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प्रधान और उपप्रधान दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए हुए रवाना, पीएम मोदी को देंगे ये गिफ्ट

Republic Day 2024 केंद्र सरकार उत्तराखंड के बॉर्डर से लगे क्षेत्रों के विकास पर लगातार फोकस कर रही है. साथ ही इन गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना चला रही है.वहीं केंद्र सरकार ने इस बार इन गांवों के प्रधानों और उपप्रधानों को दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 24, 2024, 12:57 PM IST

Updated : Jan 24, 2024, 1:05 PM IST

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उत्तरकाशी: केंद्र की महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल सीमावर्ती गांवों के प्रधानों और उप प्रधानों को दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है. उत्तरकाशी जिले से चयनित आठ गांव के प्रधान व उपप्रधान समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गए है. ये प्रधान और उपप्रधान अपने परिवार के साथ आईटीबीपी के नेतृत्व में दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. इनमें उत्तरकाशी जिले के आठ गांव जिसमें बगोरी, धराली, हर्षिल, जादूंग, जसपुर, झाला, मुखबा, नेलांग, पुराली व सुक्की के प्रधान शामिल हैं.

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पीएम मोदी की भोजपत्र पर बनाई तस्वीर

केंद्र सरकार की ओर से सीमा पर बसे गांवों को आबाद करने समेत वहां विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का संचालन किया जा रहा है. इसके तहत उत्तराखंड की सीमा पर बसे वाइब्रेंट विलेज के प्रधानों को दिल्ली में लाल किले पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष मेहमान के तौर पर हिस्सा लेने का आमंत्रण मिला है. उत्तरकाशी जिले में वाइब्रेंट विलेज के प्रधान परिवार 12वीं वाहिनी आईटीबीपी मातली के नेतृत्व में रवाना हुए. हर्षिल गांव के प्रधान दिनेश रावत ने कहा कि अगर उन्हें अवसर मिला तो वो अपने हाथों से पीएम को उपहार भेंट करेंगे. साथ ही जसपुर के प्रधान हरीश राणा ने कहा कि सीमांत गांवों के प्रधानों के लिए यह बड़े सौभाग्य की बात है.
पढ़ें-PM मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से वाइब्रेंट होंगे विलेज, देश के सीमांत गांवों की बदलेगी तस्वीर, सीमाएं होंगी मजबूत

उत्तराखंड के तीन सीमावर्ती जिले उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के वाइब्रेट विलेज योजना में शामिल 35 ग्राम पंचायतों के 67 ग्राम प्रधान और उप प्रधानों को केंद्र सरकार ने आमंत्रित किया है. इनमें से 66 ने दिल्ली जाने की सहमति दी. उत्तरकाशी में हर्षिल, धराली, मुखबा, बगोरी, झाला, जसपुर, पुराली और सुक्की गांव वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल है. इन गांव के प्रधान अपने परिवार के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. वाइब्रेंट विलेज हर्षिल के उप प्रधान माधवेंद्र सिंह रावत की पत्नी अनुप्रिया रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करने के लिए उनकी अनूठी पेंटिंग भोजपत्र पर तैयार की है. जिसे विशेषतौर अखरोट के छिलकों से तैयार रंग से बनाया गया है.
पढ़ें-बजट 2022 में उत्तराखंड: सीमांत गांवों के लिए नई वाइब्रेंट विलेज योजना, राज्य को ऐसे मिलेगा फायदा

दरअसल, भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने उत्तरकाशी के आठ वाइब्रेंट विलेज के प्रधान व उपप्रधानों को पत्नी संग नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह का न्योता दिया है. भारत सरकार के निमंत्रण से उत्साहित हर्षिल के उप प्रधान माधवेंद्र रावत की पत्नी अनुप्रिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार स्वरूप भेंट करने के लिए उनकी एक पेंटिंग तैयार की है. भोजपत्र पर तैयार इस पेंटिंग में पीएम हाथ जोड़कर भगवान राम को नमन करते नजर आ रहे हैं. अनुप्रिया ने बताया कि भोजपत्र का प्रयोग प्राचीन समय में कागज की तरह ही किया जाता था. बताया कि अब यह बहुत कम ही देखने को मिलता है. बताया कि भोजपत्र पर पेंटिंग तैयार करना आसान नहीं था. एक बार असफल होने के बाद दूसरी बार उन्हें भोजपत्र पर पेंटिंग बनाने में सफलता मिली. बताया कि यह टकनौर पेंटिंग है. अनुप्रिया इससे पहले स्नो लेपर्ड सहित कई अन्य पेंटिंग तैयार कर चुकी हैं.

