पंचकूला: जिले के सेक्टर-6 मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल का उद्घाटन सीएम नायब सैनी ने 13 अगस्त को वर्चुअली कर दिया था. हालांकि अब तक अस्पताल शुरू नहीं किया गया है. अस्पताल की बिल्डिंग में वार्ड भी नहीं बने थे. इस काम को जनवरी में पूरा किए जाने की बात कही जा रही है. वहीं, फायर एनओसी लेने के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम को इंस्टाल करने का काम शुरू हो गया है.
अस्पताल के सभी वार्डों में फायर फाइटिंग सिस्टम को अपडेट किया जा रहा है. साथ ही आग लगने पर बजने वाले साउंड सिस्टम भी यहां लगाए जाएंगे. इन सभी का फर्स्ट ट्रायल किया जाएगा.
इस कारण हो रही देरी: अस्पताल का काम पूरा कराने के लिए हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की टीम हर एक पहलु की मॉनिटरिंग कर रही है. ये अस्पताल 200 बेड का बनाया जा रहा है. अस्पताल का काम पूरा न होने का कारण है कि पीडब्ल्यूडी द्वारा अस्पताल को जिला सिविल अस्पताल सेक्टर-6 पंचकूला की सीएमओ मुक्ता कुमार को हैंडओवर ही नहीं किया गया है. इस कारण काम में देरी हो रही है.आधिकारिक सूत्रों की मानें तो ये अस्पताल साल 2025 से शुरू हो सकता है, क्योंकि अभी काफी काम बचा हुआ है.
बिल्डिंग का काम पूरा लेकिन फायर एनओसी नहीं: अधिकारियों की मानें तो अस्पताल के निर्माण का काम लगभग पूरा कर लिया गया है, लेकिन अस्पताल में पानी का कनेक्शन, अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र, एनओसी जैसे अन्य आवश्यक काम फिलहाल पूरे नहीं किए जा सके हैं. हालांकि अधिकारी इन सभी कामकाज को पूरा करने की कोशिश कर रही है.अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनें लाई जानी शुरू कर दी गई हैं. जब तक सभी जरूरी काम पूरे नहीं कर लिए जाते, उस समय तक अस्पताल का संचालन नहीं हो सकेगा.
ये सुविधाएं होगी उपलब्ध: इस अस्पताल में 200 बेड, तीन आईसीयू वार्ड, नौ ऑपरेशन थिएटर, 28 वार्ड की सुविधाएं उपलब्ध होगी. इसके अलावा हर वार्ड में छह मरीजों का बेड, तीन सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट, विभिन्न मंजिलों पर करीब 22 प्राइवेट वार्ड, 35 नर्सिंग स्टेशन, तीन बेसमेंट में दो में पार्किंग और एक में स्टोर उपलब्ध कराने का भरोसा दिया गया है. फिलहाल अस्पताल में मामूली कामकाज जारी होने के साथ मशीनें लाई जा रही हैं. अस्पताल में करीब 10 करोड़ की कीमती मशीनें इंस्टॉल की जानी हैं.
जिला अस्पताल में बेड की कमी होगी दूर: मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में 200 से अधिक बिस्तर जुड़ने से दोनों अस्पतालों में बेड की कुल संख्या 500 हो जाएगी. अस्पताल में 200 नए बेड में से 100 स्त्री रोगी और 100 शिशु रोगी के लिए निर्धारित हैं. इससे जिला सिविल अस्पताल में अक्सर बेड की कमी की समस्या भी खत्म हो जाएगी, क्योंकि जिला अस्पताल में बेड कोंकणी से अक्सर एक बेड पर 2 महिला मरीजों को एकसाथ एडजस्ट करना पड़ता है.
अन्य जिलों से भी आते हैं मरीज: जिला सिविल अस्पताल में 60 फीसद मरीज बाहर से आते हैं. यही कारण है कि अस्पताल में हमेशा भीड़ रहती है. सामान्य ओपीडी में रोजाना हजारों की संख्या में मरीज पहुंचते हैं. यहां हरियाणा के लगभग सभी जिलों से मरीज आते हैं, जिनमें अधिकांश मामले रेफरल के होते हैं. यहां पंचकूला सिटी के अलावा चंडीगढ़ के मनीमाजरा, मोहाली के जीरकपुर, पंचकूला के कालका, पिंजौर, रायपुररानी, बरवाला, मोरनी समेत अन्य गांवों के मरीज भी इलाज के लिए पहुंचते हैं.
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