जयपुर: पेरिस में जारी पैरा ओलंपिक खेलों में शुक्रवार का दिन जयपुर के लिए विशेष रहा, जहां शहर की दो बेटियों ने देश का नाम रोशन किया. एक तरफ अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल जीता, तो उसी शूटिंग प्रतियोगिता में मोना अग्रवाल ने भी कांस्य पदक जीता. मोना की जीत के बाद जयपुर की झोटवाड़ा में रहने वाले उनके परिजन काफी खुश नजर आए. ईटीवी भारत से बातचीत में मोना के परिजनों ने कहा कि बाकी बची दो इवेंट्स में भी उन्हें मोना के पदक जीत कर लौटने की उम्मीद है.
पति रविंद्र को पत्नी की कामयाबी पर नाज : कांस्य पदक विजेता मोना के पति रविंद्र चौधरी के मुताबिक उनकी पत्नी ने इस मुकाम तक पहुंचने के पहले काफी स्ट्रगल की है. लगातार उन्हें खेलों में सक्रिय रहने का जज्बा आज इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए मददगार रहा है. रविंद्र ने बताया कि उनकी पत्नी ने पहले एथलेटिक्स को अपने खेल के रूप में चुना, इसके बाद पावरलिफ्टिंग और सिटिंग वॉलीबॉल को भी उन्होंने करियर ऑप्शन के रूप में देखा. आखिर में जयपुर की एक और शूटिंग चैंपियन अवनी लेखरा को उन्होंने देखा और फिर शूटिंग को अपने करियर गोल के रूप में आगे बढ़ाने का फैसला किया.
पेरिस पैरालम्पिक में पहले ही दिन स्वर्णिम निशाना ! आज निशानेबाजी में अवनी लेखरा(स्वर्ण पदक),मोना अग्रवाल (कांस्य पदक) के साथ ही पैरा-एथलीट प्रीति पाल को कांस्य पदक प्राप्त हुआ है।सभी खिलाड़ियों को बधाई देता हूँ। PCI अध्यक्ष के रूप में मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हम मिशन… pic.twitter.com/MoaOxTlKiS
— Devendra Jhajharia (Modi ka Parivar) (@DevJhajharia) August 30, 2024
रविंद्र ने यह भी बताया कि शूटिंग काफी महंगा खेल है और मोना की इस जीत में उनके कोच योगेश का भी विशेष योगदान रहा है, जिन्होंने बिना फीस लिए मोना को शूटिंग के गुर सिखाए थे. जिसका नतीजा यह है रहा कि महज 2 साल की मेहनत में मोना ने ओलंपिक जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक जीता है. रविंद्र कहते हैं कि अभी दो इवेंट्स और बाकी है. वह मोना को यह संदेश देना चाहेंगे कि वह अपना स्वाभाविक खेल खेलें, क्योंकि पदक से ज्यादा देश को वैश्विक मंच पर रिप्रेजेंट करना ही अहम बात है.
बच्चों ने की थी बड़े मेडल की मांग : 37 साल की मोना के 5 साल की बेटी आर्वी और 2 साल का बेटा अविक भी है. पेरिस रवाना होने से पहले मोना से उनके बच्चों ने बड़ा मेडल लाने की मांग की थी, जिसे उन्होंने पूरा किया. कांस्य पदक हासिल करने के बाद मोना ने अपने परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की और बच्चों से कहा कि उनके लिए उनकी मम्मी ने बड़ा मेडल जीत लिया है. साथ ही बच्चों ने इस जीत की खुशी में अपनी मम्मी से विदेशी चॉकलेट्स की भी मांग की.
" कमजोर व्यक्ति सागर के किनारे खड़े होकर गहराई का अंदाजा लगाने की कोशिश में किनारे पर ही पराजित हो जाते है, साहसी व्यक्ति अपने बुलन्द हौसलो से ही सागर तल को छू आते है"। ये पंक्तियाँ पेरिस पैरालम्पिक में हमारे खिलाड़ियों के आज के प्रदर्शन को प्रतिबिंबित कर रही है । शारीरिक रूप… pic.twitter.com/BU2Gq6sxG4
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सास ने कहा- बेटे से भी बढ़कर किया काम : अपनी बहू के कांस्य पदक जीतने की खुशी में मोना की सास ने बताया कि वह आज गौरांवित महसूस कर रही हैं. पदक की जीत को उन्होंने कहा कि आज मेरी बहू ने मेरे बेटे से भी बढ़कर काम किया है. जब उनसे पूछा गया की बहू के स्वागत में वह किस तरह की तैयारी करेंगे, तो मोना की सास ने कहा कि उनकी बहू को चटपटा खाना पसंद है और वह उनकी पसंद का खाना बनाकर ओलंपिक पदक विजेता का स्वागत करने वाली हैं.
आज पेरिस पैरालम्पिक में भारत ने पैरा शूटिंग में लगाया तीसरे पदक पर निशाना। हरियाणा के मनीष नरवाल ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में रजत पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है। ये टोक्यो पैरालम्पिक 2021 में भी 50 मीटर पिस्टल इवेंट में स्वर्ण पदक प्राप्त कर अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर… pic.twitter.com/v0aKIhzp9c
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पेरिस से देवेंद्र झाझड़िया का पैगाम : पैरालंपिक खेलों में शूटिंग प्रतिस्पर्धा में मेडल जीतने के बाद संघ के अध्यक्ष देवेंद्र झाझड़िया ने पेरिस से मोना के साथ एक वीडियो बनाकर शेयर किया. इस वीडियो में देवेंद्र मोना अग्रवाल के साथ नजर आ रहे हैं और उनको बधाई दे रहे हैं. वहीं, मोना भी उनका आभार जताकर जीत की खुशी साझा कर रही हैं.