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पन्ना में मौजूद है ऐतिहासिक मिर्जा राजा की छतरी, जानिए क्यों शाबाश सिंह ने बनवाई थी ये छतरी - Panna Historical Chhatri

पन्ना में वैसे तो कई ऐतिहासिक इमारतें हैं. यहां पर एक इमारत मिर्जा राजा की छतरी (मकबरा) है. महाराज शाबाश सिंह ने अपने साले की मृत्यु उपरांत इस छतरी को बनवाया था. इस ऐतिहासिक इमारत को अब पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने संरक्षण में ले लिया है.

PANNA HISTORICAL CHHATRI
पन्ना में मौजूद है ऐतिहासिक मिर्जा राजा की छतरी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 7:42 PM IST

Updated : Sep 12, 2024, 8:53 AM IST

पन्ना: राजघराने में कई ऐतिहासिक इमारतें नगर में स्थित है. उसमें एक इमारत मिर्जा राजा की छतरी (मकबरा) जो खेजड़ा मंदिर के पास बना हुआ है. यह बुंदेली स्थापत्य शैली से बहुत ही सुंदर बनाया गया था. जिसको भारत पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षण में लेते हुए, छतरी (मकबरा) की कुछ वर्ष पहले मरम्मत भी कराई गई थी.

जानिए क्यों शाबाश सिंह बनवाई थी ये छतरी (ETV Bharat)

पन्ना में कई ऐतिहासिक इमारतें स्थित है. कई इमारतें तो 300 से 400 साल भी पुरानी है. बता दें पन्ना में ऐसी ही एक इमारत मिर्जा राजा की छतरी (मकबरा) बनी हुई है. जिसका इतिहास करीब 300 साल पुराना है. महाराज छत्रसाल के दो पुत्र थे. पहले हृदय शाह महाराज व जगत राज महाराज. जानकारी के अनुसार हृदय शाह के बेटे शाबाश सिंह के प्रिय साले मिर्जा राजा थे. शाबाश सिंह ने अपने साले की मृत्यु उपरांत सन 1750 में इस छतरी का निर्माण करवाया था. इसी के साथ उन्होंने मिर्जा राजा की तलैया का भी 1745 में निर्माण करवाया था. जो अभी वर्तमान में मौजूद है. इसके बगल में वर्तमान में जिला भाजपा कार्यालय बना हुआ है.

chhatri of brother in law Mirza Raja
पन्ना की ऐतिहासिक छतरी (ETV Bharat)

मिर्जा राजा को कई लोग समझते हैं मुस्लिम

पन्ना रियासत के तृतीय नरेश महाराजा शाबाश सिंह के प्रिय साले मिर्जा राजा थे. महाराजा शाबाश सिंह उन्हें प्यार से मिर्जा राजा कहते थे. इसलिए उनका नाम मिर्जा राजा पड़ गया, जबकि उनका असली नाम जय सिंह था, जो रामपुर बघेलान जिला सतना के रहने वाले थे. इस विषय में इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमार बताते हैं कि 'मिर्जा राजा महाराजा शाबाश सिंह के चहेते साले थे और उनकी याद में महाराज ने छतरी (मकबरा) का निर्माण करवाया था. मिर्जा काफी धार्मिक प्रवृत्ति के थे और हनुमान जी के भक्त थे.

यहां पढ़ें...

पन्ना में मौजूद एक ऐसी मस्जिद, जहां सिर्फ एक ही मुस्लिम परिवार अता करता है नमाज, जानें वजह...

