पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में सेंधमारी हो गई. रविवार की दोपहर आधा दर्जन लोग गड़ा धन खोजने के लिए मेटल डिटेक्टर के साथ टाइगर रिजर्व के कोर जोन में घुस गए. एक चार पहिया कार और एक बाइक से मंडला रेंज की बलैया बीट तक पहुंचे आरोपियों पर बाघों की सुरक्षा में तैनात किसी कर्मचारी की नजर नहीं पड़ी. शाम करीब 4 बजे मैदानी अमले को वायरलेस स्टेशन सहित अन्य यंत्रों के माध्यम से सूचना मिली तो हड़कम्प मच गया. आनन-फानन में अमले ने घेराबंदी कर सभी आरोपियों को हिरासत में लिया.
प्रतिबंधित कोर जोन युवक
आरोपियों के खिलाफ अवैध रूप से टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित कोर जोन में घुसने संबंधित वन अपराध दर्ज कर सभी को पांच-पांच हजार रुपए के मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी गई है. वहीं, टाइगर रिजर्व प्रबंधन इस पूरे मामले को रविवार को दबाए रखा. जानकारी के मुताबिक, टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में गड़ा धन खोजने के लिए सभी आरोपी सफेद रंग की इनोवा कार यूपी 93 बीपी 4445 और बाइक एमपी 35 एमएल 6474 से पहुंचे थे. कोर जोन के कई किमी अंदर बलैया बीट के मडैयन सेहा की गढ़ी तक घुस आए थे.
वन अमले ने सभी को पकड़ा
अमले ने पुष्पेंद्र गुप्ता छतरपुर, मूरत सिंह यादव पन्ना, मुन्नालाल शर्मा छतरपुर, शैलेंद्र यादव टीकमगढ़, हरगोविंद सोनी टीकमगढ़ और गुजरात के रामभाई पिता किशोरभाई को हिरासत में लिया था. सभी पर अवैध रूप से कोर जोन में प्रवेश करने को लेकर पीओआर काटा गया है. साथ ही इस शर्त पर पांच-पांच हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी गई है कि उन्हें जब भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, वे आएंगे.
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वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर सवाल
बता दें कि, जंगल के सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले टाइगर रिजर्व के कोर जोन में जिस प्रकार से गड़े खजाने की लालच में आरोपी कई किमी अंदर तक घुस गए थे उससे बाघों और दूसरे अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर सवाल उठ गया है. लचर सुरक्षा व्यवस्था का फायदा उठाकर कोई शिकारी या अन्य गिरोह भी टाइगर रिजर्व में घुस कर वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंचा सकता है. वहीं, इस पूरे मामले में पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा ने कहा कि ''टीम की तत्परता से घेराबंदी कर आरोपियों को पकड़ा गया है.''