पलामूः देशभर में रविवार को ओणम त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. झारखंड में भी दक्षिण भारत के रहने वाले लोगों ने ओणम मनाया. पलामू एसपी रीष्मा रमेशन और एसीबी के एसपी अंजनी अंजन ने ओणम के अवसर पर पलामू समेत पूरे राज्य के लिए सुख समृद्धि की कामना की.
ओणम के साथ छठ भी करती हैं एसपी
बता दें कि पलामू एसपी रीष्मा रमेशन केरल की रहने वाली हैं. झारखंड में पोस्टिंग होने के बाद पलामू एसपी छठ भी करती हैं और केरल की मूल निवासी होने के कारण धूमधाम से ओणम भी मनाती हैं.
10 दिनों तक मनाया जाता है ओणम
उन्होंने बताया कि ओणम के अवसर पर 10 दिनों तक लगातार घर में फूलों की रंगोली बनायी जाती है. उन्होंने बताया कि ओणम प्रकृति का त्योहार है. फसल की अच्छी उपज की कामना को लेकर यह त्योहार मनाया जाता है. बता दें कि 10 दिनों तक चलने वाले ओणम त्योहार में हर दिन का अलग-अलग महत्व है. यह त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार को भी समर्पित है.
फूलों की रंगोली बनाने की है परंपरा
पलामू एसपी रीष्मा रमेशन बताती हैं कि ऐसी मान्यता है कि ओणम के दौरान राजा महाबली अपने प्रजा से मिलने आते हैं. राजा महाबली के स्वागत में फूलों की रंगोली बनायी जाती है.साथ ही उन्होंने बताया कि ओणम मलयालम का पहला महीना भी है.
ओणम के दिन तैयार हुआ था यह पुल
झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान में भी ओणम का महत्व रहा है. ओणम के दिन ही झारखंड में नक्सलियों की कमर तोड़ने वाला पुल बनकर तैयार हुआ था. इस पुल का नाम ओणम सेतु रखा गया था. इस पुल को बनाने में 14 घंटे लगे थे. ओणम सेतु झारखंड के लातेहार के बारेसाढ़ के इलाके में बूढ़ा नदी पर बनाया गया था. बूढ़ापहाड़ पर अभियान ऑक्टोपस के दौरान सुरक्षाबलों ने इसी पुल के माध्यम से बूढ़ापहाड़ पर कब्जा जमाया था.
ऑपरेशन ऑक्टोपस में पुल का है विशेष महत्व
बूढ़ापहाड़ पर जाने के लिए तत्कालीन लातेहार एसपी अंजनी अंजन के नेतृत्व में जवानों ने बूढ़ापहाड़ पर पुल का निर्माण किया था. ओणम के दिन ही इस पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. जवानों ने श्रमदान कर पुल तैयार किया था. इस पुल के तैयार होने बाद सुरक्षाबलों ने बूढ़ापहाड़ को फतह किया था.
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