पटना: बिहार के रुपौली विधानसभा उपचुनाव के नतीजे ने सभी चौंका दिया है. जदयू और राजद के प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा. इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह 8246 वोटों से जीत गए हैं. शंकर सिंह को कुल 68070 वोट मिले हैं.वहीं राजद की प्रत्याशी बीमा भारती की हार को लेकर पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बड़ा बयान दिया है.
पप्पू यादव ने तेजस्वी यादव को कोसा: पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस को सावधान हो जाना चाहिए. जनता एक नया रास्ता तलाश रही है और यह रास्ता कांग्रेस एक नए गठबंधन के साथ दे सकती है. राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि युवराज की तरह काम करते हैं और एक दिन पहले गए और पिकनिक मना कर चले आए. बीमा भारती को बलि का बकरा बनाया गया है. तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान घटक दलों को पूछा तक नहीं. ना माले, ना कांग्रेस और ना सीपीआई सीपीएम को बुलाया गया.
"एक सप्ताह से पूरी सरकार प्रचार में लगी हुई थी. पूरी ताकत लगा दी थी. बीमा भारती को हर तरह से बर्बाद करने की कोशिश की गई. उनके साथ सामंजस्य स्थापित नहीं किया गया. इस कारण मैंने चुनाव से पहले पूरी जनता से इसके लिए माफी भी मांगी थी. मैं कांग्रेस को सावधान करना चाहूंगा. बिहार की जनता दोनों आदमी (तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार) से ऊब चुकी है."- पप्पू यादव, निर्दलीय सांसद, पूर्णिया
नीतीश कुमार पर भी हमला: वहीं पप्पू यादव ने जदयू प्रत्याशी की हार के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदारी ठहराया है. उन्होंने कहा कि 20 सालों में नीतीश कुमार के द्वारा रुपौली के लिए काम नहीं किया गया तो नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल दोनों से जनता का मोह भंग हो चुका है. पप्पू यादव ने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग की हार हुई है इसके लिए मैं नीतीश कुमार से सवाल पूछना चाहता हूं कि आखिर कौन लोग हैं इनके पीछे? पप्पू यादव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि नरेंद्र मोदी को छोड़कर के सभी लोगों ने जाकर के वहां प्रचार कर लिया और लेकिन क्या हुआ मंत्री और अधिकारी बिहार में टेंडर कर रहे हैं लूट रहे हैं.
'हार की समीक्षा होगी'- सम्राट चौधरी: वहीं उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि रुपौली उपचुनाव की समीक्षा की जाएगी. वही उन्होंने आपातकाल को लेकर फिर से बड़ा बयान दिया और कहा कि आपातकाल किस तरह देश में लगाया गया और क्या क्या कांग्रेस की सरकार ने देश के साथ किया था वो जो भुक्तभोगी लोग हैं उन्हें आज भी याद है. इसे संविधान की हत्या नहीं कहें तो क्या कहें. जो लोग इसको लेकर बात कर रहे है उन्हें याद नहीं है कि उनके नेता भी भुक्तभोगी थे. लेकिन सत्ता सुख भोगने के लालच में सब भूल कर कांग्रेस के गोद में बैठ गए हैं.
"आपातकाल में संविधान की हत्या हुई थी. इसमें कहीं कोई दो मत नहीं है. गांधी जी की जंयती और शहीद दिवस मनाया जाता है ये विपक्ष को पता नहीं है. जो लोग ऐसा बोल रहे है उनसे पूछिए ना देश के संविधान में कहीं इस तरह का आपातकाल लगाने की व्यवस्था है."- सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री, बिहार
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