लखनऊः प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से विधानसभा का घेराव करने जा रहे कांग्रेसजनों व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के बीच भीषण संघर्ष हुआ. विधानसभा की ओर कूच करते हुए कांग्रेसियों की पुलिस प्रशासन से धक्का-मुक्की के दौरान एक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता सहजनवा जनपद गोरखुपर निवासी प्रभात पाण्डेय की मौत हो गई. इस घटना से प्रदेशभर के कांग्रेसजनों में योगी सरकार के प्रति भारी आक्रोश है. मृतकों के परिजनों का कहना है कि विधानसभा घेराव के दौरान प्रभात पांडे कांग्रेस नेताओं के साथ विधानसभा की तरफ गया था. इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग कर कांग्रेसियों का रास्ता रोक लिया. धक्कामुक्की में उसे गंभीर चोटे आई थीं. जिसके बाद वह वहां से लौट कर प्रदेश कार्यालय आ गया था. इसके बाद उसे कांग्रेस कार्यालय से ही सिविल हॉस्पिटल भर्ती कराया गया था, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया.
कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडे की मौत पर दुख जताते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने लिखा कि,भाजपा शासित असम और उत्तरप्रदेश में लोकतंत्र और संविधान की फिर से हत्या हुई है. देश भर में कांग्रेस पार्टी बाबासाहेब और संविधान के समर्थन में सत्याग्रह कर रही है. 'इस दौरान अत्यधिक पुलिस बल के कारण गुवाहाटी में मृदुल इस्लाम और लखनऊ में प्रभात पांडे, हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मृत्यु बहुत दुखद और निंदनीय है. उनके शोकाकुल प्रियजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. इन परिवारों को पूरे न्याय का अधिकार है. कांग्रेस के बब्बर शेर सत्य और संविधान के लिए संघर्ष जारी रखेंगे'.
भाजपा शासित असम और उत्तरप्रदेश में लोकतंत्र और संविधान की फिर से हत्या हुई है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 18, 2024
देश भर में कांग्रेस पार्टी बाबासाहेब और संविधान के समर्थन में सत्याग्रह कर रही है। इस दौरान अत्यधिक पुलिस बल के कारण गुवाहाटी में मृदुल इस्लाम और लखनऊ में प्रभात पांडे, हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की… pic.twitter.com/gbqpEJ09s3
Deeply anguished by the loss of lives of our Congress workers — Shri Prabhat Pandey in Lucknow and Adv. Mridul Islam in Guwahati during the nationwide Congress protest today against the anti-people policies of the Modi Govt.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 18, 2024
A despotic regime hell bent to stifle protests used… pic.twitter.com/kedSXcmTtW
विधानसभा घेराव के दौरान प्रदर्शनकारी कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में यूथ कांग्रेस में प्रदेश सचिव भी रह चुका था. वहीं प्रभात पांडे की मौत पर दुख जताते हुए पीसीसी चीफ अजय राय ने मृतक के परिजनों को कांग्रेस पार्टी की तरफ से 10 लाख देने की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है पुलिस की बर्बरता कई कई घटनाएं सामने आई हैं. कानपुर देहात के एक कार्यकर्ता के प्राइवेट पार्ट पर पुलिस ने ऐसी लात मारी की वह पूरी तरह से जख्मी हो गया. उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि हम गांधी की विचारधार को मानने वाले लोग हैं. हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज कराने की मंशा से विधानसभा की ओर जा रहे थे. मगर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से कांग्रेसजनों की आवाज को दबाने की मंशा से एक दिन पूर्व ही प्रदेश भर के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट किया जा रहा था तथा लखनऊ न आने का दबाव बनाया जा रहा था.
अजय राय ने विधानसभा घेराव की पूर्व संध्या पर चेताया था कि कांग्रेसजनों को रोकने के लिए बड़ी-बड़ी भालेदार बैरीकेडिंग लगाना दर्शाता है कि योगी आदित्यनाथ की पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मारना चाहती है. अजय राय ने कहा कि हम प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री मृतक प्रभात पाण्डेय के परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करे.
वहीं डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने कहा कि प्रभात पाण्डेय को पांच बजे बेहोशी की हालत में कांग्रेस कार्यालय से सिविल अस्पताल ले जाया गया था. जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस दौरान मृतक प्रभात पाण्डेय के शरीर पर डॉक्टर ने किसी भी प्रकार की चोट नहीं पाई है. डॉक्टर के पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाएगा. रिपोर्ट आने पर मौत की असल वजह सामने आ सकेगी.
इधर, कांग्रेस ने प्रदर्शन के दौरान भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है. सोशल मीडिया पर लिखा है कि डरा हुआ तानाशाह पुलिस को आगे करके अपनी नाकामी को छुपा नहीं सकता. हर हाल में उसे जनता के मुद्दों को जवाब देना ही होगा! माफीवीरों के वंशज जेल का भय दिखाकर हमें डरा नहीं सकते. किसान, दलित, मज़दूर, पिछड़ों, नौजवानों और महिलाओं के हक-हुकूक की आवाज़ को हम यूं ही बुलंद करते रहेंगे.