जोधपुर. जोधपुर के माचिया पार्क में पैंथर का खौफ इस कदर मंडरा रहा है कि वन विभाग ने बुधवार को यहां आने वाले लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है, क्योंकि यहां एक पैंथर खुला घूम रहा है. इस पैंथर ने दो दिन पहले रविवार रात को काले हिरणों के पिंजरे में घुसकर एक के बाद एक 13 काले हिरणों पर हमला कर दिया था, जिसमें सभी की मौत हो गई थी. उसके बाद से ही वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. मंगलवार को वैसे माचिया का साप्ताहिक अवकाश होता है, जिसके चलते माचिया पार्क बंद था. वहीं, संभागीय मुख्य वन संरक्षक राजेंद्र जैन के निर्देश पर बुधवार को पार्क को बंद रखने का आदेश जारी किया गया. डीएफओ सरिता कुमारी ने बताया कि पैंथर को पकड़ने के लिए माचिया में पिंजरे लगाए गए हैं. इसके चलते बुधवार को माचिया बंद रहेगा.
पिंजरे में घुसकर किया था हिरणों का शिकार : रविवार रात को पैंथर ने माचिस स्थित काले हिरणों के बाड़े में घुसकर हिरणों पर हमला कर दिया था. जिसमें कई हताहत हो गए थे. रात को हिरणों की चीख पुकार सुनकर वन्यकर्मी जब मौके पहुंचे तो पैंथर वहां से भाग गया. सोमवार को पोस्टमार्टम कर शवों का निस्तारण किया गया. उसके बाद से ही माचिया में पैंथर को पकड़ने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
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दो माह से पैंथर पकड़ से बाहर : जोधपुर शहर के आसपास सबसे पहले 12 मार्च को पैंथर के पैरों के निशान देखे गए थे. इसके कुछ वीडियो भी सामने आए थे. उसके बाद विभाग ने कई जगहों पर ऑपरेशन भी चलाया, लेकिन पैंथर पकड़ में नहीं आया. हाल ही में चोखा क्षेत्र में फिर से पैंथर का मूवमेंट देखा गया था. इस बीच खास बात यह है कि चोखा की पहाड़ियों के अंदर से होते हुए पैंथर माचिया तक पहुंच गया. दूसरी ओर विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा. वहीं, किसी ने सोचा भी नहीं था कि माचिया में भी वो घुस सकता है.
विश्नोई कमांडो फोर्स ने किया प्रदर्शन : माचिया में 13 काले हिरणों की मौत के विरोध में विश्नोई कमांडो फोर्स के लोगों ने बुधवार को उप वन संरक्षक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने यहां वन विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए नारेबाजी की. फोर्स के अध्यख पुखराज खेड़ी ने बताया कि 13 हिरणों की एक साथ मृत्यु होना दुर्भाग्यपूर्ण है. विभाग को इसके लिए जिम्मेदार कर्मचारियों व अधिकारियों को निलंबित कर जोधपुर से रवाना करना चाहिए. माचिया का गेट बंद कर अधिकारी अंदर बैठ गए हैं. अगर ऐसी जगह पर ही हिरण सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो कहां रहेंगे ?. पुखराज खेड़ी ने बताया कि जब यह पैंथर दो माह से क्षेत्र में घूम रहा है, तो विभाग क्या रहा था ?. उसे पकड़ने के लिए गंभीर प्रयास क्यों नहीं हुए. सरकार को इसकी जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए.