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सरकार के खिलाफ हल्लाबोल की तैयारी में पंचायत सदस्य, नौ सूत्रीय मांग को लेकर बनाई गई आंदोलन की रूपरेखा

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 24, 2024, 10:43 PM IST

Mahapanchayat in Almora अल्मोड़ा में कुमाऊं के छह जनपदों के पंचायत सदस्यों ने आज महापंचायत की है. महापंचायत में नौ सूत्रीय मांग पत्र को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा बनाई गई है.

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अल्मोड़ा: उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के 6 जनपदों के त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के संगठनों ने महापंचायत का आयोजन किया. इसी बीच तीनों पंचायतों के दो वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग उठाई गई. महापंचायत ने नौ सूत्रीय मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज से मिलने का निर्णय लिया है. वहीं मांगे ना मानने पर राज्य स्तरीय आंदोलन करने का भी ऐलान किया है.

तीनों पंचायतों का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाने की मांग: पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर तीनों पंचायतों के संगठन अलग-अलग मंचों से प्रयास कर रहे थे. सभी पंचायतों का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाने सहित अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर सभी पंचायत सदस्य एकमत हैं. उन्होंनें बताया कि 29 जनवरी को गढ़वाल मंडल के सभी जिलों के पंचायत सदस्यों की महापंचायत देहरादून में होगी. ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर संभल ने कहा कि पूर्व में ग्राम प्रधान संगठन दर्जनों बार राज्य सरकार से यह मांग रख चुका है. उत्तराखंड में पहली बार तीनों पंचायतों के सदस्य एकजुट होकर पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए ऐतिहासिक पहल कर रहे हैं.

तीनों पंचायत को होना होगा एकजुट: क्षेत्र प्रमुख संगठन के संरक्षक और भीमताल के क्षेत्र प्रमुख डॉ. हरीश बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था को सही करने के लिए तीनों पंचायत को एकजुट होना होगा. प्रदेश के सभी क्षेत्र पंचायत सदस्य आपस में मिलकर इस आंदोलन को सफल बनाएंगे. वहीं, जिला पंचायत संगठन के संरक्षक और अल्मोड़ा के जिला पंचायत सदस्य धन सिंह रावत ने कहा कि जिला पंचायत संगठन दोनों पंचायत के साथ एकजुट होकर इस आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाएंगा.

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महापंचायत में तय प्रस्ताव: त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाने, राज्य वित्त और 15वें वित्त का भुगतान पूर्व की प्रणाली से किए जाने, सुस्पष्ट पंचायती राज एक्ट बनाने, पंचायत में आरक्षण को 10 वर्ष तक यथावत रखने, पंचायती राज विभाग का ढांचा पुनर्गठित करने, 29 विषयों को पंचायतों को सौपने, क्षेत्र प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव आम जनता से किए जाने, पंचायत कल्याण कोष की स्थापना करने, देहरादून में पंचायत सदस्यों के लिए हॉस्टल का निर्माण करने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया.
ये भी पढ़ें:मंत्री प्रसाद नैथानी ने की विकासनगर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक, राहुल गांधी मंदिर प्रकरण पर ये बोले...

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के 6 जनपदों के त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के संगठनों ने महापंचायत का आयोजन किया. इसी बीच तीनों पंचायतों के दो वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग उठाई गई. महापंचायत ने नौ सूत्रीय मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज से मिलने का निर्णय लिया है. वहीं मांगे ना मानने पर राज्य स्तरीय आंदोलन करने का भी ऐलान किया है.

तीनों पंचायतों का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाने की मांग: पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर तीनों पंचायतों के संगठन अलग-अलग मंचों से प्रयास कर रहे थे. सभी पंचायतों का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाने सहित अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर सभी पंचायत सदस्य एकमत हैं. उन्होंनें बताया कि 29 जनवरी को गढ़वाल मंडल के सभी जिलों के पंचायत सदस्यों की महापंचायत देहरादून में होगी. ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर संभल ने कहा कि पूर्व में ग्राम प्रधान संगठन दर्जनों बार राज्य सरकार से यह मांग रख चुका है. उत्तराखंड में पहली बार तीनों पंचायतों के सदस्य एकजुट होकर पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए ऐतिहासिक पहल कर रहे हैं.

तीनों पंचायत को होना होगा एकजुट: क्षेत्र प्रमुख संगठन के संरक्षक और भीमताल के क्षेत्र प्रमुख डॉ. हरीश बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था को सही करने के लिए तीनों पंचायत को एकजुट होना होगा. प्रदेश के सभी क्षेत्र पंचायत सदस्य आपस में मिलकर इस आंदोलन को सफल बनाएंगे. वहीं, जिला पंचायत संगठन के संरक्षक और अल्मोड़ा के जिला पंचायत सदस्य धन सिंह रावत ने कहा कि जिला पंचायत संगठन दोनों पंचायत के साथ एकजुट होकर इस आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाएंगा.

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महापंचायत में तय प्रस्ताव: त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाने, राज्य वित्त और 15वें वित्त का भुगतान पूर्व की प्रणाली से किए जाने, सुस्पष्ट पंचायती राज एक्ट बनाने, पंचायत में आरक्षण को 10 वर्ष तक यथावत रखने, पंचायती राज विभाग का ढांचा पुनर्गठित करने, 29 विषयों को पंचायतों को सौपने, क्षेत्र प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव आम जनता से किए जाने, पंचायत कल्याण कोष की स्थापना करने, देहरादून में पंचायत सदस्यों के लिए हॉस्टल का निर्माण करने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया.
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