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सर्पदंश से महिला की मौत, चादर और डंडे के सहारे ले गए अस्पताल, सड़क होती तो बच जाती जान - Death from Snake Bite - DEATH FROM SNAKE BITE

पन्ना जिले के दूरस्थ पहाड़ी अंचल कल्दा के ग्राम महगांव में सांप डसने से महिला की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि पगडंडी नुमा रास्ते से महिला को अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई. अगर यहां सड़क होती शायद उसकी जान बच जाती.

DEATH FROM SNAKE BITE
पन्ना के पवई में सर्पदंश से महिला की मौत (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 9, 2024, 6:05 PM IST

पन्ना : जिले के पवई विधानसभा अंतर्गत शाहनगर विकासखंड कल्दा के पास ग्राम पंचायत महगांव में मीराबाई आदिवासी की सांप काटने से मौत हो गई. परिजनों ने सर्पदंश के बाद उसे उपचार के लिए ले जाने की कोशिश की पर रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. इस गांव में एंबुलेंस आना तो दूर आजादी के 75 साल बाद सड़क भी नहीं है. पहाड़ियों से घिरे इस गांव में स्वास्थ्य सुवधिाओं के अभाव में कई लोग जान गंवा देते हैं.

चादर और डंडे के सहारे लाए जाते हैं मरीज

कल्दा का एक पहाड़ी क्षेत्र है जो काफी ऊंचाई पर स्थित है और पन्ना का सबसे दूरस्थ आदिवासी ग्राम है. वहीं पास में स्थित महगांव की संरचना भी काफी अजीब है क्योंकि यह गांव सतना जिले के ग्राम अमरदा से 5 किलोमीटर दूरी पर, कल्दा ग्राम से 15 किलोमीटर और शाहनगर तहसील से 60 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं. आज भी यहां विकास कार्य नहीं पहुंच सके हैं और बीमार व्यक्ति को परिजनों को डंडे में चादर बांधकर कच्ची पगडंडी और पहाड़ीनुमा रास्तों से इलाज कराने पहुंचते हैं.

डैड बॉडी के लिए भी नहीं मिली एंबुलेंस

आदिवासियों की समस्या यहीं समाप्त नहीं हुई जब डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया तो आदिवासियों ने कोशिश की कि कुछ दूरी के लिए एंबुलेंस मिल जाए पर उन्हें डैड बॉडी ले जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं मिला. इसके बाद परिजनों ने फिर डंडे में चादर बांधी और महिला के शव को बीच में रखकर अपने गांव की ओर चल दिए.

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क्या कहते हैं जिम्मेदार?

इस मामले में शाहनगर जनपद पंचायत सीईओ रोहित मालवीय कहते हैं, '' ग्राम पंचायत महगांव से कल्दा तक पहुंचने के लिए मार्ग बना है, महगांव से अमरदा तक पहुंच मार्ग क्यों नहीं बना यह रोजगार सहायक से पता करने के निर्देश दिए हैं.'' वहीं महिला की मृत्यु पर जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एसके त्रिपाठी ने कहा, '' गांव में नेटवर्क की समस्या होने के कारण परिजनों ने एंबुलेंस से संपर्क नहीं किया. गांव वाले झाड़ फूंक करते रहे और फिर बीमार को अपनी सुविधा अनुसार अमरदा लेकर पहुंचे.''

पन्ना : जिले के पवई विधानसभा अंतर्गत शाहनगर विकासखंड कल्दा के पास ग्राम पंचायत महगांव में मीराबाई आदिवासी की सांप काटने से मौत हो गई. परिजनों ने सर्पदंश के बाद उसे उपचार के लिए ले जाने की कोशिश की पर रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. इस गांव में एंबुलेंस आना तो दूर आजादी के 75 साल बाद सड़क भी नहीं है. पहाड़ियों से घिरे इस गांव में स्वास्थ्य सुवधिाओं के अभाव में कई लोग जान गंवा देते हैं.

चादर और डंडे के सहारे लाए जाते हैं मरीज

कल्दा का एक पहाड़ी क्षेत्र है जो काफी ऊंचाई पर स्थित है और पन्ना का सबसे दूरस्थ आदिवासी ग्राम है. वहीं पास में स्थित महगांव की संरचना भी काफी अजीब है क्योंकि यह गांव सतना जिले के ग्राम अमरदा से 5 किलोमीटर दूरी पर, कल्दा ग्राम से 15 किलोमीटर और शाहनगर तहसील से 60 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं. आज भी यहां विकास कार्य नहीं पहुंच सके हैं और बीमार व्यक्ति को परिजनों को डंडे में चादर बांधकर कच्ची पगडंडी और पहाड़ीनुमा रास्तों से इलाज कराने पहुंचते हैं.

डैड बॉडी के लिए भी नहीं मिली एंबुलेंस

आदिवासियों की समस्या यहीं समाप्त नहीं हुई जब डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया तो आदिवासियों ने कोशिश की कि कुछ दूरी के लिए एंबुलेंस मिल जाए पर उन्हें डैड बॉडी ले जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं मिला. इसके बाद परिजनों ने फिर डंडे में चादर बांधी और महिला के शव को बीच में रखकर अपने गांव की ओर चल दिए.

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