पन्ना. एनएमडीसी, भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय का एक उद्यम है. यह भारत में लौह अयस्क यानी आयरन ओर और हीरे का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कई खदानों का संचालन करता है. NMDC की मध्यप्रदेश की मझगवां हीरा खदान में भू-वैज्ञानिकों की टीम ने पहली बार ड्रोन आधारित चुंबकीय डेटा संग्रह-सर्वेक्षण किया है और भारत में ड्रोन आधारित खनिज अन्वेषण शुरू करने वाली भारत की एशिया में पहली कंपनी है. दुनिया में पहली बार इस तरह की रिसर्च को अंजाम दिया गया है.
ड्रोन से ऐसे हो रही हीरे की खदान पर खोज
एनएमडीसी के मुताबिक यहां हाइपरस्पेक्ट्रल सेंसर वाले ऑक्टाकॉप्टर ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, जो भारत में पहली बार हो रहा है. इसके अलावा खोज के लिए जियोमेट्रिक्स मैग्नेटोमीटर का भी उपयोग किया जा रहा है. एनएमडीसी के वर्जन 2.0 की विकास योजनाओं के तहत डिजिटल परिवर्तन को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी वजह से एनएमडीसी प्रबंधन के सहयोग से शनिवार को एनएमडीसी के भू-वैज्ञानिकों की टीम ने मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना जिले में मझगवां डायमंडी फेरस किम्बरलाइट खदान पर ड्रोन आधारित मैगनेटिक डाटा हासिल किया.
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खनिज के क्षेत्र में बनेंगी नई संभावनाएं
बता दें कि दुनिया में पहली बार ड्रोन आधारित डेटा चुंबकीय अधिग्रहण का कार्य हीरे की खदान पर किया गया है. जिसके सर्वेक्षण से अनोखी भूगर्भीय जानकारी मिलने की संभावना है. माना जा रहा है कि ड्रोन-आधारित खनिज अन्वेषण से महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं, जिससे देश में खनिज खोजों को पुनर्जीवित किया जा सकेगा. बता दें की NMDC हीरे के अलावा तांबे, रॉक फॉस्फेट, चूना पत्थर, मैग्नेसाइट, हीरा, टंगस्टन जैसे खनिजों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए छह दशकों से खनिजों की खोज कर रहा है.