पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था ने फिर प्रदेश को शर्मसार कर दिया है. जिले में 2 महीने के अंदर 93 बच्चों की मौत का चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. निमोनिया, पीलिया, डायरिया और अन्य संक्रमित बीमारियों से बच्चों की मौत होना बताया जा रहा है. मामले में जिला कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को आंकड़ों का रिव्यू करने का आदेश दिया है.
पन्ना में 2 महीने में 93 बच्चों की मौत
बता दें प्रदेश स्तर पर शिशु बाल मृत्यु के पन्ना जिले के आंकड़ों ने जिले के अंदर चल रही करोड़ रुपए की शिशु बाल मृत्यु को रोकने की योजना की हकीकत को सामने रख दिया है. वहीं सरकार के शिशु बाल मृत्यु की संख्या कम करने के दावों की भी पोल खोल दी है, लेकिन फिर भी स्वास्थ्य सिस्टम में कोई सुधार नहीं हो रहा है. पन्ना जिले के अंदर 2 महीने के अंदर 93 बच्चों की मौत सरकार और पन्ना जिले के स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर तीखे सवाल खड़े कर रही है.
सबसे ज्यादा पन्ना के देवेंद्रनगर में हुई सबसे ज्यादा मौतें
जन्म लिए हुए शिशुओं की मॉनिटरिंग और जांच के बाद उचित इलाज नहीं मिल रहा है. जिले में निमोनिया, पीलिया और डायरिया जैसी सामान्य बीमारियों में उचित इलाज न मिल पाने से बच्चों की मौत हो रही है. सरकार में बैठे जिम्मेदार सिर्फ रिपोर्ट तलब कर अपनी जिम्मेदारी की औपचरिकता निभा रहे हैं. वही पन्ना जिले से आए आंकड़ों में सबसे अधिक बच्चों की मौत देवेंद्रनगर-पन्ना में हुई है, जो और भी चिंता पैदा करती है.
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इस गंभीर विषय पर पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि ' मैंने सीएमएचओ से बात की है. सामने आ रहे आंकड़ों को स्वास्थ्य विभाग से एक बार फिर रिव्यू करने के लिए कहा है. सामने आ रहे बच्चों की मौत के आंकड़े अगर सही हैं, तो कार्रवाई होगी.