट्रेनों के रूप में चलाया जाएगा. शपथ पत्र में बताया गया कि पैसेंजर मेमू लोकल ट्रेनों को 1 जुलाई 2024 से सामान्य ट्रेन के रूप में चलना था लेकिन रेलवे टाइम टेबल ना छपने के कारण ट्रेनें के परिचालन में देरी हुई.
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मेमू और पैसेंजर ट्रेनों पर सुनवाई: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बी डी गुरु की खंडपीठ में अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव कि उस जनहित याचिका की सुनवाई हुई, जिसमें कोविड के बाद से रेलों के अव्यवस्थित चलने और पैसेंजर गाड़ियों के बदले स्पेशल गाड़ियां चलाने और लेट लतीफी को मुद्दा बनाया गया था. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डीआरएम को शपथ पत्र दाखिल करने को कहा था. डीआरएम के शपथ पत्र में यह बताया गया कि भले ही मेमू लोकल, स्पेशल ट्रेन के रूप में चले लेकिन उनमें स्पेशल ट्रेन का चार्ज नहीं वसूला जाएगा.
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में यात्रियों को होने वाली परेशानी पर याचिका: 20 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई के दौरान रेलवे की तरफ से अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने यह जानकारी दी थी कि सभी पैसेंजर ट्रेनों को नॉर्मल ट्रेन के रूप में चलने का आदेश हो चुका है. इस पर याचिकाकर्ता की ओर से यह दावा किया गया कि अभी भी पैसेंजर और मेमू लोकल ट्रेन, स्पेशल के रूप में चलाई जा रही है. रेलवे बोर्ड को स्पेशल ट्रेनों के संबंध में कोई समयबद्धता रिपोर्ट नहीं भेजी जाती इसलिए रेलवे का ऑपरेटिव विभाग स्पेशल के रूप में चल रही मेमू लोकल ट्रेनों को आउटरों पर लंबे समय तक खड़ा रख दिया जाता है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है. इसके अलावा इन स्पेशल ट्रेनों को निरस्त करने के लिए भी कोई उच्च स्तरीय अप्रूवल नहीं लगता.
इस स्थिति को जानकर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बिलासपुर के डीआरएम को इस संबंध में शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए थे. शपथ पत्र के माध्यम से रेलवे के द्वारा बताया गया कि इस साल का टाइम टेबल ना छाप पाने के कारण यह पैसेंजर और लोकल ट्रेन अभी भी स्पेशल के रूप में चल रही हैं. 1 जनवरी 2025 से सामान्य ट्रेनों के रूप में चलाया जाएगा. याचिकाकर्ता की ओर से यह तर्क दिया गया कि टाइम टेबल छपने से इसका कोई संबंध नहीं है क्योंकि यह ट्रेनें सामान्य ट्रेनों के रूप में अभी भी चलाई जा सकती है.
जनहित याचिका निराकृत: याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी कि रेलवे ने गेवरा रोड रायपुर के बीच चलने वाली 08745 और 08746 मेमू लोकल को पिछले 9 महीने से रद्द कर दिया है. इस पर भी हाईकोर्ट ने रेलवे को निर्देश लेकर परिचालन की बात कही. याचिकाकर्ता को इस छूट के साथ कि भविष्य में कोई जन समस्या होने पर वह पुनः याचिका दाखिल कर सकते हैं, जनहित याचिका निराकृत कर दी गई है.