दुमकाः जिले की प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथ धाम में रविवार को पंडा समाज के सदस्यों ने मंदिर के गर्भगृह से अरघा हटाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान पंडा समाज ने प्रशासन पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए अरघा तो फौरन हटाने की मांग की.
पंडा समाज के लोग धरना पर बैठे
मंदिर कार्यालय के सामने रविवार को काफी संख्या में पुरोहित और पंडे धरने पर बैठे थे. इस दौरान पंडा समाज के लोगों ने कहा कि प्रशासन के साथ जो हमारी जो बात हुई थी उसके अनुसार श्रावणी मेले में केवल सोमवार और मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ को लेकर जलार्पण करने के लिए अरघा सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा.वहीं सप्ताह के शेष पांच दिनों में स्पर्श पूजा की व्यवस्था होगी, लेकिन प्रशासन ने पूरे सप्ताह अरघा सिस्टम लागू कर दिया.धरना पर बैठे पंडा समाज के सदस्यों ने प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और जमकर नारेबाजी की.
प्रशासन पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
बासुकीनाथ मंदिर कार्यालय के सामने धरना पर बैठे पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा और महामंत्री संजय झा ने कहा कि जिला प्रशासन के साथ हम लोगों का काफी सौहार्दपूर्ण रिश्ता है. मंदिर के विकास कार्यों और कार्यक्रमों में हमलोग साथ-साथ चलते हैं. इसी क्रम में यह बात हुई थी कि सावन माह में सप्ताह के दो दिन सोमवार और मंगलवार को ही सिर्फ अरघा लगेगा, लेकिन प्रशासन ने वादाखिलाफी कर पूरे सप्ताह अरघा सिस्टम लागू कर दिया.
बासुकीनाथ धाम में स्पर्श पूजा का है महत्व
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री संजय झा ने कहा कि बासुकिनाथ मंदिर में शिवलिंग की स्पर्श पूजा का विशेष महत्व है. ऐसे में हम लोगों ने अपने यजमानों को कह दिया था कि यदि स्पर्श पूजा करनी है तो सोमवार और मंगलवार छोड़कर आएं. अब जब वे अन्य दिनों में आ रहे हैं तो प्रशासन अरघा नहीं हटा रहा है. इससे श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द मंदिर के गर्भगृह से अरघा हटाया जाए.हालांकि पंडा समाज के इस मांग को लेकर जिला प्रशासन की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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