ETV Bharat / state

श्याम के अनूठे प्रेम में खिंचे चले आते हैं सैकड़ों तोते, हर सुबह लगता है 'विश्वास' का मेला - bird lovers of bhilwara

भीलावाड़ा में एक इंसान और तोतों की अनोखी दोस्ती देखने को मिल रही है. श्याम बिड़ला का तोतों के प्रति अनूठा प्रेम है. सैकड़ों तोते श्याम बिड़ला के घर की छत पर दाना चुगने के लिए हर दिन आते हैं.

Unique friendship of parrots,  bird lovers of bhilwara
श्याम के अनूठे प्रेम में खिंचे चले आते हैं सैकड़ों तोते.
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 27, 2024, 7:22 PM IST

श्याम के अनूठे प्रेम में खिंचे चले आते हैं सैकड़ों तोते

भीलवाड़ा. शहर में इंसान और तोतों की अनोखी दोस्ती की मिसाल देखने को मिल रही है. आरसी व्यास कॉलोनी में रहने वाले श्याम बिड़ला का तोतों के प्रति अनूठा प्रेम है. श्याम के घर की छत पर रोज सुबह सैकड़ों तोते दाना और पानी की आस में घर के पास के ही पेड़ पर आकर इकट्ठा हो जाते हैं. जैसे ही श्याम बिड़ला दाना और पानी लेकर छत पर आते हैं, सारे तोते पेड़ से उड़कर उनकी छत पर आकर बैठ जाते हैं और दाना चुगने के बाद चले जाते हैं.

तोते वाले मकान के रूप में प्रसिद्धः पक्षी प्रेमी श्याम बिड़ला ने बताया कि कोरोना काल में बेजुबान जानवरों और पक्षियों की दशा देखकर उनके मन में पक्षियों के लिए कुछ करने का ख्याल आया. इसके बाद उन्होंने अपने घर की छत पर पक्षियों के लिए दाने-पानी की व्यवस्था की. उन्होंने बताया कि शुरुआत में कुछ तोते छत पर दाना और पानी की तलाश में आकर बैठते थे. धीरे-धीरे तोतों की संख्या बढ़ती गई. आज सैकड़ों तोते घर की छत पर दाना चुगने के लिए हर दिन आते हैं. अब श्याम बिड़ला के मकान की पहचान कॉलोनी में तोते वाले के मकान के रूप में हो गई है.

इसे भी पढ़ें-प्रवासी पक्षियों को रास आया भूपाल सागर का तालाब, अठखेलियां देख रोमांचित हुए पक्षी प्रेमी

कोरोना काल में आया विचार : भीलवाड़ा के एक निजी अस्पताल में प्रबंधन का काम देख रहे पक्षी प्रेमी श्याम बिड़ला ने बताया कि "मेरे मन में पक्षियों और पशुओं के प्रति बाल्यकाल से ही प्रेम रहा है. मैं नियमित रूप से पक्षियों की सेवा करता हूं. प्रतिदिन गाय को रोटी देता हूं. मकान के बाहर पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था की है." उन्होंने बताया कि "कोरोना काल में पूरा शहर बंद था और लोग घरों में कैद थे. मैं एक निजी अस्पताल में प्रबंधन का काम देखता हूं. कोरोना काल में मुझे अस्पताल जाना पड़ता था. इस दौरान बाजार में निकलते समय मेरी नजर पेड़ पर बैठे तोतों पर पड़ी. मुझे लगा कि हम लोग तो घरों में भोजन कर रहे हैं, लेकिन इन बेजुबान पक्षियों के लिए दाने-पानी की क्या व्यवस्था है. मैंने उसी दिन से पक्षियों के लिए अपनी छत पर दाना और पानी की व्यवस्था करना शुरू कर दिया."

करीब 500 से ज्यादा तोते आते हैंः श्याम बिड़ला ने बताया कि प्रतिदिन सुबह करीब 500-600 तोते आते हैं. पहले मकान के पास पेड़ पर सब तोते एकत्रित होते हैं, जब तोतों को दाने-पानी की व्यवस्था नजर आ जाती है, तो एक साथ तोते छत पर आकर बैठ जाते हैं और दाना चुगते हैं. तोते करीब 1 घंटे तक उनकी मकान की छत पर रहते हैं. श्याम बिड़ला ने बताया कि प्रतिदिन 7 से 8 किलो चावल छत पर रखते हैं. परिंडों में पीने के लिए शुद्ध पानी भरते हैं. श्याम ने कहा कि इस काम से उन्हें बहुत सुकून महसूस होता है.

