पलामूः कांग्रेस झारखंड विधानसभा चुनाव में 33 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूरे राज्य में 31 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. पलामू के सभी सीटों पर कांग्रेस एवं गठबंधन में शामिल सभी दलों की हार हुई थी. पलामू के डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
ईटीवी भारत ने पूर्व मंत्री सह कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी के साथ खास बातचीत की है. केएन त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को बताया कि 2019 के चुनाव में कांग्रेस एक की सीटों पर चुनाव लड़ी थी, हाल के दिनों में प्रदीप यादव एवं अन्य पार्टी ने शामिल हुए है. इसलिए कांग्रेस का 33 सीटों पर दावा बनता है. केएन त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस, जेएमएम, राजद एवं घटक दलों को मिल बैठ कर निर्णय लेंगे.
पलामू की सभी सीटों के लिए खास रणनीति
2019 के विधानसभा चुनाव में पलामू के सभी सीटों पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों की हर हुई थी. केएन त्रिपाठी ने कहा कि इस ऐसा नहीं होगा. अधिकतर सीटों पर इस बार इंडिया गठबंधन का कब्जा होगा. उन्होंने कहा कि इस बार अधिकतर सीटों पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी चुनाव जीतेंगे. अलग अलग इलाकों के लिए अलग-अलग फैक्टर है और गठबंधन के दल मजबूत है. उन्होंने कहा कि पलामू से जितने भी भाजपा के विधायक हैं सब विधानसभा में मौन रहते है. पांच वर्षों में उन्होंने क्षेत्र के लिए कुछ भी कार्य नही किया है.
पलायन और पानी की समस्या दूर करना प्राथमिकता
केएन त्रिपाठी का कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पलायन और पानी एक बड़ी समस्या रही है. उनके कार्यकाल में मेदिनीनगर फेज टू पाइप लाइन परियोजना की शुरुआत हुई थी. विधायक एवं जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा के कारण इलाके में आम जनों से जुड़ी हुई समस्याओं को दूर नहीं किया जा सका है. उनकी प्राथमिकता है कि इलाके में औद्योगिक प्रतिष्ठान की स्थापना होता कि पलायन की समस्या को दूर किया जा सके. बता दें कि केएन त्रिपाठी 2009 में कांग्रेस के टिकट पर डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे. कार्यकाल के अंतिम कुछ महीने में है ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया था.
कौन हैं कृष्ण नंद त्रिपाठी
केएन त्रिपाठी झारखंड के पलामू जिला में डालटनगंज के रेड़मा काशी नगर मोहल्ले के रहने वाले किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म 3 अप्रैल 1972 को अपने ननिहाल बिश्रामपुर के तोलरा गांव में हुआ. प्रारंभिक पढ़ाई डालटनगंज के दसमेश मॉडल स्कूल और जिला स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की. डालटनगंज जीएलए कॉलेज से केएन त्रिपाठी ने इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन किया. इसके बाद केएन त्रिपाठी वायु सेना में बहाल हो गये. बेंगलुरु और सूरतगढ़ में पोस्टिंग के बाद उन्होंने सेना की नौकरी छोड़ दी. उनके पिता पंडित जग नारायण त्रिपाठी किसान थे. पूर्व मंत्री के दो बच्चे नम्रता व तेजश्विनी कृष्ण त्रिपाठी हैं.
केएन त्रिपाठी की सियासी सफर
2 अक्टूबर 2000 को गांधी जयंती के अवसर पर कृष्णानंद त्रिपाठी एक सभा में शामिल हुए. इसी कार्यक्रम से उन्होंने सियासत सफर की शुरुआत की. इसके के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन थामकर अपनी राजनीति को नया आयाम दिया. साल 2004 में उन्होंने कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ा लेकिन वे इंदर सिंह नामधारी से हार गये. इसके बाद 2009 में एक फिर से पार्टी के टिकट पर दांव आजमाया और चुनाव जीत गये. गठबंधन की सरकार में उन्हें प्रदेश का ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया. साल 2014 में वे एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतरे लिए इस बार वे जेवीएम के आलोक कुमार चौरसिया से हार गये. चुनाव हारने के बाद भी वे संगठन के काफी काम करते रहे. 2019 में केएन त्रिपाठी एक बार फिर बीजेपी के आलोक कुमार चौरसिया से चुनाव हार गये. वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें चतरा लोकसभा का टिकट दिया गया लेकिन वे बीजेपी के कालीचरण सिंह से मात खा गये.
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