पन्ना: विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ स्वामी मंदिर प्रांगण के चारों तरफ बने छोटे-छोटे मंदिर राजवंश के समय जागीरदारों द्वारा निर्मित करवाए गए थे. इन मंदिरों में प्राचीन शिवलिंग, देवियों की दुर्लभ प्रतिमाएं और राम भक्त हनुमान जी की मूर्ति विराजमान हैं. कुछ मंदिरों में मूर्तियां नहीं हैं वह खाली पड़े हैं. मंदिर बहुत प्राचीन एवं दुर्लभ है, इनकी ख्याति चारों तरफ विद्यमान है.
मंदिर में बने हैं 27 छोटे मंदिर
श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर के मुख्य पुजारी राकेश गोस्वामी बताते हैं कि, ''इन मंदिरों का निर्माण जगन्नाथ स्वामी मंदिर बनने के बाद राजवंश के जागीरदारों द्वारा करवाया गया था. इन छोटे-छोटे मंदिरों में दुर्लभ प्रतिमाएं स्थापित हैं. जिनकी ख्याति चारों तरफ विद्यमान है. इन मंदिरों में जो प्रतिमाएं स्थापित हैं, वह प्रतिमाएं कहीं और देखने को नहीं मिलती हैं. मंदिर के चारों ओर 27 मंदिर बने हुए हैं.''
पन्ना के राजा के सपने में आए थे भगवान जगन्नाथ
पुजारी बताते हैं कि, ''प्रचलित कहानी के मुताबिक, पन्ना के तत्कालीन महाराज किशोर सिंह जूदेव को श्री जगन्नाथ स्वामी भगवान का सपना आया था. जिसमें उन्होंने कहा कि हमें पुरी से लेकर पन्ना धाम ले चलो. तब पन्ना के महाराज पुरी गए और वहां पर जो 12 साल में मूर्ति विसर्जित की कर दी जाती है. इस मूर्ति को लेकर यहां आए. जिसमें जगन्नाथ स्वामी, सुभद्रा एवं बलभद्र की मूर्तियां शामिल हैं. यहां पर सुंदर राज महल के बगल में सन 1817 में मंदिर स्थापित करवाया था. इस मंदिर के चारों तरफ छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं.''
मंदिरों में दुर्लभ शिवलिंग की प्रतिमाएं स्थापित
पुजारी बताते हैं कि, ''इन छोटे-छोटे मंदिरों में दुर्लभ शिवलिंग की प्रतिमाएं स्थापित हैं, जो अति प्राचीन हैं. शिवलिंग काले पत्थर के बने हुए हैं जो अपने आप में दुर्लभ एवं अति प्राचीन दिखते हैं. माता की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं जो अपने आप में अति प्राचीन एवं दुर्लभ हैं. क्योंकि ऐसी प्रतिमाएं कहीं और देखने को नहीं मिलती हैं.''
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लोग द्वारा हो रहा मंदिर का जीर्णोद्धार
इन छोटे-छोटे मंदिरों में कुछ मंदिर खाली भी पड़े हुए हैं और इन मंदिरों का लोगों द्वारा सार्वजनिक तरीके से जीर्णोद्धार भी करवाया जा रहा है. क्योंकि यह मंदिर धीरे-धीरे जर्जर भी होते जा रहे हैं. प्रशासन द्वारा इन मंदिरों को अपने संरक्षण में नहीं लिया गया है. इसलिए लोग मंदिरों की मरम्मत करवा रहे हैं.