श्याम के अनूठे प्रेम में खिंचे चले आते हैं सैकड़ों तोते

भीलवाड़ा. शहर में इंसान और तोतों की अनोखी दोस्ती की मिसाल देखने को मिल रही है. आरसी व्यास कॉलोनी में रहने वाले श्याम बिड़ला का तोतों के प्रति अनूठा प्रेम है. श्याम के घर की छत पर रोज सुबह सैकड़ों तोते दाना और पानी की आस में घर के पास के ही पेड़ पर आकर इकट्ठा हो जाते हैं. जैसे ही श्याम बिड़ला दाना और पानी लेकर छत पर आते हैं, सारे तोते पेड़ से उड़कर उनकी छत पर आकर बैठ जाते हैं और दाना चुगने के बाद चले जाते हैं.

तोते वाले मकान के रूप में प्रसिद्धः पक्षी प्रेमी श्याम बिड़ला ने बताया कि कोरोना काल में बेजुबान जानवरों और पक्षियों की दशा देखकर उनके मन में पक्षियों के लिए कुछ करने का ख्याल आया. इसके बाद उन्होंने अपने घर की छत पर पक्षियों के लिए दाने-पानी की व्यवस्था की. उन्होंने बताया कि शुरुआत में कुछ तोते छत पर दाना और पानी की तलाश में आकर बैठते थे. धीरे-धीरे तोतों की संख्या बढ़ती गई. आज सैकड़ों तोते घर की छत पर दाना चुगने के लिए हर दिन आते हैं. अब श्याम बिड़ला के मकान की पहचान कॉलोनी में तोते वाले के मकान के रूप में हो गई है.

इसे भी पढ़ें-प्रवासी पक्षियों को रास आया भूपाल सागर का तालाब, अठखेलियां देख रोमांचित हुए पक्षी प्रेमी

कोरोना काल में आया विचार : भीलवाड़ा के एक निजी अस्पताल में प्रबंधन का काम देख रहे पक्षी प्रेमी श्याम बिड़ला ने बताया कि "मेरे मन में पक्षियों और पशुओं के प्रति बाल्यकाल से ही प्रेम रहा है. मैं नियमित रूप से पक्षियों की सेवा करता हूं. प्रतिदिन गाय को रोटी देता हूं. मकान के बाहर पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था की है." उन्होंने बताया कि "कोरोना काल में पूरा शहर बंद था और लोग घरों में कैद थे. मैं एक निजी अस्पताल में प्रबंधन का काम देखता हूं. कोरोना काल में मुझे अस्पताल जाना पड़ता था. इस दौरान बाजार में निकलते समय मेरी नजर पेड़ पर बैठे तोतों पर पड़ी. मुझे लगा कि हम लोग तो घरों में भोजन कर रहे हैं, लेकिन इन बेजुबान पक्षियों के लिए दाने-पानी की क्या व्यवस्था है. मैंने उसी दिन से पक्षियों के लिए अपनी छत पर दाना और पानी की व्यवस्था करना शुरू कर दिया."

करीब 500 से ज्यादा तोते आते हैंः श्याम बिड़ला ने बताया कि प्रतिदिन सुबह करीब 500-600 तोते आते हैं. पहले मकान के पास पेड़ पर सब तोते एकत्रित होते हैं, जब तोतों को दाने-पानी की व्यवस्था नजर आ जाती है, तो एक साथ तोते छत पर आकर बैठ जाते हैं और दाना चुगते हैं. तोते करीब 1 घंटे तक उनकी मकान की छत पर रहते हैं. श्याम बिड़ला ने बताया कि प्रतिदिन 7 से 8 किलो चावल छत पर रखते हैं. परिंडों में पीने के लिए शुद्ध पानी भरते हैं. श्याम ने कहा कि इस काम से उन्हें बहुत सुकून महसूस होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.