पन्ना : ग्रीन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत पन्ना के पवई वन परिक्षेत्र में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. यहां स्थानीय किसानों व वनों के पास रहने वाले ग्रामीणों को गाय के गोबर से सुंदर कलाकृतियां, प्रतिमाएं व हस्तशिल्प बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इससे किसान व पशुपालकों के लिए आय का नया साधन भी खुल गया है. गाय के गोबर से सुंदर व मनमोहक कलाकृतियां बनाई जा रही हैं, जिसकी शहरों में और खासतौर पर त्योहारों में बड़ी डिमांड होती है.
नागपुर से आए ट्रेनरों ने सिखाए गुर
प्रशिक्षण शिविर में वन विभाग व गौ विज्ञान संस्था नागपुर से आए ट्रेनरों द्वारा ग्रामीण महिलाओं को गाय के गोबर से कमाल की कलाकृतियां बनाना सिखाया गया. प्रशिक्षण देने वाले ट्रेनर जितेंद्र मिश्रा नागपुर से पन्ना आए और उन्होंने यहां तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया. इस दौरान उन्होंने महिलाओं को गाय के गोबर से धूपबत्ती, हवन कुंड, दीपक, ओम, स्वास्तिक और तरह-तरह की प्रतिमाएं आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया.
ग्रामीणों को मिलेगा आय का नया साधन
दक्षिण वन मंडल के डीएफओ अनुपम शर्मा ने बताया, '' ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत वन विभाग द्वारा पवई वन परिक्षेत्र व महिंद्रा वन परिषद की ग्रामीण महिलाओं को गोबर से हस्तशिल्प, सुंदर कलाकृतियां व प्रतिमाएं बनाना सिखाया गया. इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को अतिरिक्त आय के साधन व जीविकोपार्जन के लिए ग्रामीणों को राह दिखाना है. इससे वनों पर भी भार कम पड़ेगा.''
महिलाओं को घर बैठे स्वरोजगार
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि इस कार्य को बड़े रूप में कम से कम लागत में भी किया जा सकता है. केवल चार से पांच से हजार रुपए में ये कार्य शुरू किया जा सकता है. ग्रामीण महिलाएं अपने घर के कार्य से बचे तीन-चार घंटे में ही इस कार्य को करके रोजगार प्राप्त कर सकती हैं. वन विभाग के प्रशिक्षण में महिलाओं ने काफी उत्सुकता के साथ भाग लिया. माना जा रहा है कि आने वाले समय में पन्ना के ग्रामीण भी अन्य क्षेत्रों की तरह गोबर के उत्पादों को बेचकर अच्छी कमाई करेंगे. कई ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर से बने इन उत्पादों को बेचकर बंपर कमाई की जा रही है. माना जा रहा है कि पन्ना की ग्रामीण महिलाएं भी इससे आर्थिक स्वावलंबन की ओर बढ़ेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.