जबलपुर का आधा मंदिर-आधी मस्जिद, एक ही जगह जहां हिंदू-मुसलमान एकसाथ सिर झुकाते हैं

वर्तमान में छतरी (मकबरा) पुरातत्व विभाग के संरक्षण में

पन्ना नगर में खेजड़ा मंदिर के पास स्थित मिर्जा राजा की छतरी (मकबरा) ऐतिहासिक है, जो बुंदेली स्थापत्य शैली मैं बनवाया गया था. मिर्जा राजा के छतरी (मकबरा) को पुरातत्व विभाग द्वारा अपने एक संरक्षण में ले लिया गया है. कुछ वर्षों पूर्व इस मकबरे की मरम्मत करवाई गई थी एवं इसे संरक्षित कर दिया गया है. यह छतरी (मकबरा) अपने आप में ऐतिहासिक है. यह करीब दो मंजिला बना हुआ है. जिसमें ऊपर तक चढ़ने के लिए सोपान बनाए गए हैं.

पन्ना: राजघराने में कई ऐतिहासिक इमारतें नगर में स्थित है. उसमें एक इमारत मिर्जा राजा की छतरी (मकबरा) जो खेजड़ा मंदिर के पास बना हुआ है. यह बुंदेली स्थापत्य शैली से बहुत ही सुंदर बनाया गया था. जिसको भारत पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षण में लेते हुए, छतरी (मकबरा) की कुछ वर्ष पहले मरम्मत भी कराई गई थी.

जानिए क्यों शाबाश सिंह बनवाई थी ये छतरी (ETV Bharat)

पन्ना में कई ऐतिहासिक इमारतें स्थित है. कई इमारतें तो 300 से 400 साल भी पुरानी है. बता दें पन्ना में ऐसी ही एक इमारत मिर्जा राजा की छतरी (मकबरा) बनी हुई है. जिसका इतिहास करीब 300 साल पुराना है. महाराज छत्रसाल के दो पुत्र थे. पहले हृदय शाह महाराज व जगत राज महाराज. जानकारी के अनुसार हृदय शाह के बेटे शाबाश सिंह के प्रिय साले मिर्जा राजा थे. शाबाश सिंह ने अपने साले की मृत्यु उपरांत सन 1750 में इस छतरी का निर्माण करवाया था. इसी के साथ उन्होंने मिर्जा राजा की तलैया का भी 1745 में निर्माण करवाया था. जो अभी वर्तमान में मौजूद है. इसके बगल में वर्तमान में जिला भाजपा कार्यालय बना हुआ है.

chhatri of brother in law Mirza Raja
पन्ना की ऐतिहासिक छतरी (ETV Bharat)

मिर्जा राजा को कई लोग समझते हैं मुस्लिम

पन्ना रियासत के तृतीय नरेश महाराजा शाबाश सिंह के प्रिय साले मिर्जा राजा थे. महाराजा शाबाश सिंह उन्हें प्यार से मिर्जा राजा कहते थे. इसलिए उनका नाम मिर्जा राजा पड़ गया, जबकि उनका असली नाम जय सिंह था, जो रामपुर बघेलान जिला सतना के रहने वाले थे. इस विषय में इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमार बताते हैं कि 'मिर्जा राजा महाराजा शाबाश सिंह के चहेते साले थे और उनकी याद में महाराज ने छतरी (मकबरा) का निर्माण करवाया था. मिर्जा काफी धार्मिक प्रवृत्ति के थे और हनुमान जी के भक्त थे.

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वर्तमान में छतरी (मकबरा) पुरातत्व विभाग के संरक्षण में

पन्ना नगर में खेजड़ा मंदिर के पास स्थित मिर्जा राजा की छतरी (मकबरा) ऐतिहासिक है, जो बुंदेली स्थापत्य शैली मैं बनवाया गया था. मिर्जा राजा के छतरी (मकबरा) को पुरातत्व विभाग द्वारा अपने एक संरक्षण में ले लिया गया है. कुछ वर्षों पूर्व इस मकबरे की मरम्मत करवाई गई थी एवं इसे संरक्षित कर दिया गया है. यह छतरी (मकबरा) अपने आप में ऐतिहासिक है. यह करीब दो मंजिला बना हुआ है. जिसमें ऊपर तक चढ़ने के लिए सोपान बनाए गए हैं.

Last Updated : Sep 12, 2024, 8:53 AM IST
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