पन्ना। जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित बृजपुर के पास ग्राम पंचायत बारहो कूदकपुर में स्थित घने जंगलों के बीच में वैदिक कुंड है. यहां पढ़ा पहाड़ की ऊंचाई से बरगद की बेलों के सहारे टपकता पानी नीचे गिरकर धीरे-धीरे पत्थर बन रहा है. टपकते पानी के नीचे छोटे-छोटे पत्थरों के टीले बन गए हैं, जो स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं. साफतौर पर देखा जा सकता है कि ऊपर से पानी टपकता है और नीचे धीरे-धीरे पानी पत्थर बन रहे हैं.
पुरातत्व व पर्यटन विभाग की टीम ने मौके का किया निरीक्षण
पन्ना के हरे-भरे जंगल अपने आपमें हजारों वर्षों का रहस्य संजोए हुए हैं. इसी कारण पन्ना टाइगर रिजर्व के जंगलों में अनेक विविधता के जीव-जंतु, पेड़-पौधे एवं दुर्लभ औषधियां मिलती हैं, जिसका इतिहास पौराणिक राम पथ गमन से भी जुड़ा हुआ है. पन्ना टाइगर रिजर्व लगभग 647 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसी कारण यहां का ऑक्सीजन लेवल सबसे अधिक रहता है. जिला पुरातत्व एवं पर्यटन विभाग के सदस्य मुकेश पांडे ने बताया "मैंने स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और देखा कि घने जंगलों के बीच में स्थित वैदिक कुंड जहां पर पहुंचने के लिए खड़ी पहाड़ी उतरना पड़ता है और नीचे बरगद की जड़ों के सहारे टपकते पानी में नीचे छोटे-छोटे पत्थरों के टीले बन गए हैं, जो पानी की टपकने से निर्मित हुए हैं."
![PANNA MIRACLES OF NATURE](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-10-2024/wonderofnature_29102024143929_2910f_1730192969_991.jpg)
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कहीं ये चूना मिश्रित पानी तो नहीं है
प्रथम दृष्टया देखने में लगता है कि चूना मिश्रण का पानी हो सकता है, जिसके कारण टपकता पानी नीचे पत्थर बन रहा है. बता दें कि वैदिक कुंड पन्ना जिले की ग्राम पंचायत बारहो कूदकपुर के घने जंगलों में स्थित है. कुंड के नीचे जाने के लिए खड़ी पहाड़ी उतारती पड़ती है. इसी कारण यह आम लोगों के पहुंच से दूर है. टपकते पानी से पत्थर बनने की हकीकत अपने आप में अजूबा है. इसका भारत पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण किया जाना आवश्यक होगा, तभी इस रहस्य से और पर्दा उठ सकता है.