पन्ना: मध्य प्रदेश के पन्ना के आराध्य देव कहे जाने वाले जुगल किशोर भगवान के जन्मोत्सव की तैयारियां जोरों पर जारी हैं. जिला प्रशासन और मंदिर समिति की ओर से भगवान के लिए विशेष तौर पर वृंदावन से 2 पोशाके मंगाई गई हैं. वहीं, जन्मदिन पर भगवान का बुंदेली शैली व पद्धति से श्रृंगार किया जाएगा. बता दें कि जुगल किशोर मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारी की धूम चल रही है. इसके लिए मंदिर की पुताई की जा रही है. वहीं मंदिर में लगी पेंटिंग्स की साफ सफाई कर मंदिर की सजा सज्जा की जा रही है.
300 वर्ष पुराना ऐतिहासिक मंदिर
जुगल किशोर मंदिर का निर्माण पन्ना के तत्कालीन नरेश हिंदूपथ राजा ने 1758 से 1778 के बीच अपने कार्यकाल के दौरान करवाया था. मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान की मूर्ति ओरछा के रास्ते वृंदावन से लाई गई थी. भगवान जुगल किशोर की मुरली में हीरे जड़े हुए हैं. वहीं प्रभु के आभूषणों और पोशाक बुंदेली शैली एवं पद्धति को दर्शाते हैं. मंदिर निर्माण स्थापत्य कला के अनुसार किया गया है. जिसकी सुंदरता देखते ही बनती है.
राजवंश निभाता है सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा
भगवान जुगल किशोर मंदिर में जन्माष्टमी पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. रात्रि 12:00 बजे भगवान के जन्म के समय पन्ना राजघराना परिवार के सदस्य मौजूद होते हैं, जो भगवान के सामने चंवर (भगवान की मूर्तियों या राजा महाराजा के पास से मक्खियों को भगाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता था) डुलाते हैं. यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है, जो प्रतिवर्ष निभाई जाती है. इस साल भी पन्ना के महाराज चंवर डुलाकर परंपरा का निर्वहन करेंगे.
मंदिर के दान पेटियां खोली गईं
जुगल किशोर मंदिर की दान पेटियां तहसीलदार अखिलेश प्रजापति, नायब तहसीलदार शशिकांत दुबे और मंदिर समिति के सदस्यों के बीच खोली गईं. इस दौरान पुलिस विभाग के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. दान पेटी से निकली राशि की गिनती सुबह से लेकर शाम तक चलती रही. जिसमें सबसे ज्यादा सिक्के पाए गए हैं. अभी दो पेटियों की गिनती बाकी है, जो बाद में करवाई जाएगी. जो गिनती आज तक पूरी हुई है उसमें 13 लाख 10 हजार 195 रुपए निकले हैं.
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भक्तों का लगता है तांता
मंदिर समिति के मुख्य सचिव संतोष तिवारी ने बताया कि "जन्माष्टमी पर्व की तैयारी जोरों पर जारी हैं. पूरे मंदिर में पुताई व साफ सफाई सहित लाइटिंग की जा रही है. प्रशासन की तरह से भी पूरा सहयोग मिल रहा है, जन्माष्टमी के दिन भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा. इसके लिए वृंदावन से 2 विशेष पोशाकें मंगाई गई हैं. जिनमें बुंदेली शैली एवं पद्धति की झलक दिखेगी. जन्माष्टमी पर दूर-दराज से भक्तगण आते हैं. यहा इस दिन लंबी-लंबी लाइनों लगकर भक्तगण मुरली वाले के दर्शन करते हैं."