पन्ना। लीज पर खदान लेकर खुदाई करने वाले एक आदिवासी परिवार की किस्मत चमकी और उसे एक करोड़ की कीमती हीरा मिला. हीरा मिलने के बाद इसे राजू आदिवासी ने हीरा कार्यालय में जमा कर दिया. ये हीरा 19 कैरेट वाला है. हीरा मालिक राजू आदिवासी अब दाने-दाने को मोहताज है. राजू आदिवासी का कहना है "हीरा जमा कर दिया था. हीरे की नीलामी अभी हुई नहीं है. उसे पैसों की सख्त जरूरत है. हीरा कार्यालय से ₹1 लाख मिले थे, जो खर्च हो गए, क्योंकि खदान खोदने के लिए कर्जा लिया था."
खदान के लिए कर्जा लिया, इसलिए और टेंशन
हीरा मालिक राजू आदिवासी ने बताया "कुछ पैसे बाजार से उधार भी उठाए हैं. उसे चुकाना है. हीरा कार्यालय वाले बोल रहे थे कि दीपावली के समय हीरे की बोली होगी, जो अभी तक नहीं हुई है." अब पता नहीं कब तक हीरा बिकता है और कब पैसे मिलते हैं. राजू आदिवासी का घर प्रधानमंत्री आवास से बना हुआ है, जिसमें उसके दो भाई रहते हैं. राजू आदिवासी एक भाई व पिता एवं मां के साथ छोटी सी झोपड़ी बनाकर प्रधानमंत्री आवास के बगल में घर बनाकर रहता है.
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हीरे की कीमत का 10 फीसदी ही मिल जाए तो राहत मिले
हीरा मालिक राजू आदिवासी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. झोपड़ी के बाहर टूटी तार की बाड़ी लगी हुई है. घर में शौचालय नहीं है, एक छोटा सा बाथरूम घर के बगल में बना हुआ है. राजू का कहना है कि उसे हीरे की कीमत के 10% यानी 10 लाख रुपए की सख्त जरूरत है, जिससे वह परिवार के गुजर-बसर का इंतजाम कर सके. कर्जदारों को पैसा भी चुकाना है. राजू आदिवासी की मां सावित्री बाई बताती है कि पैसा नहीं है जो ₹1 लाख मिला था, वह खर्च हो चुका है. हमारा परिवार बड़ा है, जल्द नीलामी हो जाए तो राहत मिले.