ETV Bharat / state

बृहस्पति कुंड पर बनेगा मध्य प्रदेश का पहला 'ग्लास ब्रिज', करीब से जलप्रपात निहार सकेंगे टूरिस्ट - Madhya Pradesh First Glass Bridge - MADHYA PRADESH FIRST GLASS BRIDGE

पन्ना में स्थित बृहस्पति कुंड जलप्रपात पर प्रदेश का पहला ग्लास ब्रिज बनने जा रहा है. यह देश का तीसरा ग्लास ब्रिज कहलाएगा. जिला प्रशासन ने यहां पर ग्लास ब्रिज बनाने का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था, जिसकी मंजूरी पूर्व में ही हो चुकी थी. अब टेंडर भी जारी हो गया है. ग्लास ब्रिज बनने से पर्यटक करीब से बृहस्पति कुंड को देख सकेंगे.

Madhya Pradesh First Glass Bridge
बृहस्पति कुंड पर बनेगा मध्य प्रदेश का पहला ग्लास ब्रिज (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 30, 2024, 12:22 PM IST

Updated : Jun 30, 2024, 12:35 PM IST

पन्ना। पन्ना जिले के ग्राम बृजपुर से लगभग 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित बृहस्पति कुंड जलप्रपात पर बहुत जल्द भारत का तीसरा ग्लास ब्रिज बनने वाला है. जानकारी के अनुसार, इसको लेकर टेंडर जारी हो चुका है. निरीक्षण के लिए ग्लास ब्रिज के इंजीनियर मौके पर पहुंचे. बता दें कि बृहस्पति कुंड एक देवी स्थान है जहां पर पहले ऋषि मुनियों के आश्रम हुआ करते थे. राम पथ गमन का मार्ग भी यहीं से होकर जाता है. ग्लास ब्रिज बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

बृहस्पति कुंड पर बनने जा रहा देश का तीसरा ग्लास ब्रिज (Etv Bharat)

इंजीनियर्स ने किया निरीक्षण

बृहस्पति कुंड पर ही सुंदर जलप्रपात बनता है. बरसात के मौसम में इसका मनोहर दृश्य देखते ही बनता है. दूर-दूर से यहां पर पर्यटक इस जलप्रपात को देखने पहुंचते हैं. इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने यहां पर ग्लास ब्रिज बनाने का सरकार को प्रस्ताव रखा था, जिसकी मंजूरी पूर्व में ही हो चुकी थी. जानकारी के अनुसार, टेंडर भी हो चुका है और ग्लास ब्रिज बनाने को लेकर इंजीनियरों ने मौके पर निरीक्षण किया. बहुत जल्द यहां पर भारत का तीसरा ग्लास ब्रिज बनने वाला है.

Madhya Pradesh First Glass Bridge
ग्लास ब्रिज बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा (Etv Bharat)

पुरातत्व विभाग से चल रहे कई कार्य

बता दें कि, बृहस्पति कुंड जलप्रपात पर पर्यटकों की संख्या को देखते हुए पुरातत्व विभाग द्वारा बृहस्पति कुंड के लिए एक भारी भरकम बजट स्वीकृत किया गया है. इसी तारतम्य में बृहस्पति कुंड प्रांगण में कई विकास कार्य चल रहे हैं. जिसमें होटल, पार्क रेलिंग एवं ग्लास ब्रिज तक पहुंचाने के लिए सुंदर रास्ता बनाया जा रहा है. बता दें कि सेल्फी व्यू प्वाइंट भी पुरातत्व विभाग द्वारा बनाए जा रहे हैं. जिस पर बृहस्पतिकुंड जलप्रपात का मनोहर दृश्य देखते ही बनेगा.

