ETV Bharat / state

गोटमार मेले में पत्थरों की बारिश, 8 लोगों ने लगाई जान की बाजी, 200 लोग हुए घायल - Pandhurna Gotmar Mela

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 4, 2024, 11:39 AM IST

पांढुर्णा के प्रसिद्ध गोटमार मेले में परंपरा के नाम पर एक गांव के लोगों ने दूसरे गांव के लोगों पर पत्थरों की बारिश की. इसमें 8 लोग गंभीर रूप से तो 200 लोग घायल हो गए. गंभीर घायलों को इलाज के लिए नागपुर रेफर किया गया.

PANDHURNA GOTMAR MELA
पांढुर्णा का गोटमार मेला (ETV Bharat)

छिंदवाड़ा: गोटमार मेला में एक बार फिर एक दूसरे पर पत्थर फेंके गए. परंपरा के नाम पर चलने वाला यह खेल आपसी समझौते के साथ संपन्न हुआ. सावरगांव और पांढुर्णा पक्ष के बीच गोटमार मेले में घायलों की संख्या 400 से अधिक है लेकिन पांढुर्णा बीएमओ डॉक्टर दीपेद्र सलामे ने 200 घायल होने की पुष्टि की है वहीं गंभीर रूप से घायल 8 मरीजों को नागपुर रेफर किया गया है.

गोटमार मेले में पत्थरों की बारिश (ETV Bharat)

आपसी समझौते के साथ गोटमार मेला संपन्न

पांढुर्णा में मनाया जाने वाला प्रसिद्ध गोटमार मेले का खेल पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. जहां परंपरा के नाम पर एक गांव के लोग दूसरे गांव के लोगों को पत्थर मारते हैं. यह परंपरा कई सालों से लगातार चली आ रही है. जहां पांढुर्णा और सावरगांव के लोग जाम नदी के दोनों और खड़े होकर एक दूसरे के ऊपर पत्थरों की बारिश करते हैं. यह खेल तब तक चलता है जब तक पलाश रूपी झंडा टूट नहीं जाता, जो इस झंडे को तोड़ लेता है वह गांव जीता कहलाता है. शाम 7 बजे तक झंडा नहीं टूट पाने के कारण आपसी समझौते के साथ पांढुर्णा पक्ष के लोगों को पलाश रूपी झंडा मान सम्मान के साथ सौंप दिया गया.

GOTMAR MELA THROW STONES
गोटमार मेले में परंपरा के नाम पर पत्थरों की बारिश (ETV Bharat)

200 से अधिक लोग हुए घायल

गोटमार मेले में घायलों की संख्या काफी अधिक होती है. जहां सुबह से ही लोग एक दूसरे के ऊपर पत्थरों की बारिश करते हैं जिसमें सैकड़ों लोग घायल होते हैं. इस बार घायलों की बात की जाए तो लगभग 400 से अधिक घायल होने की बात सामने आ रही है परंतु पांढुर्णा बीएमओ डॉक्टर दीपेंद्र सलामे ने 200 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है वहीं 8 लोग गंभीर घायल हुए हैं, जिन्हें नागपुर रेफर कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें:

पत्थर फेंकने पर क्यों आमादा हैं यहां के ग्रामीण, 'खूनी परंपरा' निभाने पर फिर अड़े, प्रशासन ने मानी हार

दो गांवों में होगा पत्थर युद्ध, किसी के प्यार में 300 सालों से खेला जा रहा है 'खूनी खेल'

दो जिलों से बुलाया गया था अतिरिक्त पुलिस बल

पांढुर्णा जिले के एसपी सुंदर सिंह कनेश ने बताया कि "गोटमार खेल को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए सिवनी और बैतूल जिले से पुलिस बल बुलाया गया. सुरक्षा के लिए लगभग 600 पुलिस बल तैनात रहा. पिछले साल 8 एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी परंतु इस साल 16 एंबुलेंस लगाई गई, जिससे लोगों का इलाज शीघ्र हो सके और उन्हें ज्यादा दिक्कतों का सामना न करना पड़े."

छिंदवाड़ा: गोटमार मेला में एक बार फिर एक दूसरे पर पत्थर फेंके गए. परंपरा के नाम पर चलने वाला यह खेल आपसी समझौते के साथ संपन्न हुआ. सावरगांव और पांढुर्णा पक्ष के बीच गोटमार मेले में घायलों की संख्या 400 से अधिक है लेकिन पांढुर्णा बीएमओ डॉक्टर दीपेद्र सलामे ने 200 घायल होने की पुष्टि की है वहीं गंभीर रूप से घायल 8 मरीजों को नागपुर रेफर किया गया है.

गोटमार मेले में पत्थरों की बारिश (ETV Bharat)

आपसी समझौते के साथ गोटमार मेला संपन्न

पांढुर्णा में मनाया जाने वाला प्रसिद्ध गोटमार मेले का खेल पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. जहां परंपरा के नाम पर एक गांव के लोग दूसरे गांव के लोगों को पत्थर मारते हैं. यह परंपरा कई सालों से लगातार चली आ रही है. जहां पांढुर्णा और सावरगांव के लोग जाम नदी के दोनों और खड़े होकर एक दूसरे के ऊपर पत्थरों की बारिश करते हैं. यह खेल तब तक चलता है जब तक पलाश रूपी झंडा टूट नहीं जाता, जो इस झंडे को तोड़ लेता है वह गांव जीता कहलाता है. शाम 7 बजे तक झंडा नहीं टूट पाने के कारण आपसी समझौते के साथ पांढुर्णा पक्ष के लोगों को पलाश रूपी झंडा मान सम्मान के साथ सौंप दिया गया.

GOTMAR MELA THROW STONES
गोटमार मेले में परंपरा के नाम पर पत्थरों की बारिश (ETV Bharat)

200 से अधिक लोग हुए घायल

गोटमार मेले में घायलों की संख्या काफी अधिक होती है. जहां सुबह से ही लोग एक दूसरे के ऊपर पत्थरों की बारिश करते हैं जिसमें सैकड़ों लोग घायल होते हैं. इस बार घायलों की बात की जाए तो लगभग 400 से अधिक घायल होने की बात सामने आ रही है परंतु पांढुर्णा बीएमओ डॉक्टर दीपेंद्र सलामे ने 200 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है वहीं 8 लोग गंभीर घायल हुए हैं, जिन्हें नागपुर रेफर कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें:

पत्थर फेंकने पर क्यों आमादा हैं यहां के ग्रामीण, 'खूनी परंपरा' निभाने पर फिर अड़े, प्रशासन ने मानी हार

दो गांवों में होगा पत्थर युद्ध, किसी के प्यार में 300 सालों से खेला जा रहा है 'खूनी खेल'

दो जिलों से बुलाया गया था अतिरिक्त पुलिस बल

पांढुर्णा जिले के एसपी सुंदर सिंह कनेश ने बताया कि "गोटमार खेल को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए सिवनी और बैतूल जिले से पुलिस बल बुलाया गया. सुरक्षा के लिए लगभग 600 पुलिस बल तैनात रहा. पिछले साल 8 एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी परंतु इस साल 16 एंबुलेंस लगाई गई, जिससे लोगों का इलाज शीघ्र हो सके और उन्हें ज्यादा दिक्कतों का सामना न करना पड़े."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.