उत्तरकाशी: केंद्र की महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल सीमावर्ती गांवों के प्रधानों और उप प्रधानों को दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है. उत्तरकाशी जिले से चयनित आठ गांव के प्रधान व उपप्रधान समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गए है. ये प्रधान और उपप्रधान अपने परिवार के साथ आईटीबीपी के नेतृत्व में दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. इनमें उत्तरकाशी जिले के आठ गांव जिसमें बगोरी, धराली, हर्षिल, जादूंग, जसपुर, झाला, मुखबा, नेलांग, पुराली व सुक्की के प्रधान शामिल हैं.

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पीएम मोदी की भोजपत्र पर बनाई तस्वीर

केंद्र सरकार की ओर से सीमा पर बसे गांवों को आबाद करने समेत वहां विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का संचालन किया जा रहा है. इसके तहत उत्तराखंड की सीमा पर बसे वाइब्रेंट विलेज के प्रधानों को दिल्ली में लाल किले पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष मेहमान के तौर पर हिस्सा लेने का आमंत्रण मिला है. उत्तरकाशी जिले में वाइब्रेंट विलेज के प्रधान परिवार 12वीं वाहिनी आईटीबीपी मातली के नेतृत्व में रवाना हुए. हर्षिल गांव के प्रधान दिनेश रावत ने कहा कि अगर उन्हें अवसर मिला तो वो अपने हाथों से पीएम को उपहार भेंट करेंगे. साथ ही जसपुर के प्रधान हरीश राणा ने कहा कि सीमांत गांवों के प्रधानों के लिए यह बड़े सौभाग्य की बात है.
पढ़ें-PM मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से वाइब्रेंट होंगे विलेज, देश के सीमांत गांवों की बदलेगी तस्वीर, सीमाएं होंगी मजबूत

उत्तराखंड के तीन सीमावर्ती जिले उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के वाइब्रेट विलेज योजना में शामिल 35 ग्राम पंचायतों के 67 ग्राम प्रधान और उप प्रधानों को केंद्र सरकार ने आमंत्रित किया है. इनमें से 66 ने दिल्ली जाने की सहमति दी. उत्तरकाशी में हर्षिल, धराली, मुखबा, बगोरी, झाला, जसपुर, पुराली और सुक्की गांव वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल है. इन गांव के प्रधान अपने परिवार के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. वाइब्रेंट विलेज हर्षिल के उप प्रधान माधवेंद्र सिंह रावत की पत्नी अनुप्रिया रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करने के लिए उनकी अनूठी पेंटिंग भोजपत्र पर तैयार की है. जिसे विशेषतौर अखरोट के छिलकों से तैयार रंग से बनाया गया है.
पढ़ें-बजट 2022 में उत्तराखंड: सीमांत गांवों के लिए नई वाइब्रेंट विलेज योजना, राज्य को ऐसे मिलेगा फायदा

दरअसल, भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने उत्तरकाशी के आठ वाइब्रेंट विलेज के प्रधान व उपप्रधानों को पत्नी संग नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह का न्योता दिया है. भारत सरकार के निमंत्रण से उत्साहित हर्षिल के उप प्रधान माधवेंद्र रावत की पत्नी अनुप्रिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार स्वरूप भेंट करने के लिए उनकी एक पेंटिंग तैयार की है. भोजपत्र पर तैयार इस पेंटिंग में पीएम हाथ जोड़कर भगवान राम को नमन करते नजर आ रहे हैं. अनुप्रिया ने बताया कि भोजपत्र का प्रयोग प्राचीन समय में कागज की तरह ही किया जाता था. बताया कि अब यह बहुत कम ही देखने को मिलता है. बताया कि भोजपत्र पर पेंटिंग तैयार करना आसान नहीं था. एक बार असफल होने के बाद दूसरी बार उन्हें भोजपत्र पर पेंटिंग बनाने में सफलता मिली. बताया कि यह टकनौर पेंटिंग है. अनुप्रिया इससे पहले स्नो लेपर्ड सहित कई अन्य पेंटिंग तैयार कर चुकी हैं.

Last Updated : Jan 24, 2024, 1:05 PM IST
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