Madhya Pradesh First Glass Bridge
करीब से जलप्रपात निहार सकेंगे टूरिस्ट (Etv Bharat)

बृहस्पति कुंड का इतिहास

बृहस्पति कुंड की प्राचीन धार्मिक मान्यताएं प्रसिद्ध है. माना जाता है कि यहां पर ऋषि मुनियों के आश्रम हुआ करते थे. भगवान राम त्रेता युग में अपने चित्रकूट वनवास के दौरान मां सीता और छोटे अनुज लक्ष्मण के साथ यहां पर ऋषि मुनियों के दर्शन करने आते थे.

कैसा होगा ग्लास ब्रिज

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बृहस्पति कुंड जलप्रपात पर बनने वाला भारत का तीसरा ग्लास ब्रिज कांच से बनाया जाएगा. जिसका टेंडर लगभग 3 करोड़ में हो चुका है और इंजीनियरों द्वारा इसका निरीक्षण भी किया जा रहा है. बता दें कि यह जमीन पर लगभग 18 फुट रहेगा और हवा में 11 फुट निकलेगा. इसमें लोगों को जाने के लिए सीमा निर्धारित होगी. करीब एक बार में 8 से 10 लोग ही हवा में निकले हुए हिस्से पर जा सकते हैं जो पूरी तरह से ग्लास का बना होगा.

Also Read:

बृहस्पति कुंड में है महाकाल के समय का शिवलिंग, कुंड के पानी से ठीक हो जाती हैं लाइलाज बीमारियां - Panna Brihaspati Kund

पन्ना के हीरे की खदानों में पुराकालीन बृहस्पति कुंड, ASI बताएगा किस युग में और कैसे बना रहस्यमयी कुंड - brihaspati kund ASI survey

दुनिया में मध्यप्रदेश की धाक, छह धरोहर यूनेस्को की सूची में शामिल, जानिये आखिर क्यों खास हैं यह धरोहर

बृहस्पति कुंड की चट्टानों में बने हैं शेल चित्र

बृहस्पति कुंड की चट्टानों पर हजारों साल पहले आदिमानव के द्वारा बनाए गए शेल चित्र बने हुए हैं. जिसमें महिला, जानवर, बच्चे, युवाओं के सुंदर लाल रंगों से बनाए गए चित्र हजारों साल बाद भी मौजूद हैं. बता दें कि झरने के नीचे उतरने वाले रास्ते पर इन्हें आज भी देखा जा सकता है. पर प्रशासन की उदासीनता के कारण यह ऐतिहासिक विरासत धीरे-धीरे धुंधली होती जा रही है. इन शेल चित्रों को भी संजोने के लिए प्रशासन को कोई कारगर कदम उठाना चाहिए.

पन्ना। पन्ना जिले के ग्राम बृजपुर से लगभग 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित बृहस्पति कुंड जलप्रपात पर बहुत जल्द भारत का तीसरा ग्लास ब्रिज बनने वाला है. जानकारी के अनुसार, इसको लेकर टेंडर जारी हो चुका है. निरीक्षण के लिए ग्लास ब्रिज के इंजीनियर मौके पर पहुंचे. बता दें कि बृहस्पति कुंड एक देवी स्थान है जहां पर पहले ऋषि मुनियों के आश्रम हुआ करते थे. राम पथ गमन का मार्ग भी यहीं से होकर जाता है. ग्लास ब्रिज बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

बृहस्पति कुंड पर बनने जा रहा देश का तीसरा ग्लास ब्रिज (Etv Bharat)

इंजीनियर्स ने किया निरीक्षण

बृहस्पति कुंड पर ही सुंदर जलप्रपात बनता है. बरसात के मौसम में इसका मनोहर दृश्य देखते ही बनता है. दूर-दूर से यहां पर पर्यटक इस जलप्रपात को देखने पहुंचते हैं. इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने यहां पर ग्लास ब्रिज बनाने का सरकार को प्रस्ताव रखा था, जिसकी मंजूरी पूर्व में ही हो चुकी थी. जानकारी के अनुसार, टेंडर भी हो चुका है और ग्लास ब्रिज बनाने को लेकर इंजीनियरों ने मौके पर निरीक्षण किया. बहुत जल्द यहां पर भारत का तीसरा ग्लास ब्रिज बनने वाला है.

