पन्ना। जिले के अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और वीरा एवं खोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 50 लाख का घोटाला उजागर होने से हड़कंप मच गया है. शिकायतकर्ता सुरेश यादव की शिकायत पर कलेक्टर के निर्देश एवं सीएमएचओ के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अजयगढ़ एसडीओपी द्वारा जांच की गई. घोटाले के मास्टरमाइंड अजयगढ़ के तत्कालीन बीएमओ डॉ. केपी राजपूत सहित अकाउंटेंट वीरेंद्र कुमार अहिरवार, ब्लॉक प्रोग्राम मेनेजर रुचि शर्मा और बीएमओ के भतीजे दीपक राजपूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
किस मद में कितना घोटाला किया
बताया गया है कि अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंदौरा और खोरा में मरीजों एवं प्रसूताओं की डाइट, सफाई कर्मियों की राशि, रोगी कल्याण समिति आदि की राशि डॉक्टर केपी राजपूत एवं अन्य के द्वारा रिश्तेदारों एवं परिचितों के नाम पर भुगतान कर शासकीय राशि का गबन किया गया. जांच के बाद धारा 406, 409, 420, 465, 467, 468, 471, 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर विवेचना में लिया गया है.
हमेशा चर्चा में रहे डॉ. केपी राजपूत
डॉ.केपी राजपूत तब अचानक सुर्खियों में आ गए थे, जब उनके द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर जिला अस्पताल पन्ना के पास निजी हॉस्पिटल खोला गया था. इसके बाद वह अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से ज्यादा अपने निजी अस्पताल में समय देते रहे. अब यह बड़ा घोटाला उजाला होने के बाद फिर सुर्खियों में आ गए हैं. अजयगढ़ पूर्व में ही बीएमओ रहते ही उनका स्थानांतरण सिंगरौली जिले हो गया था. इसके बाद उनका स्थानांतरण फिर जिला चिकित्सालय पन्ना में हो गया था. फिर उनका स्थानांतरण जिला चिकित्सालय पन्ना से सीधी जिले में हो गया. इस मामले में एडिशनल एसपी आरती सिंह का कहना है "4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है."