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ओणम त्योहार पर एसपी ने राज्यवासियों को दी शुभकामनाएं, जानिए नक्सल अभियान में ओणम सेतु का महत्व - Onam 2024

Onam festival in Palamu.पलामू में केरला समाज के लोगों ने ओणम त्योहार धूमधाम से मनाया. जिले की एसपी ने ओणम का महत्व बताते हुए राज्यवासियों को ओणम की शुभकामनाएं दी हैं. पलामू का भी केरल से गहरा नाता रहा है.

Onam Festival
पलामू एसपी रीष्मा रमेशन, फूलों की रंगोली और एसीबी के एसपी अंजनी अंजन. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 15, 2024, 2:00 PM IST

Updated : Sep 15, 2024, 2:21 PM IST

पलामूः देशभर में रविवार को ओणम त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. झारखंड में भी दक्षिण भारत के रहने वाले लोगों ने ओणम मनाया. पलामू एसपी रीष्मा रमेशन और एसीबी के एसपी अंजनी अंजन ने ओणम के अवसर पर पलामू समेत पूरे राज्य के लिए सुख समृद्धि की कामना की.

ओणम सेतु का महत्व और ओणम त्योहार की शुभकामनाएं देती पलामू एसपी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

ओणम के साथ छठ भी करती हैं एसपी

बता दें कि पलामू एसपी रीष्मा रमेशन केरल की रहने वाली हैं. झारखंड में पोस्टिंग होने के बाद पलामू एसपी छठ भी करती हैं और केरल की मूल निवासी होने के कारण धूमधाम से ओणम भी मनाती हैं.

Onam Festival
एसपी के द्वारा बनाई गई रंगोली (ईटीवी भारत)

10 दिनों तक मनाया जाता है ओणम

उन्होंने बताया कि ओणम के अवसर पर 10 दिनों तक लगातार घर में फूलों की रंगोली बनायी जाती है. उन्होंने बताया कि ओणम प्रकृति का त्योहार है. फसल की अच्छी उपज की कामना को लेकर यह त्योहार मनाया जाता है. बता दें कि 10 दिनों तक चलने वाले ओणम त्योहार में हर दिन का अलग-अलग महत्व है. यह त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार को भी समर्पित है.

फूलों की रंगोली बनाने की है परंपरा

पलामू एसपी रीष्मा रमेशन बताती हैं कि ऐसी मान्यता है कि ओणम के दौरान राजा महाबली अपने प्रजा से मिलने आते हैं. राजा महाबली के स्वागत में फूलों की रंगोली बनायी जाती है.साथ ही उन्होंने बताया कि ओणम मलयालम का पहला महीना भी है.

Onam Festival
ओणम त्योहार पर बनायी गई फूलों की रंगोली. (फोटो-ईटीवी भारत)

ओणम के दिन तैयार हुआ था यह पुल

झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान में भी ओणम का महत्व रहा है. ओणम के दिन ही झारखंड में नक्सलियों की कमर तोड़ने वाला पुल बनकर तैयार हुआ था. इस पुल का नाम ओणम सेतु रखा गया था. इस पुल को बनाने में 14 घंटे लगे थे. ओणम सेतु झारखंड के लातेहार के बारेसाढ़ के इलाके में बूढ़ा नदी पर बनाया गया था. बूढ़ापहाड़ पर अभियान ऑक्टोपस के दौरान सुरक्षाबलों ने इसी पुल के माध्यम से बूढ़ापहाड़ पर कब्जा जमाया था.

ऑपरेशन ऑक्टोपस में पुल का है विशेष महत्व

बूढ़ापहाड़ पर जाने के लिए तत्कालीन लातेहार एसपी अंजनी अंजन के नेतृत्व में जवानों ने बूढ़ापहाड़ पर पुल का निर्माण किया था. ओणम के दिन ही इस पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. जवानों ने श्रमदान कर पुल तैयार किया था. इस पुल के तैयार होने बाद सुरक्षाबलों ने बूढ़ापहाड़ को फतह किया था.

ये भी पढ़ें-

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ओणम सेतु का महत्व और ओणम त्योहार की शुभकामनाएं देती पलामू एसपी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

ओणम के साथ छठ भी करती हैं एसपी

बता दें कि पलामू एसपी रीष्मा रमेशन केरल की रहने वाली हैं. झारखंड में पोस्टिंग होने के बाद पलामू एसपी छठ भी करती हैं और केरल की मूल निवासी होने के कारण धूमधाम से ओणम भी मनाती हैं.

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एसपी के द्वारा बनाई गई रंगोली (ईटीवी भारत)

10 दिनों तक मनाया जाता है ओणम

उन्होंने बताया कि ओणम के अवसर पर 10 दिनों तक लगातार घर में फूलों की रंगोली बनायी जाती है. उन्होंने बताया कि ओणम प्रकृति का त्योहार है. फसल की अच्छी उपज की कामना को लेकर यह त्योहार मनाया जाता है. बता दें कि 10 दिनों तक चलने वाले ओणम त्योहार में हर दिन का अलग-अलग महत्व है. यह त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार को भी समर्पित है.

फूलों की रंगोली बनाने की है परंपरा

पलामू एसपी रीष्मा रमेशन बताती हैं कि ऐसी मान्यता है कि ओणम के दौरान राजा महाबली अपने प्रजा से मिलने आते हैं. राजा महाबली के स्वागत में फूलों की रंगोली बनायी जाती है.साथ ही उन्होंने बताया कि ओणम मलयालम का पहला महीना भी है.

Onam Festival
ओणम त्योहार पर बनायी गई फूलों की रंगोली. (फोटो-ईटीवी भारत)

ओणम के दिन तैयार हुआ था यह पुल

झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान में भी ओणम का महत्व रहा है. ओणम के दिन ही झारखंड में नक्सलियों की कमर तोड़ने वाला पुल बनकर तैयार हुआ था. इस पुल का नाम ओणम सेतु रखा गया था. इस पुल को बनाने में 14 घंटे लगे थे. ओणम सेतु झारखंड के लातेहार के बारेसाढ़ के इलाके में बूढ़ा नदी पर बनाया गया था. बूढ़ापहाड़ पर अभियान ऑक्टोपस के दौरान सुरक्षाबलों ने इसी पुल के माध्यम से बूढ़ापहाड़ पर कब्जा जमाया था.

ऑपरेशन ऑक्टोपस में पुल का है विशेष महत्व

बूढ़ापहाड़ पर जाने के लिए तत्कालीन लातेहार एसपी अंजनी अंजन के नेतृत्व में जवानों ने बूढ़ापहाड़ पर पुल का निर्माण किया था. ओणम के दिन ही इस पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. जवानों ने श्रमदान कर पुल तैयार किया था. इस पुल के तैयार होने बाद सुरक्षाबलों ने बूढ़ापहाड़ को फतह किया था.

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Last Updated : Sep 15, 2024, 2:21 PM IST
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