Madhya Pradesh First Glass Bridge
ग्लास ब्रिज बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा (Etv Bharat)

पुरातत्व विभाग से चल रहे कई कार्य

बता दें कि, बृहस्पति कुंड जलप्रपात पर पर्यटकों की संख्या को देखते हुए पुरातत्व विभाग द्वारा बृहस्पति कुंड के लिए एक भारी भरकम बजट स्वीकृत किया गया है. इसी तारतम्य में बृहस्पति कुंड प्रांगण में कई विकास कार्य चल रहे हैं. जिसमें होटल, पार्क रेलिंग एवं ग्लास ब्रिज तक पहुंचाने के लिए सुंदर रास्ता बनाया जा रहा है. बता दें कि सेल्फी व्यू प्वाइंट भी पुरातत्व विभाग द्वारा बनाए जा रहे हैं. जिस पर बृहस्पतिकुंड जलप्रपात का मनोहर दृश्य देखते ही बनेगा.

Madhya Pradesh First Glass Bridge
करीब से जलप्रपात निहार सकेंगे टूरिस्ट (Etv Bharat)

बृहस्पति कुंड का इतिहास

बृहस्पति कुंड की प्राचीन धार्मिक मान्यताएं प्रसिद्ध है. माना जाता है कि यहां पर ऋषि मुनियों के आश्रम हुआ करते थे. भगवान राम त्रेता युग में अपने चित्रकूट वनवास के दौरान मां सीता और छोटे अनुज लक्ष्मण के साथ यहां पर ऋषि मुनियों के दर्शन करने आते थे.

कैसा होगा ग्लास ब्रिज

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बृहस्पति कुंड जलप्रपात पर बनने वाला भारत का तीसरा ग्लास ब्रिज कांच से बनाया जाएगा. जिसका टेंडर लगभग 3 करोड़ में हो चुका है और इंजीनियरों द्वारा इसका निरीक्षण भी किया जा रहा है. बता दें कि यह जमीन पर लगभग 18 फुट रहेगा और हवा में 11 फुट निकलेगा. इसमें लोगों को जाने के लिए सीमा निर्धारित होगी. करीब एक बार में 8 से 10 लोग ही हवा में निकले हुए हिस्से पर जा सकते हैं जो पूरी तरह से ग्लास का बना होगा.

Also Read:

बृहस्पति कुंड में है महाकाल के समय का शिवलिंग, कुंड के पानी से ठीक हो जाती हैं लाइलाज बीमारियां - Panna Brihaspati Kund

पन्ना के हीरे की खदानों में पुराकालीन बृहस्पति कुंड, ASI बताएगा किस युग में और कैसे बना रहस्यमयी कुंड - brihaspati kund ASI survey

दुनिया में मध्यप्रदेश की धाक, छह धरोहर यूनेस्को की सूची में शामिल, जानिये आखिर क्यों खास हैं यह धरोहर

बृहस्पति कुंड की चट्टानों में बने हैं शेल चित्र

बृहस्पति कुंड की चट्टानों पर हजारों साल पहले आदिमानव के द्वारा बनाए गए शेल चित्र बने हुए हैं. जिसमें महिला, जानवर, बच्चे, युवाओं के सुंदर लाल रंगों से बनाए गए चित्र हजारों साल बाद भी मौजूद हैं. बता दें कि झरने के नीचे उतरने वाले रास्ते पर इन्हें आज भी देखा जा सकता है. पर प्रशासन की उदासीनता के कारण यह ऐतिहासिक विरासत धीरे-धीरे धुंधली होती जा रही है. इन शेल चित्रों को भी संजोने के लिए प्रशासन को कोई कारगर कदम उठाना चाहिए.

Last Updated : Jun 30, 2024, 12:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.