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पन्ना का हंटिंग गेस्ट हाउस बन गया सर्किट हाउस, इसकी खूबसूरती के दीवाने थे अंग्रेज

पन्ना के हंटिंग हाउस को राजा यादवेंद्र सिंह जूदेव ने बनवाया था. यहां करीब 5 साल तक अंग्रेज अधिकारी रहते थे.

PANNA HUNTING GUEST HOUSE
पन्ना का हंटिंग गेस्ट हाउस सर्किट हाउस में तब्दील (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 27, 2024, 1:15 PM IST

Updated : Nov 27, 2024, 2:26 PM IST

पन्ना: मध्य प्रदेश की पन्ना रियासत के अंतिम नरेश यादवेंद्र सिंह जूदेव ने पहाड़ कोठी सर्किट हाउस का निर्माण 1936 से 1938 के बीच में करवाया था. पहले वह इसका उपयोग हंटिंग गेस्ट हाउस के रूप में किया करते थे. जंगल से आने के बाद यहां पर उनका पड़ाव होता था. अंग्रेजी हुकूमत में 1940-45 तक ब्रिटिश कमांडेंट इस सर्किट हाउस में निवास करते थे.

2 साल में बनकर तैयार हुई थी खास कोठी

इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमार बताते हैं, "यादवेंद्र सिंह जूदेव पन्ना रियासत के अंतिम नरेश थे. ये घुड़सवारी और शिकार के बहुत शौकीन थे. यादवेंद्र सिंह कई-कई दिनों तक शिकार खेला करते थे. इस दौरान आराम करने के लिए इन्होंने पहाड़ पर एक कोटी बनवाई थी. इस कोठी को बनने 2 साल का समय लग गया था. यह कोठी अपने-आप में बहुत खास थी. इसके आसपास का माहौल बड़ा सुंदर और खुशनुमा हुआ करता था. इसके चलते महाराजा यहां अपने लोगों के साथ आते थे, साथ ही कई दिनों तक रुका करते थे. बता दें कि 1936 से 1938 के बीच में इसका निर्माण करवाया था. इसे पहले हंटिंग गेस्ट हाउस के नाम से जाना जाता था."

इसकी खूबसूरती के दीवाने थे अंग्रेज (ETV Bharat)

1940-45 तक यहां इन्फेंट्री कमांडेंट रहते थे

महाराज इसका उपयोग हंटिंग गेस्ट हाउस यानी शिकार गाह के रूप में किया करते थे. जब वह जंगल से यहां आते थे तो इस सर्किट हाउस में रुकते थे. यह कोठी पहाड़ के ऊपर स्थित है. इसलिए यह अपने आप में सुंदर और रमणीय स्थान है. ब्रिटिश हुकुमत ने महाराजा यादवेंद्र सिंह जूदेव के हंटिंग हाउस को ब्रिटिश कमांडेंट छत्रसाल इन्फेंट्री के रहने के लिए ले दिया था, जिसमें 1940 से लेकर 1945 तक इन्फेंट्री के कमांडेंट रहा करते थे.

सर्किट हाउस में अब अधिकारी रुकते हैं

इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमार बताते हैं, "अंग्रेजी हुकूमत के बाद जब देश आजाद हुआ तो, प्रशासन ने हंटिंग गेस्ट हाउस को सर्किट हाउस में तब्दील कर दिया. जहां वर्तमान में क्लास वन के अधिकारी आकर रुकते हैं और यही पर मीटिंग भी करते हैं." यहां आने वाले लोगों को सर्किट हाउस के आसपास का नजारा बहुत अच्छा लगता है. बता दें कि सर्किट हाउस में नेचुरलिटी बहुत अधिक है, क्योंकि वह बहुत अधिक ऊंचाई पर बना हुआ है. यहां से खड़े होकर नीचे देखने पर धर्म सागर तालाब का नजारा अद्भुत दिखाई देता है. ऐसा लगता है, जैसे कश्मीर की डल झील हो, यह बहुत सुंदर और रमणीय स्थल है.

पन्ना: मध्य प्रदेश की पन्ना रियासत के अंतिम नरेश यादवेंद्र सिंह जूदेव ने पहाड़ कोठी सर्किट हाउस का निर्माण 1936 से 1938 के बीच में करवाया था. पहले वह इसका उपयोग हंटिंग गेस्ट हाउस के रूप में किया करते थे. जंगल से आने के बाद यहां पर उनका पड़ाव होता था. अंग्रेजी हुकूमत में 1940-45 तक ब्रिटिश कमांडेंट इस सर्किट हाउस में निवास करते थे.

2 साल में बनकर तैयार हुई थी खास कोठी

इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमार बताते हैं, "यादवेंद्र सिंह जूदेव पन्ना रियासत के अंतिम नरेश थे. ये घुड़सवारी और शिकार के बहुत शौकीन थे. यादवेंद्र सिंह कई-कई दिनों तक शिकार खेला करते थे. इस दौरान आराम करने के लिए इन्होंने पहाड़ पर एक कोटी बनवाई थी. इस कोठी को बनने 2 साल का समय लग गया था. यह कोठी अपने-आप में बहुत खास थी. इसके आसपास का माहौल बड़ा सुंदर और खुशनुमा हुआ करता था. इसके चलते महाराजा यहां अपने लोगों के साथ आते थे, साथ ही कई दिनों तक रुका करते थे. बता दें कि 1936 से 1938 के बीच में इसका निर्माण करवाया था. इसे पहले हंटिंग गेस्ट हाउस के नाम से जाना जाता था."

इसकी खूबसूरती के दीवाने थे अंग्रेज (ETV Bharat)

1940-45 तक यहां इन्फेंट्री कमांडेंट रहते थे

महाराज इसका उपयोग हंटिंग गेस्ट हाउस यानी शिकार गाह के रूप में किया करते थे. जब वह जंगल से यहां आते थे तो इस सर्किट हाउस में रुकते थे. यह कोठी पहाड़ के ऊपर स्थित है. इसलिए यह अपने आप में सुंदर और रमणीय स्थान है. ब्रिटिश हुकुमत ने महाराजा यादवेंद्र सिंह जूदेव के हंटिंग हाउस को ब्रिटिश कमांडेंट छत्रसाल इन्फेंट्री के रहने के लिए ले दिया था, जिसमें 1940 से लेकर 1945 तक इन्फेंट्री के कमांडेंट रहा करते थे.

सर्किट हाउस में अब अधिकारी रुकते हैं

इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमार बताते हैं, "अंग्रेजी हुकूमत के बाद जब देश आजाद हुआ तो, प्रशासन ने हंटिंग गेस्ट हाउस को सर्किट हाउस में तब्दील कर दिया. जहां वर्तमान में क्लास वन के अधिकारी आकर रुकते हैं और यही पर मीटिंग भी करते हैं." यहां आने वाले लोगों को सर्किट हाउस के आसपास का नजारा बहुत अच्छा लगता है. बता दें कि सर्किट हाउस में नेचुरलिटी बहुत अधिक है, क्योंकि वह बहुत अधिक ऊंचाई पर बना हुआ है. यहां से खड़े होकर नीचे देखने पर धर्म सागर तालाब का नजारा अद्भुत दिखाई देता है. ऐसा लगता है, जैसे कश्मीर की डल झील हो, यह बहुत सुंदर और रमणीय स्थल है.

Last Updated : Nov 27, 2024, 2:26 PM IST
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