पटनाः बिहार में पूर्णिया लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला से मुश्किल बढ़ती दिख रही है. अन्य सीट पर एनडीए और महागठबंधन में टक्कर है लेकिन यहां महागठबंधन में ही महाभारत देखने को मिल रहा है. राजद से बीमा भारती और कांग्रेस नेता पप्पू यादव मैदान में हैं.
किसी से नहीं डरते पप्पू यादवः पूर्णिया हॉट सीट को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि यह पूर्णिया के लोगों की देन है. जनता कोई बीजेपी, नरेंद्र मोदी, नीतीश, लालू कोई दल नहीं सिर्फ पप्पू यादव को चुन रही है. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी बात का डर नहीं है. अगर डर लगता तो मधेपुरा सुपौल छोड़ते क्या? कोरोना में 46 लाख लोग मर गए तो भी नहीं डरे. बिहार में माफियाओं से लड़ने वाला व्यक्ति हस्तिनापुर की गद्दी छोड़ दी और पूर्णिया को अपने मां के रूप में मान लिया.
'धर्म जाति मायने नहीं रखता': जाति धर्म को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि जनता के लिए धर्म जाति मायने नहीं रखता है. यहां सभी जाति-धर्म में पप्पू यादव है. पूर्णिया में महाभारत को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि "इसका स्क्रिप्ट भी पटना में ही लिखी गयी और मेरे कांग्रेस में विलय करने के बाद लिखी गयी है. पप्पू यादव ने इसका श्रेय भी लालू यादव को ही दिया."
पप्पू यादव ने कहा कि 4 जून को इस महाभारत की कथा पूरी हो जाएगी और जनता दिखा देगी. इसे सब कोई देखेगा कि जनता क्या फैसला लेती है. उन्होंने कहा कि "पहले मैं अच्छा था लेकिन उन्होंने (लालू यादव) ही इस महाभारत की स्क्रिप्ट लिखी. 4 जून को एक नई राजनीति की शुरुआत होगी. कहा कि बहुत समय बाद बिहार ने एक देश के बेटा को जन्म दिया है. "
लगातार कैंप कर रहे हैं तेजस्वीः तेजस्वी यादव के द्वारा कैंप करने को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि पहले भी उनके पिताजी (लालू यादव) कैंप किए थे और 57 हजार वोट मिला था. एकबार 20 हजार और एक बार 28 हजार वोट आया था. ये काफी अहंकार में रहते हैं. इनको लगता है जनता मुर्ख है. सबको लगता है कि रुपए और जाति से सबकुछ होता है.
बता दें कि पूर्णिया लोकसभा में भी एनडीए और महागठबंधन की टक्कर है. जदयू(एनडीए) से संतोष कुशवाहा, और राजद (महागठबंधन) बीमा भारती चुनाव लड़ रही है लेकिन महागठबंधन के ही घटक दल कांग्रेस के नेता पप्पू यादव निर्दलीय मैदान में हैं.
पूर्णिया में त्रिकोणीय मुकाबलाः दरअसल, पप्पू यादव पूर्णिया से ही चुनाव लड़ने के लिए अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया था. हालांकि यह सीट राजद अपने खाते में लेते हुए बीमा भारती को प्रत्याशी बना दिया. इसी कारण पप्पू यादव को निर्दलीय मैदान में उतरना पड़ा. पप्पू यादव यहां से पूरी जोर लगाए हुए हैं. वहीं राजद की ओर से तेजस्वी यादव लगातार कैंप कर रही है. नीतीश कुमार भी जदयू प्रत्याशी के समर्थन में रैली और रोड शोक कर चुके हैं.